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आंध्र प्रदेश के कॉलेज में हुआ फर्जी ‘हिजाब’ नाटक

:- सौहार्दपूर्ण ढंग से मामला सुलझाया

आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा के एक कॉलेज में दो छात्राओं ने कॉलेज अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर फटकार के डर से बृहस्पतिवार को एक फर्जी ‘हिजाब’ नाटक किया। बाद में यह मामला बिना किसी विवाद के समाप्त हो गया ।लगभग 69 साल पुराने जेसुइट शैक्षणिक संस्थान के इतिहास में ऐसा कोई मुद्दा नहीं देखा गया है।
 

जानकारी के अनुसार संस्थान के  प्राचार्य जी ए पी किशोर सुबह संस्थान का निरीक्षण कर रहे थे तब दो छात्राएं कॉलेज के गलियारे में घूमती हुई पाई गईं। प्राचार्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने उनसे पूछा कि वे वहां क्या कर रही हैं और उन्हें (अपनी पारंपरिक पोशाक बदलने के बाद) वर्दी में कक्षा में जाने के लिए कहा।’’  पुलिस के अनुसार, लड़कियों ने इसके बजाय अपने माता-पिता को फोन किया और ‘‘शिकायत’’ की कि उन्हें कॉलेज की वर्दी पहनने और पारंपरिक पोशाक नहीं पहनने के लिए कहा जा रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘कॉलेज में यह एक सामान्य बात है कि जो छात्राएं अपनी पारंपरिक पोशाक में आती हैं, वे कक्षा में प्रवेश करने से पहले, इसे बदलकर वर्दी पहनती हैं। कपड़े बदलने के लिए एक अलग कमरा है।  पुलिस अधिकारी ने कहा कि ये दोनों लड़कियां भी रोज ऐसा ही करती थीं लेकिन आज किसी तरह उन्होंने इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की। संभवत: उन्हें किसी तरह की फटकार का डर था क्योंकि वे आज देर से कॉलेज आई थीं और प्राचार्य ने उनसे पूछताछ की। पुलिस ने कहा कि लड़कियों के माता-पिता धार्मिक प्रवृत्ति के कुछ व्यक्तियों के साथ कॉलेज आए और प्राचार्य से बात की और मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया। जिलाधिकारी जे निवास ने कॉलेज प्राचार्य से बात कर घटना की जानकारी ली।

दिलचस्प बात यह है कि कई अन्य छात्राओं को अपने पारंपरिक परिधानों में स्वतंत्र रूप से कॉलेज के अंदर और बाहर आते-जाते हुए पाया गया और किसी ने शिकायत नहीं की। प्राचार्य ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी ने कॉलेज में दाखिला लेने के दौरान एक आचार संहिता पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें ‘ड्रेस कोड’ का पालन करना भी शामिल था। उन्होंने कहा, हम इस बात पर फैसला करेंगे कि कल से पारंपरिक पोशाक की अनुमति दी जाए या नहीं।

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