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प्रिंसिपलों के पदों को भरने के लिए डीयू ने कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्षों को सर्कुलर जारी किया

* मार्च के अंतिम सप्ताह से शुरू हो सकती है प्रिंसिपल पदों पर नियुक्ति :- * बिना परमानेंट प्रिंसिपल के चल रहे हैं 20 से अधिक कॉलेज

 

       नई दिल्ली।   दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार ( कॉलेजिज ) ने कॉलेजों के चेयरपर्सन / गवर्निंग बॉडी को सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय के क्लॉज --7 (2) और ऑडिनेन्स --18  के नियमों के अंतर्गत  दिल्ली  विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों / संस्थानों में जहाँ भी प्रिंसिपलों के पद खाली है और उस पर एक्टिंग या ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल काम कर रहे है उनकी नियुक्तियों के संदर्भ में दिशा निर्देश दिए गए है कि उन पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए । जिन कॉलेजों में एक्टिंग व ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल काम कर रहे है वे गवर्निंग बॉडी की मीटिंग बुलवाकर प्रिंसिपल पदों का विज्ञापन निकालने की तैयारी कर रहे है । जब से डीयू ने सर्कुलर जारी किया है कुछ कॉलेजों के प्रिंसिपलों की चिंता सता रही है कि वे लंबे समय से प्रिंसिपल है कभी नियुक्तियों के समय उन्हें बाहर न कर दे । वे अपने-अपने आकाओं व पार्टी के चक्कर काटने लगे है । संभावना जताई जा रही है कि मार्च के अंतिम सप्ताह से प्रिंसिपल पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो सकती है ।

                     प्रिंसिपलों के पदों को भरे जाने संबंधी सर्कुलर का आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली  टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने स्वागत किया है वहीं दूसरी तरफ प्रिंसिपलों पदों पर आरक्षण न देने पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि  एससी/ एसटी के कल्याणार्थ संसदीय समिति ने इन पदों को भरने से पहले0 प्रिंसिपल पदों को क्लब करके रोस्टर रजिस्टर बनाना चाहिए । लेकिन अभी तक जितने भी प्रिंसिपल पदों के विज्ञापन निकाले गए है आरक्षण नहीं दिया । उनका कहना है कि  20 से अधिक कॉलेजों में प्रिंसिपलों के पद खाली है जिसे लंबे समय से नहीं भरा गया है। उनका कहना है कि काफी समय से इन पदों को भरने की मांग की जा रही थीं ।

                     दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ.हंसराज सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि विश्वविद्यालय कॉलेजों तथा संस्थानों से लगातार प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्तियों के संदर्भ में अनुरोध करता आ रहा है जिसके संदर्भ में 23 अगस्त 2019 से ही पत्र व्यवहार जारी है और अंतिम रूप से 19 जनवरी ,2022 को कॉलेजों तथा संस्थानों को पत्र लिखा गया । साथ ही  13 अक्टूबर 2021 , 1 नवम्बर 2021 , 15 नवम्बर ,2021 आदि तारीखों को कई बार प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्तियों के संदर्भ में पत्र जारी किए गए है । उनका कहना है कि विश्वविद्यालय ने सर्कुलर में लिखा है कि देखने में आया है कि  कुछ कॉलेजों में प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्ति हेतु कोई संज्ञान ना लेकर , कार्यवाही न करते हुए साथ ही अवधि समाप्त होने के बावजूद बिना किसी पूर्व अनुमति के एक्टिंग व ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल पर काम करते जा रहे है ।

                     विश्वविद्यालय ने लिया संज्ञान --- डॉ .सुमन ने बताया है कि कुछ कॉलेजों में एक्टिंग व ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपलों की अवधि समाप्त होने के बावजूद बिना अनुमति के कार्य कर रहे थे । उनका कहना है कि जिसके संदर्भ में  विश्वविद्यालय ने क्लॉज --7 (3 ) में इसे गम्भीर मामला मानते हुए जो कि ऑडिनेन्स --18 के अंतर्गत दर्ज है , संज्ञान लिया है। इसीलिए विश्वविद्यालय ने कॉलेजों /संस्थानों में विश्वविद्यालय द्वारा जारी अनुदेशों के अंतर्गत जो कि पहले भी जारी जा चुके है , स्थायी प्रिंसिपलों की नियुक्ति सुनिश्चित करें और यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी प्रिंसिपल बिना विश्वविद्यालय की पूर्व  अनुमति के एक्टिंग या ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल नहीं रह सकता। इसके संदर्भ में विश्वविद्यालय के अध्यादेश --18 तथा क्लॉज --7 (3 ) में दर्ज है ।इस स्थिति में यदि क्लॉज --7 ( 3 ) तथा अध्यादेश--18 के अंतर्गत वर्णित नियमों से अलग हटकर कार्य किए जाने की सूचना के अनुसार यदि कोई प्रिंसिपल एक्टिंग या ऑफिसिएटिंग बना हुआ है तो उसके पद को अमान्य माना जाएगा । डॉ. सुमन ने बताया है कि अकादमिक जगत के बड़े हित को ध्यान में रखकर ही स्थायी प्रिंसिपलों की नियुक्ति करने के लिए विश्वविद्यालय ने सर्कुलर जारी किया है।

                डॉ. सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत 28 कॉलेज आते हैं। इन कॉलेजों में नहीं है स्थायी प्रिंसिपल--श्री अरबिंदो कॉलेज, श्री अरबिंदो कॉलेज(सांध्य) मोतीलाल नेहरू कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्य) सत्यवती कॉलेज, सत्यवती कॉलेज (सांध्य ) शहीद भगतसिंह कॉलेज ,शहीद भगतसिंह कॉलेज (सांध्य) श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, भारती कॉलेज, इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, राजधानी कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, गार्गी कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज, शिवाजी कॉलेज आदि है । इसके अलावा भीमराव अम्बेडकर कॉलेज में प्रिंसिपल सेवानिवृत्त होने पर पद खाली  है । उन्होंने बताया है कि जिन कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों पर इंटरव्यू नहीं हुए उन विज्ञापनों की समय सीमा समाप्त हो गई ।  इन कॉलेजों को फिर से प्रिंसिपल पदों पर नियुक्तियां करने संबंधी विज्ञापन निकालने पड़ेंगे ।
               
           डॉ. सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार के कॉलेजों में प्रिंसिपल, सहायक प्रोफेसरों के पदों के अतिरिक्त लाइब्रेरियन व गैर शैक्षिक पदों पर भी लंबे समय से नियुक्ति ना होने से सैंकड़ों पद खाली पड़े हैं । इसके अलावा यूजीसी द्वारा सेकेंड ट्रांच के पदों पर नियुक्ति की जानी है, कुछ कॉलेजों ने विज्ञापन निकाल दिए थे  कुछ में  निकलने बाकी है लेकिन इस सर्कुलर के आने के बाद फिर से प्रिंसिपल पदों का रोस्टर  तैयार कर पदों को विज्ञापित करना पड़ेगा ।

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