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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज में जागरूकता कार्यशाला आयोजित

विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजगता और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने पर दिया जोर

 

नई दिल्ली। डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग की ओर से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यशाला और चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाना था।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. स्नेह कपूर ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को जीवन का एक अहम हिस्सा मानना चाहिए और मानसिक समस्याओं को समय रहते पहचानकर उनका समाधान करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि यदि मानसिक विकारों का प्रारंभिक चरण में ही क्लिनिकल साइकोलॉजी के माध्यम से उपचार किया जाए, तो गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।

फ्रांस की प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक जूलिया ने अपने संबोधन में कहा कि बचपन से ही सकारात्मक जीवनशैली अपनाने से मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होता है। उन्होंने गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल और वातावरण को बच्चे के मानसिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सदा नंद प्रसाद ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें अपने करियर और भविष्य की तैयारी के दौरान अनावश्यक दबाव और चिंता से दूर रहना चाहिए। उन्होंने आत्मविश्वास और मानसिक संतुलन को सफलता की कुंजी बताया।

विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. मालिनी प्रिया​ ने आधुनिक डिजिटल युग में अत्यधिक स्क्रीन टाइम से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए विद्यार्थियों को योग, ध्यान और रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेना चाहिए।

कार्यक्रम के सफल संचालन में मनोविज्ञान संघ की अधिकारी पाखी, विभूति और अन्य सदस्यों का विशेष योगदान रहा। आयोजन के अंत में छात्रों ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी पोस्टर प्रदर्शनी और लघु प्रस्तुतियों के माध्यम से जागरूकता का संदेश दिया।

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