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आधुनिक भारत के निर्माण में बाबा साहेब अम्बेडकर के विचारों की भूमिका महत्त्वपूर्ण : प्रो. टंकेश्वर कुमार

:- हकेवि अम्बेडकर जयंती के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित :- विश्वविद्यालय में अम्बेडकर जयंती के अवसर पर आधुनिक भारत के निर्माण में अम्बेडकरवाद के महत्त्व विषय पर केंद्रित ऑनलाइन व्याख्यान का भी आयोजन किया गया

 

महेन्द्रगढ़ : भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर गुरुवार को हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बाबा साहेब के जीवन, कार्य एवं सिद्धांतों पर आधारित पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। विश्वविद्यालय में अम्बेडकर जयंती के अवसर पर आधुनिक भारत के निर्माण में अम्बेडकरवाद के महत्त्व विषय पर केंद्रित ऑनलाइन व्याख्यान का भी आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने नए भारत के निर्माण हेतु महत्त्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए। जिनकी प्रासंगिकता निरंतर बनी हुई है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सिरसा से लोकसभा सदस्य श्रीमती सुनीता दुग्गल उपस्थित रहीं।

विशेषज्ञ व्याख्यान में पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के एडिशनल एडवोकेट जनरल बलदेव सिंह भदरान, सेवानिवृत्त आईईएस व भारत सरकार के पूर्व एडिशनल इक्नोमिक एडवाइजर के.सी. पिप्पल व सामाजिक कार्यकर्ता व मिशन अम्बेडकर के संस्थापक सूरज कुमार बुद्ध ने संबोधित किया। विश्वविद्यालय में आयोजित व्याख्यान को संबोधित करते हुए संसद सदस्य श्रीमती सुनीता दुग्गल ने भीमराव अम्बेडकर के योगदान को याद करते हुए उनके द्वारा दिखाए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भीमराव अम्बेडकर के द्वारा प्रस्तुत विचारों का उल्लेख करते हुए उनके महत्त्व और उनकी आज के समय में प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता बलदेव सिंह भदरान ने कहा कि अम्बेडकरवाद का मुख्य उद्देश्य हमारे मौलिक अधिकारों को समझने और हमारे देश को असभ्य से सभ्य राष्ट्र में बदलने के लिए मार्गदर्शन करना है। इसी क्रम में अन्य वक्ता के.सी. पिप्पल व सूरज कुमार बुद्ध ने अपने संबोधन में डॉ.भीमराव अम्बेडकर के विचारों व उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा की और प्रतिभागियों को बताया किस तरह से आधुनिक भारत के निर्माण में उनके द्वारा प्रस्तुत विचारों का महत्व बना हुआ है।

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