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 डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विविद्यालय के दीक्षांत समारोह का आयोजन

सबसे पहले हम भारतीय, उसके बाद ही हमारी कोई अन्य पहचान - मिश्र
 

जयपुर । राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि सबसे पहले हमारा संविधान है और उसके बाद हमारी कोई व्यक्तिगत पहचान है, यह बात हम सभी को याद रखनी चाहिए।
       श्री मिश्र आज यहां बिड़ला सभागार में डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सच्चे पोषक थे। उन्होंने देश की एकता और अखण्डता के साथ सदैव भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों पर जोर दिया।
         उन्होंने बॉम्बे विधानसभा में वर्ष 1938 में दिए डॉ. अम्बेडकर के उस वक्तव्य का उल्लेख भी किया जिसमें उन्होंने कहा था कि समस्त लोग पहले भारतीय हों, और अंतत: भारतीय हों तथा भारतीय के सिवाय और कुछ भी नहीं हों।
       श्री मिश्र ने कहा कि कानून की शिक्षा पूरी तरह से समाज से सीधे तौर पर जुड़ी शिक्षा है। उन्होंने विधि विद्यार्थियों का आवान किया कि समाज में मौजूद असमानताओं, लैंगिक भेदभाव, यौन अपराधों को दूर करने तथा महिलाओं और वंचितों के अधिकारों के बारे में जागरूकता लाने के लिए कार्य करें।
         उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं तो मूलभूत कर्तव्य भी प्रदान किए हैं। उनके प्रति हम सभी को सजग रहने की जरूरत है। इसी दिशा में प्रदेश के विविद्यालयों में संविधान पार्क की स्थापना की पहल की है ताकि नई पीढ़ी संविधान की उदात्त दृष्टि और आदशरें से जुड़ सके।

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