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प्रोफेसर अनु मेहरा सहित पांच महिलाओं को माता सावित्रीबाई फुले सम्मान

3 जनवरी 2023 को साहित्य , कला , संस्कृति और समाजसेवा के क्षेत्र में सराहनीय व उल्लेखनीय योगदान देने वाली पांच महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय सावित्रीबाई फुले अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा

 

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय माता सावित्रीबाई फुले शोध संस्थान ने हाल ही में घोषणा की है कि आगामी 3 जनवरी 2023 को साहित्य , कला , संस्कृति और समाजसेवा के क्षेत्र में सराहनीय व उल्लेखनीय योगदान देने वाली पांच महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय सावित्रीबाई फुले अवार्ड  से सम्मानित किया जाएगा । संस्थान ने  दिल्ली विश्वविद्यालय की विशिष्ट महिला हस्तियों में जिनमें पीजीडीएवी कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफ़ेसर कृष्णा शर्मा , प्रोफ़ेसर सुषमा यादव ( सम कुलपति , केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा ) प्रोफ़ेसर अनु मेहरा ( विधि संकाय , डीयू )  प्रोफेसर प्रोफेसर गीता सहारे ( डिप्टी डीन , दुवा चेयरपर्सन ) प्रोफेसर रजत रानी मीनू ( कवयित्री व दलित साहित्यकार ) शामिल है ।  प्रोफेसर अनु  मेहरा को यह सम्मान उनके समाजसेवा , महिलाओं में कानून के प्रति जागरूकता पैदा करने व उन्हें उनके अधिकारों से परिचित कराने के लिए व बहुजन समाज में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित करने का फैसला किया गया है। बता दें कि सावित्रीबाई फुले सम्मान  महिला सशक्तिकरण एवं एक बेहतर समाज के निर्माण में  महत्वपूर्ण योगदान के लिए  दिया जाता है I

                           संस्थान के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने  घोषणा के दौरान सभी सम्मानित हस्तियों के बारे में  विस्तार से चर्चा की और उन्होंने बताया है कि प्रोफेसर अनु मेहरा दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि विभाग में  प्रोफ़ेसर ऑफ लॉ के नाते काम कर रही हैं और उन्होंने पिछले दो दशकों में  अपनी शिक्षाविद की भूमिका निभाते हुए शिक्षण, शोध और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक विशिष्ट योगदान  दिया है I प्रोफ़ेसर अनु मेहरा ने अपनी पुस्तकों में स्वास्थ्य के अधिकार को एक व्यापक रूप में परिभाषित किया है और उनका मानना है कि स्वास्थ्य का अधिकार भी मौलिक अधिकारों में शामिल होना चाहिए और इसमें महिलाओं और बच्चों के हितों की रक्षा के लिए मजबूत प्रावधान होने चाहिए I उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारी शिक्षा, सशक्तिकरण एवं उद्यमिता के क्षेत्र में एक विशेष योगदान दिया है I उनके लेख एवं शोध पत्र अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं रिसर्च जनरल में प्रकाशित हो चुके हैं जिसके माध्यम से स्वास्थ्य का अधिकार एवं महिला न्याय के  विभिन्न पहलुओं पर  एक नई सामाजिक पहल और एकेडमिक विमर्श खड़ा हुआ है I

                 संस्थान के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि प्रोफेसर अनु मेहरा दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई जेंडर सेंसटाइजेशन कमेटी की संयोजिका होने के नाते उन्होंने अनेक कार्यक्रम आयोजित किए हैं जिसमें महिला सशक्तिकरण के  सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए 21वीं सदी में महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखा गया I उनका मानना है कि भारतीय समाज को एक महान समाज बनाने के लिए  सावित्रीबाई फुले द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलना होगा जिसमें शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण  योगदान होगा I

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