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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए आपसी साझेदारी महत्त्वपूर्ण प्रो. टंकेश्वर कुमार

वि में स्कूल लीडर्स व सीबीएसई स्कूलों के प्रिंसीपल्स के साथ संवाद आयोजित--- * दो दिनों तक चलेगा विशेष आयोजन, शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में आपसी सहयोग पर जोर

हकेवि में संवाद कार्यक्रम में प्रतिभागिता करने वाले प्रतिभागी, शिक्षक कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार के साथ

 

 महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफलतम क्रियान्वयन हेतु स्कूल लीडर्स व सीबीएसई स्कूलों के प्रिंसीपल्स के साथ दो दिवसीय विशेष संवाद कार्यक्रम का सोमवार को शुभारंभ हुआ। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्षित उद्देश्यों की पूर्ति में निर्णायक बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रारम्भिक क्रियान्वयन स्कूली स्तर से संभव है और इस प्रयास में स्कूलों व उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच आपसी साझेदारी उल्लेखनीय परिणाम प्रदान करेगी।

शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। इसके पश्चात शिक्षा पीठ की अधिष्ठाता प्रो. सारिका शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आयोजन में सम्मिलित 30 से अधिक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्धता प्राप्त स्कूलों के प्रिंसीपल्स सराहना के योग्य है, जो उन्होंने आपसी साझेदारी के इस प्रयास में सक्रिय रूप से सम्मिलि होने में रूचि दिखाई। इसी क्रम में इस दो दिवसीय आयोजन के संयोजक प्रो. नंद किशोर ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला और उसमें उपलब्ध भारतीय और भारतीयता का उल्लेख करते हुए उसके सफलतम क्रियान्वयन के समक्ष उपस्थित चुनौतियों का भी उल्लेख किया। आयोजन में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में इस आयोजन को प्रारम्भिक शिक्षा व उच्च शिक्षा के बीच आपसी समन्वय व सहयोग का एक माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि स्कूली स्तर पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से ही इसके मूल उद्देश्यों की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। स्किल एजुकेशन, वोकेशनल एजुकेशन का उल्लेख करते हुए कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर हम देख रहे हैं कि वोकेशनल एजुकेशन के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए सौ फीसद रोजगार के लक्ष्य को सहज प्राप्त किया जा रहा है। हमारी शिक्षा नीति भी इसी उद्देश्य की पक्षधर है कि विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास के मोर्चे पर भी सबल बने।

उद्घाटन सत्र के पश्चात आयोजित सत्रों के क्रम में पहले सत्र में शैक्षणिक पक्षों संरचना एवं प्रशासनिक प्रक्रिया पर प्रो. संजीव कुमार व प्रो. नंद किशोर ने दूसरे सत्र में कौशल विकास पर प्रो. पवन कुमार मौर्य व प्रो. प्रमोद कुमार ने, तीसरे सत्र में इंटर्नशिप, फिल्ड विजिट में संभावनाएं विषय पर डॉ. रेनु यादव ने विस्तार से चर्चा की। पहले दिन के चौथे सत्र में प्रतिभागियों ने शिक्षक शिक्षा विभाग के विभिन्न संसाधनों एवं प्रयोगशालाओं व विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय का भ्रमण किया। कार्यक्रम के अंत में शिक्षक शिक्षा विभाग के प्रो. प्रमोद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया और दो दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के तहत चलने वाले विभिन्न सत्रों, उनके विषय व उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। आयोजन के दौरान मंच का संचालन विभाग की सहायक आचार्य डॉ. आरती यादव ने किया। इस अवसर पर शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. संजीव कुमार, प्रो. पवन कुमार मौर्य, प्रो. ए.के. यादव, प्रो. दिनेश चहल, प्रो. गौरव सिंह, प्रो. रणबीर सिंह, डॉ. रेनु यादव सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक, विद्यार्थी, शोधार्थी एवं प्रतिभागी भी उपस्थित रहे।  

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