* गेस्ट टीचर्स के माध्यम से आरक्षण समाप्त करने की साजिश
नई दिल्ली। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन व दिल्ली विश्वविद्यालय की विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों ने अपने यहाँ एडहॉक शिक्षकों के पदों को समाप्त कर उन्हें गेस्ट टीचर्स में तब्दील किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है और कहा कि गेस्ट टीचर्स की आड़ में धीरे -धीरे केंद्र सरकार की आरक्षण नीति को समाप्त कर उन पदों को सामान्य वर्गों के उम्मीदवारों से भरना चाहते हैं । उन्होंने बताया है कि गेस्ट टीचर्स के पदों पर भी केंद्र सरकार की आरक्षण नीति को लागू किया गया लेकिन कुछ कॉलेज इस नियम की अवहेलना कर रहे हैं ।
डीओपीटी के नियमानुसार 45 या उससे अधिक समय के पदों पर भी आरक्षण दिया जाता है । इसके तहत एससी--15 , एसटी --7:5 ,ओबीसी --27 , पीडब्ल्यूडी --5 फीसदी आरक्षण देकर पदों को भरा जाना चाहिए लेकिन जिन कॉलेजों में किसी विभाग में अपने यहाँ 2 पद गेस्ट टीचर्स से भरने के निकाले जिसमें 1 पद एससी व 1 अनरिजर्व । जबकि यह दोनों पद एससी के लिए होने चाहिए । उन्होंने बताया है कि जब इन पदों को स्थायी सहायक प्रोफेसर से भरते हैं तो कॉलेज इन्हें अनारक्षित ( अनरिजर्व ) से भरते है । कुछ कॉलेज आगामी शैक्षिक सत्र --2024 --25 के लिए गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति करने संबंधी विज्ञापन दे रहे हैं । जबकि ये पद ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच की है इन्हें स्थायी या एडहॉक टीचर्स से भरा जाना चाहिए । उन्होंने उन कॉलेजों द्वारा निकाले गए गेस्ट टीचर्स के पदों पर भी रोस्टर के अनुसार भरने की मांग की है ।
ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच के एडहॉक पदों को कर रहे हैं गेस्ट टीचर्स में तब्दील --- डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि जिन कॉलेजों ने ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच के पदों पर स्थायी सहायक प्रोफेसर के पदों के विज्ञापन नहीं निकाले ।अब वे कॉलेज एडहॉक टीचर्स के स्थान पर गेस्ट टीचर्स के माध्यम से इन पदों को निकालकर भर रहे हैं जबकि उक्त पदों को ओबीसी कोटे के सेकेंड ट्रांच के पद शिक्षा मंत्रालय / यूजीसी द्वारा दिए गए थे । उन्होंने कुलपति से यह भी मांग की है कि जिन कॉलेजों ने ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच के पदों को भरने के लिए स्थायी नियुक्ति संबंधी विज्ञापन नहीं निकाला है , उन पदों पर पहले एडहॉक टीचर्स लगाए जाएं । उनका कहना है कि जब यह पद ओबीसी कोटे के सेकेंड ट्रांच केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए है तो किस आधार पर इन पदों को स्थायी /एडहॉक टीचर्स से गेस्ट टीचर्स में तब्दील किया जा रहा है । गेस्ट टीचर्स एक या दो महीने के लिए अल्पकालीन व्यवस्था है ना कि स्थायी ? इसलिए इन पदों पर एडहॉक टीचर्स की व्यवस्था करते हुए रोस्टर के अनुसार भरा जाए । उनका कहना है कि यदि अल्पकालीन व्यवस्था गेस्ट टीचर्स से करनी है तो आरक्षण देकर पदों को भरा जाए ।
डॉ. सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय ने पिछले दो साल से एडहॉक टीचर्स के पदों को गेस्ट टीचर्स में तब्दील कर दिया है । विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने विभागों व कॉलेज प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी कर कहा था कि गेस्ट टीचर्स के पदों पर भी रोस्टर और आरक्षण के नियमों को लागू करते हुए इन पदों को भरा जाए । उनका कहना है कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को भी पढ़ाने का अवसर प्राप्त हो। उन्होंने इस संदर्भ में दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. योगेश कुमार सिंह से मांग की है कि वह जल्द ही आरक्षण और रोस्टर को सही से लागू कराने के लिए कॉलेजों के प्रिंसिपलों को पुनः एक सर्कुलर जारी कराए जिसमें यह सख्त निर्देश दिए गए हो कि जब भी गेस्ट टीचर्स के पदों पर नियुक्ति हो उसमें रोस्टर और आरक्षण का केंद्र सरकार के नियमानुसार एससी, एसटी, ओबीसी ,पीडब्ल्यूडी के उम्मीदवारों को आरक्षण दिया जाये ताकि इन वर्गों के साथ सामाजिक न्याय हो।
Click Here for More Latest News