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हिंदी के विकास में तकनीक का योगदान महत्त्वपूर्ण

-हकेवि में वॉइस टाइपिंग पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

हिंदी कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ता को स्मृति चिन्ह भेंट करते प्रो. बीर पाल सिंह यादव

 

  • -सीबीएसई के पूर्व सहायक सचिव श्री धरम सिंह विशेषज्ञ के रूप में रहे उपस्थित

 महेंद्रगढ़  : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में सोमवार को वॉइस टाइपिंग व हिंदी हस्त लेखन विषय पर केंद्रित कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के राजभाषा अनुभाग व हिंदी सलाहकार समिति के साझा प्रयासों से आयोजित इस कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), नई दिल्ली के पूर्व सहायक सचिव, राजभाषा श्री धरम सिंह उपस्थित रहे।

      इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), महेंद्रगढ़ के अध्यक्ष प्रो. टंकेश्वर कुमार ने संदेश के माध्यम से कहा कि आज के समय में तकनीक वह माध्यम है, जिसका उपयोग कर हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति सहज हो सकती है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का विषय बेहद उपयोगी है और अवश्य ही इसका लाभ प्रतिभागियों को हिंदी के प्रचार-प्रसार में प्राप्त होगा।

          कार्यशाला की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। इसके पश्चात विश्वविद्यालय की हिंदी सलाहकार समिति के संयोजक व हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीर पाल सिंह यादव ने विश्वविद्यालय में राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु विश्वविद्यालय कुलपति द्वारा जारी विभिन्न प्रयासों का उल्लेख करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में प्रशासनिक स्तर पर राजभाषा के प्रचार-प्रसार हेतु निरंतर प्रयास जारी है। जिसमें यह कार्यशाला महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभागियों के रूप में उपस्थित सभी सदस्यों विशेषकर अधिष्ठाता शिक्षा पीठ प्रो. सारिका शर्मा व शोध अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान का भी स्वागत किया।

          विशेषज्ञ वक्ता श्री धरम सिंह ने अपने संबोधन में वॉइस टाइपिंग हेतु उपलब्ध विभिन्न ऑनलाइन विकल्पों की जानकारी दी और बताया कि किस तरह से हिंदी टाइपिंग न जानते हुए भी आप हिंदी में कार्यालयीन कार्य सहजता के साथ कर सकते हैं। उन्होंने गूगल डॉक्स, गूगल ट्रांसलेटर जैसे कम्प्यूटर में उपलब्ध वॉइस टाइपिंग के विकल्पों से अवगत कराया और उनका अभ्यास भी प्रतिभागियों को कराया। इसके साथ-साथ कार्यक्रम के दौरान हस्त लेखन का भी अभ्यास प्रतिभागियों ने किया। कार्यशाला में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य कार्यालय भी ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे। आयोजन में मंच का संचालन विश्वविद्यालय के हिंदी अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा पीठ की अधिष्ठाता प्रो. सारिका शर्मा ने किया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी, शोद्यार्थी व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों सहित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य भी उपस्थित रहे।

 

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