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हकेवि में नैतिकता और नैतिक मूल्यों पर भारतीय लोकाचार पर केंद्रित विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने संदेश के माध्यम से इस आयोजन के लिए विभाग की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजन से अवश्य ही विद्यार्थी शोधार्थी लाभांवित होंगे।

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग द्वारा विशेषज्ञ
व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान
विभाग के प्रो. निर्मल कुमार स्वैन विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। इस व्याख्यान के माध्यम से प्रो. निर्मल
कुमार स्वैन ने छात्रों को नैतिकता के महत्व और इसके निहितार्थों से अवगत कराया। विश्वविद्यालय के कुलपति
प्रो. टंकेश्वर कुमार ने संदेश के माध्यम से इस आयोजन के लिए विभाग की सराहना की और कहा कि इस तरह
के आयोजन से अवश्य ही विद्यार्थी शोधार्थी लाभांवित होंगे।
व्याख्यान की शुरूआत में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीराम पाण्डेय ने प्रो.
निर्मल कुमार स्वैन का स्वागत किया। प्रो. स्वैन ने नैतिकता और नैतिक मूल्यों को भारतीय लोकाचार,
परंपराओं, और संस्कृति के संदर्भ में कहा कि नैतिकता सिर्फ कानूनों और नियमों के पालन से ज्यादा है। भारतीय
संस्कृति में नैतिकता और नैतिक मूल्यों का अद्वितीय स्थान है। नैतिकता केवल नियमों और नियमावलियों से ही
परिभाषित नहीं होती है, बल्कि यह चरित्र, न्याय के प्रति समर्पण, सामरिकता, और न्यायसंगत आचरण में भी
परिलक्षित होती है। हमारी क्षमताओं और हमारे विश्वासों के बीच असंगति होने पर नैतिकता और मूल्य में
टकराव होता है। उस समय मूल्यों का चयन चुनौतीपूर्ण होता है। प्रो. स्वैन ने महाभारत और रामायण का
उदाहरण देते हुए कहा कि यह उपयोगितावादी और परिस्थितियों पर निर्भर करता है कि नैतिकता और मूल्यों
के टकराव होने पर किस को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इनका चयन व्यक्तिगत राय,
सामाजिक प्रभाव और अनुभव पर आधारित होता है।
प्रो. स्वैन ने कहा कि हमें नैतिक मूल्यों को सिर्फ बोलने वाली बात नहीं समझनी चाहिए, बल्कि हमें उन्हें अपनी
जीवनशैली में समाहित करना चाहिए। व्याख्यान के बाद सवाल जवाब सत्र के दौरान विशेषज्ञ वक्ता ने
प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विभाग के सहायक
आचार्य डॉ. अमित कुमार ने कहा कि इस व्याख्यान के माध्यम से विद्यार्थियों को नैतिकता और नैतिक मूल्यों के
महत्तव को समझने में अवश्य मदद मिलेगी।

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