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श्री अरबिंदो कॉलेज में नार्थ इस्ट फेस्ट का भव्य आयोजन

* श्री अरबिंदो कॉलेज में नार्थ इस्ट फेस्ट का भव्य आयोजन ।

 

    नई दिल्ली।  दिल्ली विश्वाविद्यालय के श्री अरबिंदो कॉलेज ने शुक्रवार को " नर्चरिंग कल्चरल डाइर्सिटी" थीम पर देश में अत्यंत मनोहारी और अपनी अद्भुत सांस्कृतिक छटाओं के लिए प्रसिद्ध पुर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के विविधतापूर्ण सांस्कृतिक परिदृश्य को प्रदर्शित करने वाले "नार्थ ईस्ट फेस्ट" का भव्य आयोजन किया गया। बता दे कि कॉलेज के "नार्थ ईस्ट स्टूडेंट वेलफेयर संगठन" द्वारा इस उत्सव का प्रत्येक वर्ष शानदार आयोजन किया जाता रहा है किन्तु कोविड जैसी विश्वाव्यापी महामारी के कारण विगत वर्षों में यह आयोजन नहीं हो सका था । 

                   इस अवसर पर उपस्थित कॉलेज मीडिया प्रभारी डॉ हंसराज सुमन ने बताया कि इस वर्ष जबकि देश अपनी आजादी कि स्वर्ण जयंती मना रहा है पुर्वोत्तर राज्यों के विद्यार्थियों द्वारा इस क्षेत्र की बहुरंगी संस्कृति को सबके सामने हर्षोल्लास से मनाया जाना स्वर्ण जयंती के एहसास को अत्यंत मनोरम बना देने वाला है । उन्होंने बताया है कि अरबिंदो कॉलेज अपनी स्थापना का पचासवां वर्ष मना रहा है जिसमें देश की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए वर्षभर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा । 

                  विविधता में एकता के सौंदर्य के प्रतीक इस समारोह के अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर विपिन कुमार अग्रवाल अपने सम्बोधन में कहा कि पुर्वोत्तर के राज्य भारत की विशाल विविधता पूर्ण सांस्कृतिक एकसूत्रता को दर्शाते हैं और हमारी अमूल्य धरोहर हैं यह हमें राष्ट्र की एकात्म छवि की शाशक्त अभिव्यक्ति का भी एहसास कराता है। इस विशिष्ट अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अनेक कॉलेज के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सब का मन मोह लिया। 

           डॉ.सुमन ने बताया है कि  इन प्रस्तुतियों में कुछ रचनात्मक प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गयीं जिनमें पुर्वोत्तर के लोक गीत, अनोखे नृत्य, संगीत, गायन तथा फैशन के अंतर्गत रैंप वॉक भी शामिल थे। लोक नृत्य में गार्गी कॉलेज प्रथम रहा एवं द्वितीय स्थान लेडी श्री राम कॉलेज को गया। पुर्वोत्तर लोक गायन में इंद्रप्रस्थ ने बाजी मेरी तथा कालिंदी कॉलेज को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। इस भव्य उत्सव में आयोजनकर्ता श्री अरबिंदो कॉलेज के छात्र छात्राओं ने असम के बिहू, मणिपुर के मैतेय, अनोखे बम्बू नृत्य तथा अनेक अन्य विविध शैलियों के नृत्य संगीत प्रस्तुत करके पुर्वोत्तर की धरती को साक्षात् दर्शन कराकर सबको मुग्ध कर दिया। 

                       इन प्रस्तुतियों में पुर्वोत्तर के सुन्दर परिधानो के साथ ही कई सशक्त थीमों को लेकर रैंप वॉक भी प्रस्तुत किया गया। इस अत्यंत सफल आयोजन की बागडोर कॉलेज की पुर्वोत्तर राज्यों से ही आने वाली डॉ कल्पिता सोनोवाल  के कुशल हाथों में रही।इस महोत्सव को सफल बनाने में डॉ कल्पिता के साथ ही डॉ नीतू डॉ ईशा डॉ सुक्रिति डॉ सुनैना डॉ सीमा एवं डॉ राहुल की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। कार्यक्रम का समापन प्रतियोगियों को पुरस्कार व सम्मान प्रदान करके किया गया।

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