Latest News

सांस्कृतिक व सामाजिक समन्वय पर काम कर रही है सरकार : रेडडी

ईशान मंथन में पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन :----पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक, आर्थिक व सामाजिक संभावनाओं पर चर्चा

 

नई दिल्ली। केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन व पूर्वोत्तर विकास मंत्री  जी.किशन रेड्डी ने कहा है कि आर्थिक जगत हो या खेल जगत या फिर सभी दिशा में सरकार समावेशी विकास के लिए प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार ने 76 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के सांस्कृतिक और सामाजिक समन्वय पर काम कर रही है। 
       केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन व पूर्वोत्तर विकास मंत्री  जी.किशन रेड्डी ने गत दिवस आईजीएनसीए में आयोजित ईशान मंथन समारोह को संबोधित किया। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में आयोजित ईशान मंथन समारोह में पूर्वोत्तर राज्यों की कलाओं व सांस्कृतिक विरासत का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा रहा है। तीन दिन तक चलने वाले इस समारोह में कलाओं के प्रदर्शन के साथ साथ उभरते भारत के अखंड स्वरूप में पूर्वोत्तर भारत के सांस्कृतिक, आर्थिक, समाजिक संभावनाओं, प्रगति, पहुंच और सरकार के समावेशी विकास कार्यों पर बौद्धिक चर्चाओं का आयोजन भी किया जा रहा है। 
        इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र व प्रज्ञा प्रवाह की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम का उदघाटन केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन व पूर्वोत्तर विकास मंत्री  जी.किशन रेड्डी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डा.सचिदानंद जोशी, प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक नंद कुमार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित, और  इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की निदेशक डॉ प्रियंका मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में देश भर से कई प्रोफेसर, छात्र -छात्राएं और पूर्वोत्तर के आम लोग उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में प्रज्ञा प्रवाह की ओर से दो पुस्तकों 'लोक  बियाॅन्ड फोक' और 'ज्वेल्स ऑफ नॉर्थ ईस्ट इंडिया'  का भी विमोचन किया गया।  
      केन्द्रीय संस्कृति मंत्री जी.किशन रेड्डी ने अपने उदघाटन भाषण में पूर्वोत्तर के संस्कृति तथा पूर्वोत्तर पूर्वोत्तर के संरचना पर हो रहे चहुमुखी विकास विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद पूर्वोत्तर के राज्यों को सड़क रेल, हवाई मार्ग द्वारा देश के बाकी हिस्सों को जोड़ने का कार्य हमारी सरकार कर रही है। आर्थिक जगत हो या खेल जगत या फिर सभी दिशा में सरकार समावेशी विकास के लिए प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार ने 76 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के सांस्कृतिक और सामाजिक समन्वय पर काम कर रही है। 
        आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डा.सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि पूर्वोत्तर सांस्कृतिक व सामाजिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है और देश के सांस्कृतिक मानचित्र पर पूर्वोत्तर एक महत्वपूर्ण स्थान पर है। उन्होंने कहा कि आईजीएनसीए भविष्य में भी पूर्वोत्तर की संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिये कार्य करती रहेगी। प्रज्ञा प्रवाह के भारतीय विचारक के प्रस्तोता नंदकुमार  ने इंदिरा गांधी के स्वागत के लिए आसम की पूर्व मुख्यमंत्री शरत चंद्र सिन्हा जी द्वारा लिखे स्वागत भाषण को पढ़ते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हम भारत में हमेशा अंतर खोजते रहते हैं लेकिन हमें समाज और संगठन के साथ मिलकर भारत की समानता पर कार्य करना चाहिए। उन्होंने पूर्वोत्तर के वैदिक इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया ईशान पूर्वोत्तर के देवता हैं जिन पर इस कार्यकर्म का नाम रखा गया। साथ इन राज्यों के पौराणिक इतिहास पर भी चर्चा की। इस पूरे कार्यक्रम में अखंड भारत की समानताओं को दिखाया गया है।
     जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने पूर्वोत्तर राज्यों के इतिहास, दर्शन पर अपनी बात रखी और कार्यक्रम के आयोजकों को बधाई दी। इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रीय खान पान, परिधान, हेंडीक्राफ्ट आदि की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर लगातार तीन दिन चलने वाले इस ईशान मंथन महोत्सव में उभरते भारत के अखंड स्वरूप में पूर्वोत्तर भारत के सांस्कृतिक, आर्थिक, समाजिक संभावनाओं, प्रगति, पहुंच और सरकार के समावेशी विकास कार्यों पर बौद्धिक चर्चाओं का किया गया।  

Click Here for More Latest News