Latest News

सरकार कर रही है संसदीय समिति की रिपोर्ट की अवमानना

दिल्ली सरकार नाम अम्बेडकर का लेती है लेकिन सरकार के कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों पर नहीं दिया आरक्षण : सुमन ****** दिल्ली सरकार अपने कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों पर रोस्टर रजिस्टर तैयार कराये । ******** 5 साल से ज्यादा कार्य करते हुए ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपलों को तुरंत हटाया जाए । ********** दिल्ली सरकार के कॉलेजों से राजनैतिक हस्तक्षेप समाप्त किया जाए ।

 

 

               फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी बनाने से पूर्व इन कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों का रोस्टर रजिस्टर तैयार कराए । सरकार के इन कॉलेजों में अभी तक कोई भी प्रिंसिपल एससी /एसटी व ओबीसी कोटे से नहीं है । उनका कहना है कि दिल्ली सरकार को अपने वित्त पोषित 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी बनाने की इसलिए चिंता है ताकि वह अपने लोगों की स्थायी नियुक्ति करा सकें । उन्होंने उच्च शैक्षिक संस्थानों में राजनैतिक हस्तक्षेप को समाप्त करने की भी मांग की है । 

                डॉ.सुमन ने बताया है कि पिछले छह महीनों से दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों व कॉलेजों में शिक्षकों के पदों पर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है ।उनका कहना है कि जब विश्वविद्यालय प्रशासन नियुक्ति कर रहा है तो उसे रोकने के लिए गवर्निंग बॉडी का सहारा लिया जा रहा है जबकि पहले भी सरकार किसी भी पार्टी की रही हो ट्रेंकेटिड गवर्निंग बॉडी के समय शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति व पदोन्नति होती रही है । उन्होंने कुलपति से यह भी मांग की है कि सरकार के इन कॉलेजों में राजनैतिक हस्तक्षेप ना होने दे । दिल्ली सरकार पिछले 9 वर्षों से है लेकिन इन्होंने टीचिंग व नॉन टीचिंग पदों पर नियुक्ति नहीं की , अब जब विश्वविद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति कर रहा है तो गवर्निंग बॉडी के नाम पर इन्हें रुकवाना चाहता है । सरकार की गवर्निंग बॉडी तभी बने जब वह प्रिंसिपल पदों का रोस्टर तैयार करें व शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करें ।

दिल्ली सरकार ने प्रिंसिपल पदों पर रोस्टर तैयार नहीं किया --डॉ. सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार अपने वित्त पोषित 28 कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों का रोस्टर तैयार नहीं करा पाई वैसे वह एससी /एसटी व ओबीसी समाज की हमदर्द बनती है लेकिन इन कॉलेजों में एक भी प्रिंसिपल आरक्षित वर्ग से नहीं है । उनका यह भी कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री हर ऑफिस में डॉ.अम्बेडकर का चित्र लगाते हैं और उनका नाम लेते है लेकिन उनके द्वारा बनाए गए संविधान के अनुरूप कार्य नहीं करते । सरकार ने अपने ही कॉलेजों में आज तक प्रिंसिपल पदों पर आरक्षण लागू नहीं किया । सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है । उनका कहना है कि सरकार यदि दलित , पिछड़े वर्गों के प्रति इतनी गम्भीर है तो उन्होंने आज तक प्रिंसिपल पदों पर आरक्षण लागू क्यों नहीं किया ? यदि प्रिंसिपल पदों पर आरक्षण होता तो एससी -- 04 , एसटी --03 व ओबीसी --8  पदों पर आरक्षित वर्गों के प्रिंसिपल होते ।

                फोरम ने कुलपति को लिखे पत्र में लिखा है कि दिल्ली सरकार से पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों के शिक्षकों को पदोन्नति का एरियर , एलटीसी बिल , मेडिकल बिल व अन्य बिलों का बकाया राशि का भुगतान महीनों से नहीं किया गया । उन्होंने यह भी बताया है कि इन कॉलेजों में बिना रोस्टर के एससी/एसटी व ओबीसी कोटे के शिक्षकों के पदों पर सामान्य वर्गो शिक्षकों की नियुक्ति की गई । इतना ही नहीं सरकार जहाँ दलित , पिछड़े वर्गों की हितैषी बनती है अपने  कॉलेजों में एक भी प्रिंसिपल नहीं नियुक्त किया । उन्होंने बताया है कि डीयू में  9 जुलाई 2015 को  आरक्षण की समीक्षा करने व प्रिंसिपल व प्रोफेसर पदों पर आरक्षण लागू करने के लिए संसदीय समिति , यूजीसी , डीओपीटी के अलावा एससी / एसटी कमीशन आया था । समिति ने पाया कि 79 कॉलेजों में से एक भी आरक्षित वर्गो से नहीं है । उन्होंने प्रिंसिपल पदों पर आरक्षण व रोस्टर रजिस्टर बनाने की बात की है ।  सरकार ने इन कॉलेजों का रोस्टर रजिस्टर नहीं बनाया , जिसकी वजह से सबसे ज्यादा रिक्त पद सरकार के कॉलेजों में हैं । उन्होंने यह भी बताया है कि इन कॉलेजों में आरक्षित सीटों पर पढ़ा रहे एडहॉक टीचर्स को समायोजन करने के लिए सरकार व उपमुख्यमंत्री दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.योगेश सिंह पर दबाव डाल रहे है उन्हें अनुमति न दी जाए । नियुक्ति की प्रक्रिया तेज की जाए । 

     सरकार के इन कॉलेजों में एससी,एसटी व ओबीसी कोटे के प्रिंसिपल होने चाहिए -- उन्होंने बताया है कि दिल्ली सरकार के 20 कॉलेजों में प्रिंसिपल पद खाली है । इन पदों का रोस्टर रजिस्टर आज तक सरकार ने तैयार नहीं किया । जिन कॉलेजों में एससी /एसटी व ओबीसी कोटे के प्रिंसिपलों के पद खाली है उनमें श्री अरबिंदो कॉलेज , मोतीलाल नेहरू कॉलेज , सत्यवती सह शिक्षा कॉलेज , राजधानी कॉलेज , शिवाजी कॉलेज , भीमराव अंबेडकर कॉलेज , भारती कॉलेज , अरबिंदो कॉलेज ( सांध्य ) सत्यवती कॉलेज (सांध्य ) मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्य ) भगतसिंह कॉलेज ( सांध्य ) महाराजा अग्रसेन कॉलेज  , श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज , विवेकानंद कॉलेज आदि में आरक्षित वर्गो के प्रिंसिपलों के पद बनते है । उन्होंने पुनः यह मांग की है कि सरकार के इन कॉलेजों में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण पिछले एक दशक से शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हुई है । उन्होंने जल्द से जल्द ट्रेंकेटिड गवर्निंग बॉडी वाले कॉलेजों में भी स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की मांग दोहराई है ।

 

Click Here for More Latest News