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हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय में वार्षिकोत्सव स्पंदन के साथ मनाया गया स्थापना दिवस

हकेवि ने पूरे किए स्थापना के चौदह वर्ष --------विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रस्तुत की भारत की श्रेष्ठ सांस्कृतिक झलक

 

महेंद्रगढ़  : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ ने अपनी स्थापना के चौदह वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। 25 फरवरी 2009 से शुरु हुई इस यात्रा के चौदह वर्ष पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय में स्थापना दिवस व दो दिवसीय वार्षिकोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में एचटी मीडिया में चीफ प्रोडेक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर युधवीर मोर उपस्थित रहे और उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. सुनीता श्रीवास्तव, समकुलपति प्रो. सुषमा यादव, कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई और इस अवसर पर विद्यार्थियों के विभिन्न समूहों ने देश के विभिन्न राज्यों से जुड़े सांस्कृतिक नृत्य व गीत आदि के माध्यम से विविधता में एकता का परिचय देते हुए भारत की श्रेष्ठ सांस्कृति झलक प्रस्तुत की। आयोजन में मुख्य अतिथि श्री युधवीर मोर ने विश्वविद्यालय की प्रगति व विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत भारत की सांस्कृतिक झलक पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय आज प्रगति के पथ पर दौड़ता हुआ नजर आ रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के बीच विविधता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सभी के लिए यह एक अवसर है कि वे एक दूसरे की सांस्कृतिक विरासत को जाने समझे और सहर्ष स्वीकार करें। उन्होंने इस मौके पर महेंद्रगढ़ जिले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह जिला सदैव ही प्रदेश के स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता रहा है। बाबा रामदेव और सतीश कौशिक इसी जिले की देन हैं। ऐसे में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय को देखकर लगता है कि यह विश्वविद्यालय  और इसके विद्यार्थी न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश-दुनिया के स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे। इससे पूर्व में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने सभी को विश्वविद्यालय की स्थापना के चौदह वर्ष पूर्ण होने पर बधाई देते हुए कहा कि यह आयोजन यकीनन हमारी सफलता का प्रदर्शक है। यह अवसर है साल भर में अर्जित उपलब्धियों को देखकर भविष्य की दिशा तय करने का। कुलपति ने इस मौके पर विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के अनुरूप् निरंतर बढ़ रहे छात्रों की संख्या का उल्लेख करते हुए कहा कि हम 2009 में स्थापित विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के स्तर पर विद्यार्थियों के पंजीकरण में सबसे अव्वल हैं। नई शिक्षा नीति के अनुरूप विश्वविद्यालय में एकेडमिक क्रेडिट बैंक की व्यवस्था लागू है। साथ ही साथ हमारे विद्यार्थियों को मल्टीपल एंट्री व एग्जिट जैसे विकल्प भी उपलब्ध कराएं जा रहे हैं कुलपति ने इस अवसर पर बताया कि विश्वविद्यालय ने बीत साल डेटा साइंस, जियो इंफोरमेटिक्स और हिंदी अनुवाद अध्ययन पाठ्यक्रम की शुरुआत की। कुलपति ने कहा कि हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों को पढ़ाई के बाद रोजगार सम्पन्न, कुशल उद्यमी व रोजगार सजृन करने के योग्य बनाना है और इसी लक्ष्य की प्राप्ति से हम आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं। कुलपति ने इस अवसर पर संसाधानों के विकास के मोर्चे पर भी विश्वविद्यालय प्रगति कर रहा है। नए छात्रावासों व स्टॉफ क्वार्टस की सुविधा उपलब्ध करवाने के बाद हम नए पुस्तकालय व ऑडिटोरियम के निर्माण की ओर अग्रसर है।

विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने अपने संबोधन में स्पंदन को एक महत्त्वपूर्ण आभास बताते हुए कहा कि यह हम सभी में नई चेतना के विकास में मददगार रहता है। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय जिस तरह से प्रगति के पथ पर अग्रसर है वह सर्वविदित है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार के नेतृत्व में विश्वविद्यालय नई-नई उपलब्धियों को प्राप्त कर रहा है। यकीनन अब हम अपने स्थापना के चौदह वर्ष पूर्ण कर चुके हैं और मानव जीवन के हिसाब से यह किशोर अवस्था का परिचायक है। आज विश्वविद्यालय को देखकर कुछ ऐसा ही लगता है कि जैसे कि एक किशोर नई बुलंदियों को पाने के लिए ऊर्जा से लबरेज होकर प्रयासरत है। समकुलपति ने सभी सहभागियों को स्थापना दिवस की बधाई दी। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कार्यक्रम के आरंभ में स्वागत भाषण देते हुए विश्वविद्यालय की स्थापना और इसकी विकास यात्रा पर प्रकाश डाला। विशेषकर उन्होंने कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार के कार्यकाल में विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम अब विश्व पटल पर अपनी पहचान स्थापित कर रहे हैं। जिसके लिए सभी सहभागी पूर्ण ऊर्जा के साथ प्रयासरत हैं। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. आनंद शर्मा ने अंतर विश्वविद्यालय सांस्कृतिक वार्षिकोत्सव के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हकेवि के साथ-साथ अन्य विश्वविद्यालयों की टीमें हिस्सा ले रही हैं। दो दिनों के इस आयोजन में म्यूजिक, डांस, साहित्यिक कार्यक्रम, थियेटर, फाइन आर्ट के तहत वोकल म्यूजिक, ग्रुप डांस, लोकनृत्य, कविता पाठ, वाद-विवाद, स्किट, माइम, पेंटिंग, कोलाज मेकिंग, रंगोली, महेंदी, फोटोग्राफी, पोस्टर मेकिंग आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंत में आयोजन की संयोजक डॉ. आरती यादव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डॉ. ए.पी. शर्मा, डॉ. रेनु यादव, प्रो. संजीव कुमार, प्रो. नीलम सांगवान, प्रो. सारिका शर्मा सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, शिक्षणेतकर कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे। 

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