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उत्तरांचल यूनिवर्सिटी ने के.पी. सिंह को बेस्ट लाइब्रेरी इनोवेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया

प्रोफेसर के.पी. सिंह को शिक्षा एवं नवाचार उन्नयन के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए बेस्ट लाइब्रेरी लीडरशिप एंड इनोवेशन अवार्ड - 2025 से सम्मानित किया गया।

 देहरादून। शिक्षाविद प्रोफेसर के.पी. सिंह को उनकी पुस्तकालय विज्ञान , शिक्षा, एवं नवाचार उन्नयन  के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए बेस्ट लाइब्रेरी लीडरशिप एंड इनोवेशन अवार्ड  2025 से सम्मानित किया गया । यह सम्मान उन्हें आज उत्तरांचल  विश्वविद्यालय के वीके सभागार में प्रदान किया गया । कार्यक्रम में 500 से अधिक शिक्षाविद, पुस्तकालयाध्यक्ष, प्रोफेसर, प्राचार्य, छात्र और शोधार्थी उपस्थित रहे । प्रो.सिंह को विश्वविद्यालय की ओर से सम्मान स्वरूप अंगवस्त्र , पुष्पगुच्छ , प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। पुरस्कार प्रदान करते हुए गणमान्य व्यक्तियों ने कहा कि प्रो. के.पी. सिंह को यह सम्मान देना केवल उनका सम्मान नहीं है, बल्कि यह दिल्ली विश्वविद्यालय का भी सम्मान है, क्योंकि प्रो. के.पी. सिंह निर्विवाद रूप से एक महान शिक्षाविद, शैक्षणिक प्रशासक, नवप्रवर्तक, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और पुस्तकालय क्षेत्र के अग्रणी नेता हैं।

                 अवॉर्ड प्राप्त करने के पश्चात प्रो.के.पी.सिंह ने आए हुए अतिथियों ,सहयोगी साथियों व शिक्षकों को धन्यवाद व अभिनंदन किया । उन्होंने कहा कि कार्य करने की ऊर्जा मुझे सहयोगी साथियों , अपने गुरुओं से मिलती है । उन्होंने कहा कि कोई भी पुरस्कार आपकी लगन और ऊर्जा में अपार वृद्धि करता है। उन्होंने कहा कि हमारे कार्य की पहचान ही  हमारी ऊर्जा है जो हमें कदम- कदम पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है ।      कार्यक्रम में अथितियों ने अपने वक्तव्यों में कहा कि  प्रो.सिंह का बहुआयामी व्यक्तित्व है । यदि इन्हें चलता फिरता लाइब्रेरी इनसाइक्लोपीडिया कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । प्रो.सिंह ने पुस्तकालय विज्ञान की पुस्तकों की रचना के साथ - साथ आधुनिक भारत के चिंतकों पर भी अपनी लेखनी चलाई है । हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पर पुस्तक प्रकाशित हुई है जो भारतीय विश्वविद्यालयों में चर्चा का विषय बनी हुई है । प्रो. सिंह की  दिल्ली विश्वविद्यालय में सर्वाधिक लोकप्रिय शिक्षक के रूप में पहचान बनी हुई है ।

              बता दें कि एक विख्यात लेखक के रूप में प्रोफेसर सिंह की अभी तक इनकी  32 पुस्तकें व 200 शोध-पत्र राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके है। आपके निर्देशन में पुस्तकालय और सूचना विभाग से 17 पीएचडी, 38 एम.फिल के अलावा 170 से अधिक पी.जी. परियोजनाओं का सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया जा चुका है। उन्होंने बताया है कि हाल ही में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर मोदी पर पुस्तक आई है जो दिल्ली विश्वविद्यालय ही नहीं बल्कि भारतीय विश्वविद्यालयों में चर्चा का विषय बनी हुई है । अभी तक इसकी सैकड़ों प्रतियां बिक चुकी है । 
इनकी  अन्य प्रसिद्ध पुस्तकें हैं – The Player-Beyond the Boundaries, Breaking Canvas (2025), The Planner: Actions and Reflections (2025), New Parliament of India: Voice of Bharat (2025) The Planner: Actions and Reflections (2025), Modi@DU: Colours of Centenary Celebrations, 75 Glorious Years , Department of Library and Information Science: Pioneer in LIS Teaching, Research & Innovation,  ‘Flying Colours of Platinum Jubilee Celebrations: A Treatise of Anthology of Tested Knowledge’, and Playing from the Front: A Story of Unfolded Acts of a Library & Information Science Teacher, आदि लेखन के क्षेत्र में प्रोफेसर सिंह का उत्कृष्ट कार्य माना गया है।

             कार्यक्रम में प्रो. सिंह की  उच्च शिक्षा के विषय में जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रोफेसर सिंह ने अपनी उच्च शिक्षा मेरठ विश्वविद्यालय से कृषि में स्वर्ण पदक के साथ मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद आप दिल्ली विश्वविद्यालय के भी छात्र रहे हैं । इसके अलावा आपने आईसीएआर - जेआरएफ (कृषि) यूजीसी-नेट/जेआरएफ (पुस्तकालय सूचना विज्ञान) व डीआरडीओ-जेआरएफ (लाइब्रेरी साइंस) बीएससी (ऑनर्स) कृषि , एमएससी (कृषि) एमएलआईएस , एम.फिल, पीजीडीसीए व पीएचडी (पुस्तकालय सूचना विज्ञान) में की है। साथ ही आपने राष्ट्रीय स्तर की कई परीक्षाएं उत्तीर्ण की है।  इन्हें  विभाग के शिक्षक के रूप में भी एक दुर्लभ विशिष्टता प्राप्त है, जिन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक परिषद के  सदस्य (2015-2019) के रूप में लगातार दो बार चुने गए। प्रोफेसर के.पी. सिंह (2017-2019) के दौरान विभाग के कॉर्डिनेटर के रूप में काम करते हुए, विभाग में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे में सुधार, कायाकल्प और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा इन्हें पद्मश्री डॉ. एस.आर रंगनाथन, सेलिब्रेटिंग सेवन डिकेड्स ऑफ डिपार्टमेंट--2018  फर्स्ट एलुमनी मीट--2020 और  प्लेटिनम जुबली सेलिब्रेशन ऑफ डिपार्टमेंट (1946-2021) के निर्माण के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार के साथ निर्वाह किया जिसके परिणाम स्वरूप आपको पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली जिसका लोहा दिल्ली विश्वविद्यालय भी मानता है।

                इतना ही नहीं प्रोफेसर के. पी. सिंह को शिक्षा, अनुसंधान और प्रशासन में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक संस्थानों से भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है । जैसे --- सतकाल-यंग लाइब्रेरियन अवार्ड (2011)  DLA--प्रतिष्ठित संकाय पुरस्कार (2017) DLA- वर्किंग एलआईएस लीडर के लिए व्यावसायिक उत्कृष्टता पुरस्कार (2018); SPLA-- सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार (2018); SLA --  सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार (2019)  CGLA-- शैक्षणिक उत्कृष्टता पुरस्कार (2019) SAIARD--एशियाई अकादमिक नेतृत्व पुरस्कार (2020); Anecdote -- इंडियन लाइब्रेरियन प्राइड अवार्ड (आईएलपीए) (2022); विश्व हिंदी साहित्य परिषद-- विश्व बागेश्वरी सम्मान (2023),  AILL-- प्रतिष्ठित एलआईएस शिक्षक पुरस्कार (2023), आद्य जगनीपीठ श्री 5 महामंगलीपुरी धाम -- शिक्षा के संत (2024) और COLLNET (फ्रांस) -- वर्ल्ड लाइब्रेरी लीडर अवार्ड (2024),  SCRU-International Social Mentor Award (2025), MSPSS - International Savitribai Phule Award-2025, आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है । 

                   बेस्ट लाइब्रेरी लीडरशिप एंड इनोवेशन अवॉर्ड मिलने पर प्रो सिंह को दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं में हर्ष है| कई कॉलेजों के प्रिंसिपल ने उन्हें बधाई दी और कहा कि प्रोफेसर सिंह वास्तव में इस सम्मान के हकदार हैं और आने वाने समय में प्रो. सिंह को नवाचार प्रोयोगों के लिए याद रखा जायेगा। 

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