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डीयू3 :31 दिसम्बर तक भरी जायेगी अंडरग्रेजुएट कोर्सिज की खाली पड़ी सीटें

* डीयू ने स्पेशल स्पॉट राउंड--2 के अंतर्गत खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए सर्कुलर जारी किया ।

 

* कॉलेज प्रिंसिपल नहीं दे रहे हैं खाली पड़ी सीटों का आंकड़ा  व  इन सीटों को कॉलेज नहीं कर रहे है वेबसाइट पर डिस्प्ले ।

                        दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में  शैक्षिक सत्र --2022 --23 के अंडरग्रेजुएट कोर्सिज में खाली पड़ी हजारों सीटों को भरने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बुधवार को " स्पेशल स्पॉट राउंड --2 " निकाला है । इस स्पॉट राउंड के अंतर्गत कॉलेजों में खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए छात्रों को अंतिम अवसर  दिया गया है । यह अवसर उन्होंने बुधवार  शाम -7 बजे से लेकर बृहस्पति वार 5 बजे तक का समय उन छात्रों को दिया है जिनका एडमिशन अभी तक किसी कॉलेज में नहीं हुआ है । विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि  31 दिसम्बर के बाद एडमिशन की प्रक्रिया बंद कर दी जाएगी । हालांकि स्पेशल स्पॉट राउंड --2 में इन सीटों को भरने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बहुत कम समय दिया है । इन  छात्रों को आवेदन करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए था ताकि खाली पड़ी सीटें भरी जा सकें। विश्वविद्यालय द्वारा इन सीटों को भरने के लिए शेड्यूल जारी कर दिया गया है उसी के अनुसार छात्र अपनी सीट जिन कॉलेजों में खाली है , आवेदन कर सकते है । खाली पड़ी इन सीटों में विज्ञान , वाणिज्य व मानविकी विषयों की है । 

                                     फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ.हंसराज सुमन ने डीयू से संबद्ध कॉलेजों में आरक्षित श्रेणी के छात्रों की खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन  द्वारा स्पेशल स्पॉट राउंड --2 निकाले जाने पर कुलपति प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह व कुलसचिव डॉ.विकास गुप्ता का आभार व्यक्त किया है कि उन्होंने फोरम की मांग को छात्र हित में स्वीकार करते हुए उन्हें  दाखिले का एक मौका ओर दिया है । साथ ही उनका यह भी कहना है कि डीयू के उत्तरी परिसर व दक्षिण परिसर के नामचीन कॉलेजों में अभी भी एससी /एसटी /ओबीसी /पीडब्ल्यूडी , ईडब्ल्यूएस व सामान्य वर्गों के छात्रों की सीटें खाली पड़ी है लेकिन प्रिंसिपल सीटों का ब्यौरा नहीं देना चाहते । डॉ. सुमन ने कुलसचिव से मांग की है कि वे एक सर्कुलर जारी कर सभी कॉलेजों के प्रिंसिपलों से स्वीकृत सीटों , भरी गई सीटों व खाली पड़ी सभी वर्गों की सीटों के आंकड़ें मंगवाए जाए व सीटों का सम्पूर्ण ब्यौरा कॉलेज की वेबसाइट पर डिस्प्ले करें तभी इन कॉलेजों में खाली पड़ी सीटों की वास्तविक स्थिति का सही आंकलन हो पाएगा । उन्होंने बताया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी स्पेशल स्पॉट राउंड -2 में  सीटों को नहीं दर्शाया है कि किन -किन कॉलेजों में कितनी सीटें खाली है । हालांकि स्पेशल स्पॉट राउंड --1 में 31 कॉलेजों ने अपने यहाँ  11हजार 152 सीटें जारी की थीं उसमें बहुत कम छात्र ही दाखिला ले पाए है । उन्होंने इन सीटों पर जल्द से जल्द दाखिला दिए जाने की मांग की है और बताया है  कि नया शैक्षिक सत्र 2 नवम्बर 22 से शुरू हो चुका है । यदि इन छात्रों का विलंब से दाखिला होगा तो छात्रों की शिक्षा प्रभावित होगी ।

             फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन  ने कुलसचिव से मांग की है कि वे प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी कर कॉलेजों में खाली पड़ी सीटों का ब्यौरा वेबसाइट पर डिस्प्ले कराने की मांग की है । उन्होंने बताया है कि खाली पड़ी इन सीटों में सबसे ज्यादा एससी /एसटी , ओबीसी , पीडब्ल्यूडी व ईडब्ल्यूएस कोटे के छात्रों की है । उनका कहना है कि डीयू ने पहली बार अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि एससी/एसटी , ओबीसी कोटे की सीटों को भरने के लिए पहली सूची में 30 फीसदी अतिरिक्त छात्र भेजे जाएंगे । यदि वे छात्र भेजे जाते तो संभव है सीटें खाली नहीं रहती । उन्होंने बताया है कि कॉलेजों से सीटों का ब्यौरा आ जाने के बाद ही कोर्सिज वाइज सीटों की वास्तविक स्थिति पता चलेगी क्योंकि कॉलेजों ने अपने यहाँ स्वीकृत सीटों से ज्यादा दाखिला दिया हुआ है लेकिन उसकी एवज में आरक्षित वर्गों की सीटें नहीं भरी । उनका कहना है कि हर साल एससी /एसटी /ओबीसी व पीडब्ल्यूडी वर्गों के छात्रों की ही सीटें खाली रहती है । इसका मुख्य कारण कॉलेज प्रिंसिपलों का सीटों का वेबसाइट पर डिस्प्ले नहीं करना है । 

              उनका कहना है कि पिछले सप्ताह  विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया था कि  अंडरग्रेजुएट कोर्सिज में खाली पड़ी इन सीटों को भरने के लिए छात्रों को " स्पेशल स्पॉट राउंड " के माध्यम से आखिरी मौका दिया जायेगा। उन्होंने बताया है कि नार्थ कैम्पस व साउथ कैम्पस के कॉलेजों में अभी भी खाली सीटें बची हुई  है उन  कॉलेजों से खाली पड़ी सीटों के आंकड़े मंगवाकर  वेबसाइट पर डिस्प्ले कराया जाए । पता चलेगा कि किन --किन कॉलेजों व किन -किन विषयों में किस वर्ग की सीटें खाली है । उन्होंने बताया है यह स्पेशल स्पॉट राउंड --2 ऐसे छात्रों को लिए है जिनका एडमिशन अभी तक जारी विश्वविद्यालय की किसी सूची (लिस्ट ) और स्पॉट राउंड में नहीं आया है । उनका कहना है कि स्पेशल स्पॉट राउंड में वे छात्र आवेदन न करे जिनका एडमिशन पहले किसी कॉलेज में हो चुका है अन्यथा एडमिशन कैंसिल हो जायेगा , स्पेशल स्पॉट राउंड -2 उन छात्रों को दिया जा रहा है जिनका एडमिशन कहीं नहीं हुआ है । 

                       डॉ . सुमन ने विश्वविद्यालय द्वारा जारी सर्कुलर में बताया गया है कि एडमिशन संबंधी सीट एलोकेशन कॉलेज व सब्जेक्ट्स अनुसार आवेदन करें ।  सीट स्वीकार करने के पश्चात ही छात्र एडमिशन ले सकेंगे । इसलिए छात्र  सावधानी पूर्वक आवेदन  करें  हो सकता है इसके बाद दाखिले का मौका न मिले । डॉ.सुमन ने आरक्षित वर्गों के छात्रों से कहा है कि वे कॉलेज को प्राथमिकता न दे यदि उन्हें उनका मनमाना विषय मिल रहा है तो इस राउंड में  अपनी सीट अवश्य सिक्योर कर लेनी चाहिए। विश्वविद्यालय का कहना है कि यदि वह सीट स्वीकार नहीं करेगा तो उसका एडमिशन नहीं होगा । 

         खाली पड़ी आरक्षित श्रेणी की सीटों के आंकड़ें न देने वाले प्रिंसिपलों पर कार्यवाही हो ---- डॉ. सुमन ने कुलपति से  कॉलेजों में अभी भी एससी /एसटी , ओबीसी व पीडब्ल्यूडी , ईडब्ल्यूएस कोटे की सीटें खाली पड़ी है । खाली पड़ी सीटों के आंकड़े न देने वाले प्रिंसिपलों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने  की मांग की है । उनका कहना है कि हर साल विश्वविद्यालय प्रशासन राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग , राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग व एससी /एसटी के कल्याणार्थ संसदीय समिति को आश्वासन देता है कि वह अगले वर्ष आरक्षित सीटों को भर लेगा लेकिन हर साल छात्र उपलब्ध होने के बाद भी सीटों को नहीं भरा जाता ।

         डीयू प्रशासन छात्रों को ऑफ लाइन मौका दे ----डॉ.सुमन का कहना है कि कॉलेजों की मंशा यदि साफ है और विश्वविद्यालय इन खाली पड़ी सीटों को भरना चाहता है तो इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय ( आईपी यूनिवर्सिटी ) की तर्ज पर कॉलेज अपनी खाली सीटों को वेबसाइट पर डिस्प्ले करे और छात्रों को ऑफ लाइन बुलाकर कोर्सिज वाइज सीटों के लिए आवेदन कराए । उसके बाद मेरिट लिस्ट को  आधार मानकर व पहले आओ , पहले पाओ सीटों को आबंटित करें । इस फार्मूले के आधार पर किसी भी कॉलेज में सीटें खाली नहीं रहेगी ।

            डॉ. सुमन ने पुनः दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह व कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता से यह मांग की है कि वे पहले कॉलेजों से विज्ञान , वाणिज्य व मानविकी विषयों के सब्जेक्ट वाइज आंकड़ें मंगवाए  साथ ही प्रिंसिपलों को खाली पड़ी सीटों का ब्यौरा वेबसाइट पर डिस्प्ले करने संबंधी सर्कुलर जारी करे वरना फिर आरक्षित वर्गों की सीटें खाली रह जाएगी । उन्होंने बताया है कि हर साल आरक्षित वर्गों की सीटें ही खाली क्यों रहती है ? उनका कहना है कि सीयूईटी के माध्यम से एडमिशन में देरी के कारण छात्रों की पढ़ाई तो प्रभावित हुई है साथ ही सेमेस्टर शुरू हो चुका है और एडमिशन की प्रक्रिया अभी तक जारी है ।  उन्होंने कुलपति से 31 दिसम्बर तक आरक्षित वर्गों की सभी खाली पड़ी सीटें भरने की मांग की है । यदि फिर भी सीटें खाली रहती है तो इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय का फॉर्मूला स्वीकार कर ऑफ लाइन एडमिशन की प्रक्रिया शुरू कराये । 

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