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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 'सीड टू सैपलिंग: द इनक्यूबेटर वे' पुस्तक का विमोचन किया

:- नौकरी चाहने वालों को नौकरी देने वालों में बदलना सबसे बड़ी चुनौती- धर्मेंद्र प्रधान

 

गोपेंद्र नाथ भट्ट

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के वरिष्ठ सलाहकार एच.के. मित्तल  ने गुरूवार को सायं नई  दिल्ली के सीएसओआई में आयोजित एक सादे समारोह में  डॉ मनीषा आचार्य और डॉ सुभ्रांसु शेखर आचार्य द्वारा लिखित पुस्तक 'सीड टू सैपलिंग: द इनक्यूबेटर वे' का विमोचन किया। यह पुस्तक नवाचारों, इनक्यूबेशन और लघु व्यवसाय के लिए वित्त पोषण कैसे किया जाय आदि में लेखकों के पांच दशकों के अनुभव का प्रतिबिंब है।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच आज की युवा पीढ़ी  को आत्म निर्भर बनाने की है, इसलिए वे कहते है कि युवा पीढ़ी  को नौकरियों के पीछे भागने के बजाय अपनी प्रतिभा के बलबूते ऐसे नवाचार करने चाहिए कि वे दूसरों को नौकरी देने की काबलियत और हैसियत पैदा कर सकें ।

प्रधान ने कहा कि आज  नौकरी चाहने वालों को नौकरी देने वालों में बदलना हमारी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तक नौकरी चाहने वालों और नौकरी देने वालों के बीच सही संतुलन बनाने और उद्यमिता को सही ढंग से प्रोत्साहित करने में एक प्रेरणास्पद  पुस्तक के रूप में युवाओं को जीवन पथ पर आगे बढ़ने और कार्य करने का मार्ग प्रशस्त करने में उपयोगी होगी।

उन्होंने कहा कि यह पुस्तक प्रधानमंत्री के नए भारत की विकास गाथा के एक रोमांचक चरण में आई है। उन्होंने स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र में प्रत्येक हितधारको को  इनक्यूबेटर कला से जुड़े लोगों के साथ मिल कर आगे बढ़ने के तरीकों को पुस्तक में एक विस्तृत और उपयोगी संदर्भ सामग्री के रूप में समाहित करने के लिए दोनों लेखकों की सराहना की ।

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