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केंद्रीय व राज्यों के विश्वविद्यालयों से एम.फिल पाठ्यक्रम समाप्त किए जाने पर एम.फिल की सीटों को पीएचडी में तब्दील करने की मांग

* पीएचडी पाठ्यक्रमों में एडमिशन करने के लिए विभागों ने इंटरव्यू की तिथि घोषित की

 

* आरक्षित श्रेणी के एससी/ एसटी , ओबीसी व पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के तहत दिया जाता है सीटों पर आरक्षण 

 

नई दिल्ली।    दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र--2022  --23 के यूजी, पीजी पाठ्यक्रमों में एडमिशन  की प्रक्रिया लगभग पूरी होने को है वहीं उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीएचडी पाठ्यक्रमों में एडमिशन करने के लिए विभिन्न विभागों ने इंटरव्यू की तिथि घोषित कर दी है । कुछ विभाग 30 दिसम्बर से इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू कर रहे है तो कुछ जनवरी के प्रथम सप्ताह से । बता दें कि  एम.फिल पाठ्यक्रमों में एडमिशन बंद कर दिया गया है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन व ( यूजीसी ) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एम.फिल पाठ्यक्रम समाप्त किए जाने के बाद से अब तक एम.फिल की सीटों को पीएचडी में तब्दील करने संबंधी यूजीसी व विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई अधिसूचना / सर्कुलर जारी नहीं किया है । विश्वविद्यालय को इस शैक्षिक सत्र से पीएचडी पाठ्यक्रमों की सीटों को बढ़ाना चाहिए था लेकिन विभागों को इस संदर्भ में अभी तक कोई जानकारी नहीं है । विभागों के अध्यक्षों का कहना है कि जब एम.फिल पाठ्यक्रम बंद कर दिया गया है तो वे सीटें पीएचडी पाठ्यक्रमों को दी जानी चाहिए । लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से एम.फिल सीटों को तब्दील करने संबंधी को अधिसूचना जारी नहीं की है ।  पीएचडी में सीटों को न बढ़ाए जाने को लेकर छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित है प्रशासन को छात्रों की इस चिंता के मद्देनजर जल्द से जल्द उपयुक्त कदम उठाने चाहिए । फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने यूजीसी के चेयरमैन एम.जगदीश व दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि एम.फिल पाठ्यक्रमों की सीटों को पीएचडी पाठ्यक्रमों में तब्दील कर दे तो इससे उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और ज्यादा से ज्यादा शोधार्थियों को प्रवेश मिल सकेगा ।

                    फोरम के चेयरमैन डॉ.हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध 16 संकाय और 86 शैक्षणिक विभागों में पीएचडी करने वाले शोधार्थियों के लिए इंटरव्यू के माध्यम से एडमिशन की प्रक्रिया 30 दिसम्बर व कुछ विभागों द्वारा जनवरी से शुरू हो रही है। उन्होंने बताया है कि हिन्दी विभाग में पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया 30 दिसम्बर से शुरू होकर जनवरी 2023 के अंतिम सप्ताह तक चलेगी ।  पीएचडी पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने वाले उम्मीदवारों के लिए दोनों विकल्प खुले है । नेट व जेआरएफ किए उम्मीदवार भी सीधे इंटरव्यू दे सकते हैं और एंट्रेंस एग्जाम पास करने पर भी पीएचडी में एडमिशन ले सकते है । इन उम्मीदवारों के पास च्वाइस के दोनों विकल्प है । हालांकि यूजीसी नेट और जेआरएफ आदि किए स्टूडेंट्स को इसमें छूट दी जाती है । 

                         आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को मिलता है  केंद्र सरकार की आरक्षण नीति का लाभ-- डॉ. सुमन ने बताया है कि पीएचडी के एडमिशन में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, ओबीसी,पीडब्ल्यूडी श्रेणी  के उम्मीदवारों को केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के तहत आरक्षण दिया जाता है ।साथ ही इस श्रेणी के उम्मीदवारों को पीएचडी पाठ्यक्रम के एडमिशन में आवेदन करने के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को स्नातकोत्तर (मास्टर्स डिग्री) स्तर पर कम से कम -55 प्रतिशत अंक होने अनिवार्य है वहीं आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 5 %अंकों की छूट दी जाती है यानी उनके 50 प्रतिशत अंक हो । उन्होंने बताया है कि वे उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते है जिन स्टूडेंट्स ने एमफिल डिजरटेशन या उनका वाइवा अभी नहीं हुआ है वे स्टूडेंट्स भी पीएचडी प्रोग्राम के लिए अप्लाई कर सकते हैं । उन्होंने बताया है कि पीएचडी करने के बाद उम्मीदवार अपना कैरियर सहायक प्रोफ़ेसर के रूप में चुन सकेंगे। इसके अलावा  पीएचडी करने के बाद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बहुत से अवसर उपलब्ध है।

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