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Teachers bid farewell to Mr. Devendra Tomar, Chairman of the Management Committee of Aurobindo College

अरबिंदो कॉलेज की प्रबंध समिति के चेयरमैन श्री देवेंद्र तोमर को शिक्षकों ने विदाई दी

 

  • * श्री देवेंद्र तोमर जैसा चेयरमैन हर कॉलेज को मिले --डॉ. सुमन 
  • * दिल्ली सरकार के कॉलेजों की प्रबंध समिति का कार्यकाल 16 दिसम्बर को समाप्त हो रहा है ।

नई दिल्ली।  दिल्ली सरकार से संबद्ध श्री अरविंदो कॉलेज के शिक्षकों ने बृहस्पति वार को कॉलेज की प्रबंध समिति के शिक्षित युवा चेयरमैन श्री देवेंद्र तोमर के एक वर्ष का सफल कार्यकाल 16 दिसम्बर को पूरा हो रहा है । कार्यकाल समाप्ति पर शिक्षकों व कर्मचारियों ने उनका अभिनंदन कर विदाई दी । विदाई देने वालों में डॉ. हंसराज सुमन , डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ,स्टाफ एसोसिएशन के सचिव डॉ.विनय भारद्वाज ,अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार सिंह व प्रोफेसर विवेक कुमार धनकड़ , डॉ. बत्तीलाल बैरवा आदि थे । बता दें कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों की प्रबंध समिति का कार्यकाल 16 दिसम्बर 2022 को समाप्त हो रहा है । कॉलेज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिए जाने पर  शिक्षकों , कर्मचारियों व छात्रों ने देवेंद्र तोमर को विदाई देते हुए दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया से मांग की है कि श्री तोमर को अरविंदो कॉलेज में कार्य करने के लिए एक मौका और दे ताकि उनके कार्यकाल में शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्तियाँ हो सके क्योंकि उन्होंने बड़ी मेहनत से शैक्षिक व गैर -शैक्षिक पदों का रोस्टर रजिस्टर तैयार कराना , कॉलेज की नई बिल्डिंग की चारदीवारी कराना ,एक दशक से रुकी हुई शिक्षकों व कर्मचारियों की पदोन्नति कराना आदि कार्य को कराया है उनमें  प्रशासनिक कार्य करने की क्षमता है । 

                  कॉलेज के मीडिया संयोजक डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि हमारा यह कॉलेज विख्यात दार्शनिक, स्वतंत्रता सेनानी  एवं शिक्षाविद महर्षि श्री अरविन्द की जन्मशती वर्ष 1972 के दिन स्थापित हुआ जो कि दिल्ली सरकार से सम्बद्ध महाविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में अकादमिक जगत से लेकर कॉर्पोरेट जगत तक में अनेक प्रतिभाएँ उत्पन्न करने एवं महर्षि श्री अरविन्द के विचारों को आत्मसात कर उसे प्रसारित करने तथा अपने कुशल संकाय के रूप में नेतृत्व प्रदानकर्ता के रूप में हमेशा से जाना जाता रहा है । इन सब उपलब्धियों के बावजूद अरविंद  महाविद्यालय की एक विडंबना यह रही है कि अपनी स्थापना के समय से ही महाविद्यालय एक स्कूल ईमारत से आरम्भ होकर वह स्कूल ईमारत में ही रह गया। उसे महाविद्यालय के रूप में आवश्यक सुविधाएं नहीं प्राप्त हो सकीं। डॉ. सुमन ने बताया कि समय -- समय पर आये प्रशासकों, प्रबंध समिति के अध्यक्षों ने इस पर खास तवज्जो नहीं दी। अपनी आधारभूत संरचनागत कमी के बावजूद प्रतिभा विकास में महाविद्यालय ने कोई कमी नहीं छोडी। पर इन कार्यों में योगदान हेतु जो उसका देय है उसे प्राप्त करना उसका अधिकार है । ऐसे में महाविद्यालय की प्रबंध समिति के वर्तमान चेयरमैन श्री देवेंद्र तोमर एक मिसाल बनकर आये। श्री तोमर जैसा चेयरमैन हर कॉलेज को मिले उन्होंने अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान अनेक ऐसे कार्य किए हैं  जिससे महाविद्यालय के विकास को एक नया आधार मिला । 

                       डॉ. सुमन ने आगे बताया कि एक वर्ष पूर्व कॉलेज प्रबंध समिति में चेयरमैन पद का  कार्यभार ग्रहण करते ही श्री देवेंद्र तोमर ने  महाविद्यालय की प्रशासनिक गतिविधियों पर ध्यान देते हुए उसे सुचारु रूप से चलाते हुए एक नई दिशा प्रदान की । उन्होंने महाविद्यालय को क्षमता प्रदान करने वाली  विभिन्न समितियों के संचालन में सहयोग प्रदान करके उसे गति प्रदान की। समय -- समय पर शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच आकर उनकी समस्याओं को सुना और उनकी रुकी हुई पदोन्नतिओं का मार्ग आसान बनाने में मदद की । इनके कार्यकाल में ही पांच दशक से अधिक  पुरानी और जर्ज़र होती जा रही ईमारत के नवीनीकरण एवं आवश्यक संभव निर्माण कार्य को प्रारम्भ कर उसे एक व्यवस्थित स्वरुप प्रदान किया। इतना ही नहीं बल्कि सर्वाधिक आवश्यक महाविद्यालय के लिए लगभग 22 सालों से प्रस्तावित नये भवन के निर्माण हेतु आवंटित किन्तु अप्राप्य भूमि दिलाने में मदद करते हुए उसकी चारदिवारी का निर्माण करने का कार्य भी प्रारम्भ करवाने का जिम्मा स्वयं उठाया और उसकी  देखरेख करने स्वंय टीम के साथ जाते । एक सक्षम और कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में  कॉलेज प्रबंध समिति के चेयरमैन श्री देवेंद्र तोमर का कार्यकाल महाविद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए अविस्मरणीय माना जायेगा जिसे शिक्षक , कर्मचारी व छात्र कभी नहीं भूल सकते ।
   
         डॉ.देवेंद्र तोमर ने अपनी विदाई पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कॉलेज को एक परिवार की भांति मानकर उसके विकास कार्यों पर बल दिया ।उन्होंने कहा कि  मेरा मानना है कि हम संस्थान /कॉलेज में सेवा भावना से आएं है , उसका विकास करना , उसे उन्नति पर ले जाना हमारा कर्तव्य है । जब कॉलेज का नाम शिक्षा , खेल , सांस्कृतिक कार्यक्रमों व अन्य प्रतियोगिताओं में होता है तो हमारा मन ओर अधिक कार्य करना चाहता है । उन्होंने कहा कि यदि सरकार उन्हें एक मौका और दे तो कॉलेज की गोल्डन जुबली पर तमाम रुके हुए कार्यों को पूरा करायेंगे और विश्वविद्यालय में अरविंदो कॉलेज को उच्च स्तर पर पहुंचाना ही मेरा लक्ष्य है । आप लोगों ने एक साल में जो मान -सम्मान दिया है उसकी स्मृति सदैव मेरे ह्रदय में रहेगी । 

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