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आजादी के अमृत महोत्सव के बाल रंग महोत्सव में पांच नाटकों का मंचन

:- यह नाटक आजादी का 75 वाँ अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ‘उड़ान’—द सेंटर ऑफ थिएटर आर्ट एंड चाइल्ड डेवलपमेंट एवं केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय के आईजीएनसीए की ओर से आयोजित बाल रंग शिविर

 

नई दिल्ली: उड़ान द सेंटर आफ थियेटर आर्ट एंड चाइल्ड डवलपमेंट एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से राजधानी दिल्ली में आयोजित बाल रंग महोत्सव में रंगकर्मी संजय टुटेजा के दिशा निर्देशन में पांच नाटकों 'वीरबाला कालीबाई', साहसी बालिका मैना', 'आजादी की कहानी' तथा 'भोला राम का जीव' नाटकों का भी मंचन किया गया। महोत्सव में नन्हें कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से बच्चों का मन मोह लिया।

यह नाटक आजादी का 75 वाँ अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ‘उड़ान’—द सेंटर ऑफ थिएटर आर्ट एंड चाइल्ड डेवलपमेंट एवं केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय के आईजीएनसीए की ओर से आयोजित बाल रंग शिविर के समापन पर जनपथ स्थित आईजीएनसीए के सम्वेत सभागार में बाल रंग महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अग्रसेन मेडिकल कॉलेज और भारतीय शिक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा इंटर नेशनल वैश्य फ़ेडरेशन के सलाहकार जगदीश मित्तल आई जी एन सी ए के आयोजक अचल पण्ड्या, पूर्व विधायक अनिल झाा , जीएलटी सरस्वती बाल विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या श्रीमती वीना गोयलऔर विशिष्ट अतिथि जन सम्पर्क विशेषज्ञ गोपेंद्र नाथ भट्ट ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया।

इस अवसर पर  रंगकर्मी व पत्रकार संजय टुटेजा के दिशा निर्देशन  में पांच  बाल नाटकों का मंचन हुआ जिसमें चार देश भक्ति के नाटक वीर बाला काली बाई के साथ ही प्रभात सेंगर एवं नोमिता सरकार द्वारा निर्देशित ‘मैना का बलिदान, योगेश पंवार द्वारा निर्देशित ‘सरफ़रोशी की तमन्ना,नुपार्थ चौधरी एवं अंशु द्वारा निर्देशित ‘आज़ादी की कहानी’ और हिमांशु दास एवं गौरांग गोयल द्वारा निर्देशित हास्य नाटक  ‘भोला राम का जीव’ का मंचन किया गया। सराहनपुर के झुग्गी झोंपड़ी के बच्चों ने भी नाटक के पात्र बन सभी को प्रभावित किया।

उड़ान के निदेशक और कार्यक्रम के दिशा-निर्देशक एवं संयोजक संजय टूटेजा ने बताया कि ‘उड़ान’ संस्था द्वारा  इस वर्ष इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र और अन्य संस्थाओं की मदद से इसी वर्ष दो बाल रंग महोत्सवों का आयोजन किया गया। जिसमें इस वर्ष का पहला बाल रंग महोत्सव 10 जून को हुआ था, जिसमें जादुरी पेंसिल, अनोखी बिल्ली तथा जय हिंद नाटकों का मंचन किया गया। इस प्रकार इस वर्ष कुल आठ बाल रंगमंच शिविर आयोजित किए गए है और इतने ही नाट्य मंचन किए गए । रंगमंच शिविर में करीब दो सौं बच्चों को रंगमंच के गुर सिखायें गए।

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