हरियाणा: आधुनिक युग में जो भौतिक सुख-सुविधाओं मे उन्नति हुई है, उसका श्रेय निश्चय ही विज्ञान एवं तकनीकी को जाता है, परंतु इतनी सुख-सुविधाओं के बाद भी हम सबको एक प्रश्न अवश्य प्रतिदिन सोचना चाहिए कि क्या हम स्वस्थ हैं ? क्या हम खुश है ? क्या हम प्रकृति द्वारा उत्पन किए गए प्राकृतिक स्त्रोतों का उचित लाभ उठा रहे है ? क्या हम अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर है ? तनाव रहित मन और रोग रहित शरीर सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है। लेकिन घर में और स्कूल में हमने कभी ये नहीं सीखा है कि कैसे नकारात्मक विचारों एवं भावनाओं को कैसे संभाले ?
वर्तमान में हमारे विद्यार्थी परीक्षा को लेकर बड़ी चिंता अवसाद एवं नकारात्मक विचारों का शिकार हो रहे है। बढ़ती प्रतियोगिता के कारण यह समस्या और भी विकट होती जा रही है। इसका एक ही उपाय है कि स्वयं को पहचाने ताकि कि ध्यान एवं सकारात्मक ऊर्जा हर व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में कुछ समय स्वयं को अवश्य दें। उक्त विचार हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने ध्यान एवं कल्याण कल्ब द्वारा आयोजित कार्यशाला के दौरान संदेश के माध्यम से व्यक्त किए।
कार्यक्रम में ध्यान एवं कल्याण शिक्षिका एवं ओरेंज बिजनेस सर्विसेज की वरिष्ठ विशेषज्ञ सुश्री मेघा मेहता मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ध्यान, योग, सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शक्तियों का बेहतर उपयोग, चिंता, अवसाद एवं नकारात्मक विचारों से परीक्षा के दौरान कैसे दूर रहें आदि विषयों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। इस दौरान उन्होंने विभिन्न प्रकार की शारीरिक तथा मानसिक क्रियाओं का सजीवता से करके भी दिखाया। जिनका विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने तथा शिक्षको ने अभ्यास किया। इन क्रियाओं मे भ्रसिका, ध्यान, योग क्रियाएं आदि प्रमुख रहे। उन्होंने बताया कि ध्यान एवं योग द्वारा मनुष्य जो चाहे हासिल कर सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बडे तथा योग एवं ध्यान को जीवन का विभिन्न अंग बनाए।
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