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भारतीय संस्कृति को पहचानते हुए इतिहास का पुर्नलेखन आवश्यक : जे.नंद कुमार

- एनडीटीएफ द्वारा हिन्दू नववर्ष 2079 के अवसर पर हंसराज कॉलेज सभागार में मिलन समारोह आयोजित - डूटा व एनडीटीएफ के अध्यक्ष प्रो.एके भागी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण

 
  • - एनडीटीएफ द्वारा हिन्दू नववर्ष 2079 के अवसर पर हंसराज कॉलेज सभागार में मिलन समारोह आयोजित
  • - डूटा व एनडीटीएफ के अध्यक्ष प्रो.एके भागी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण  
 
 
नई दिल्ली। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा हिन्दू नववर्ष 2079  के अवसर पर नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) की ओर से शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज स्थित सभागार में विशेष मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव विषय पर प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक श्री जे.नंद कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) व एनडीटीएफ के अध्यक्ष प्रो.एके भागी सहित, एनडीटीएफ पूर्व अध्यक्ष डॉ.इंद्र मोहन कपाही, डॉ. एनके कक्कड़, एनडीटीएफ के महासचिव व दिल्ली विश्वविद्यालय विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. वीएस नेगी, डॉयरेक्टर सॉउथ कैम्पस प्रो. श्रीप्रकाश सिंह, डूटा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले एनडीटीएफ के प्रतिनिधियों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित रहें।
 
 
कार्यक्रम के आरंभ में संगठन के महासचिव प्रो. वीएस नेगी ने संगठन की रूपरेखा से अवगत कराया और और डूटा चुनाव में मिले शिक्षकों के जनसमर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया। इसके बाद डूटा व एनडीटीएफ के अध्यक्ष प्रो. एके भागी ने इस चुनाव में मिली समर्थन के लिए शिक्षकों का आभार जताया और कहा कि जिस विषय को लेकर आज तक डूटा कमजोर दिखता था उसके समाधान के लिए हम पहले दिन से ही दृढ़ संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करने वाली, भारत की बात करने वाली, भारत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने वाली नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आ चुकी है और इसके लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय का हर शिक्षक संकल्पबद्ध है। प्रो. भागी ने एक बार फिर से दोहराया कि शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए एनडीटीएफ और डूटा सदैव प्रयासरत रहेगा। शिक्षा नीति के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए ndtf काम करेगा। शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए स्थाई शिक्षक होना जरूरी है, इसलिए हम तदर्थ शिक्षकों के समायोजन के लिए प्रयासरत हैं। प्रो.भागी ने कहा कि बात चाहे स्थाई शिक्षकों की पदोन्नति की हो या फिर वो चाहे तदर्थ शिक्षक के समायोजन की, उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि समायोजन की मांग को लेकर हम हर स्तर पर प्रयासरत है और यह एनडीटीएफ के संकल्प का ही परिणाम है कि डूटा के मंच पर संसद मार्ग पर बीते दिनों भारी संख्या में शिक्षक जुटे। उन्होंने कहा कि यह संगठन राष्ट्र निर्माण के ध्येय को लेकर आगे बढ़ रहा है और इसके लिए अनवरत प्रयासरत है।
 
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्री जे.नंद कुमार ने इस अवसर भारतीय ज्ञान परम्परा और हिन्दू संस्कृति के साथ अपनी बात की शुरूआत करते हुए विस्तार से इसके वैज्ञानिक पक्षों को सभागार में उपस्थित शिक्षकों के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि हिन्दू नववर्ष से क्या तात्पर्य है और हिंदू संस्कृति कितनी पुरातन और वैज्ञानिक प्रमाणिता को संजोय हुए है। श्री जे.नंद कुमार से आजादी का अमृत महोत्सव के साथ – साथ शिक्षकों के समक्ष अमृत काल का भी विशेष उल्लेख किया और बताया कि अब समय आ गया है कि के इतिहास का पुर्नलेखन सुनिश्चित कर भारत की असली स्वरूप से आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि अभी तक जो इतिहास हम पढ़ते आ रहे हैं वो अधूरा है और किसी पूर्वाग्रह के परिणामस्वरूप उसे हम पर थोपा गया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों का उल्लेख करते हुए आत्मनिर्भर भारत के सही मायने में क्रियान्वयन हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में शुरू हुए प्रयासों को भी विस्तार से बताया और कहा कि अब वो समय आ गया है जब समूचा विश्व भारत की ओर देख रहा है और भारत की महत्व को पहचान रहा है। उन्होंने शिक्षकों से इस नए भारत के निर्माण में योगदान के लिए सहयोग मांगा और कहा कि वो आगे आए और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे। कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन संगठन की उपाध्यक्ष डॉ.सलोनी गुप्ता ने किया। इस अवसर पर हंसराज कॉलेज की प्राचार्य प्रो. रमा शर्मा भी उपस्थित रही।

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