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रेडियो भारत के जनमानस की आवाज है जिसने लोगों के जीवन को अपने रंगो से भरा हैः कुलपति

-विश्व रेडियो दिवस पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

 

महेंद्रगढ़  : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा विश्व रेडियो दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने कहा कि रेडियो कानों में रस घोलता, मधुर संगीत और जरूरी जानकारी देने वाला मुफ्त, सशक्त, सरल एवं सुलभ जनसंचार माध्यम है। यह भारत के जनमानस की आवाज है जो अपने कार्यक्रमों के जरिए भारत की विविधता से अवगत करवाता है। कुलपति ने कहा कि रेडियो के साथ लोगों के जीवन की कहानियां जुड़ी है। रेडियो अपने कार्यक्रमों के जरिए आम आदमी के जीवन को अलग अलग तरह के रंगो से भरता है। भारत के जनमानस के जनजागरण में रेडियो की हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा भारत में रेडियो के प्रसार के साथ ही रोजगार की आपार संभावनाएं बढ़ी है। आज रेडियो अपने कंटेंट एवं प्रस्तुति के जरिए लोगों के दिलों पर राज कर रहा है। इसका पूरा श्रेय उन रचनात्मक युवाओं को जाता है कि जो अपनी रचनात्मकता से कार्यक्रमों को श्रोताओं के लिए रोचक व आकर्षक बनाते हैं। कार्यशाला के आयोजन के लिए कुलपति ने विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार को बधाई दी और रेडियो से जुड़ी अपनी यादें विद्यार्थियों के साथ साँझा की।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में रेडियो सिटी करनाल से आर जे रोकी ने विद्यार्थियों को रेडियो प्रोग्रामिंग, कॉपीराइटिंग और वॉइस मॉड्युलेशन के बारे में प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि रेडियो के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं यदि आप रेडियो जॉकी बनना चाहते हैं तो सिर्फ बोलना ही नहीं बल्कि क्या, कितना, कब और कैसे प्रभावी ढ़ंग से प्रस्तुत करना है ये सब आना चाहिए। कार्यशाला के दूसरे सत्र में रेडियो जोकी भावना ने विद्यार्थियों के साथ सोशल मीडिया के क्षेत्र में रेडियो से संबंधित करियर संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आर जे बनने के लिए आपको अच्छे ज्ञान के साथ साथ और विविध शब्दावली पर पकड़ होनी चाहिए।चितकारा यूनिवर्सिटी से सह आचार्य प्रोफेसर पंकज गर्ग ने अपने शैक्षणिक एवं इंडस्ट्री अनुभव साँझा करते हुए बताया कि रेडियो के कार्यक्रम मुख्यतः शिक्षा, सूचना और मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए बनाए जाते हैं। अधिकांश रेडियो को संगीत का पर्याय माना जाता है किंतु ऐसा नहीं है रेडियो सरल तरीके से आपके साथ जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े अहम मुद्दों को साँझा करता है। उन्होंने कहा कि  रेडियो ने लोगों के जीवन की उत्पादकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आकाशवाणी हिसार से पवन कुमार ने विद्यार्थियों के साथ क्षेत्रीय कार्यक्रमों की प्रस्तुति एवं निर्माण के गुर साँझा किए। उन्होंने बताया कि किस प्रकार आप आमजन में से लोगों को रेडियो पर बुलाकर उनसे चर्चा परिचर्चा करके अपने श्रोताओं को जानकारी उपलब्ध करवा सकते हैं। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि रेडियो शुरुआत से ही शिक्षा, सूचना और मनोरंजन के साथ व्यक्तिगत एवं राष्ट्रीय विकास में सर्वाधिक भूमिका निभा रहा है। कार्यशाला में विभाग के शिक्षक डॉ. पंकज कुमार, डॉ. सुरेंद्र, डॉ. नीरज करण सिंह, श्री आलेख एस नायक एवं डॉ. भारती बत्रा व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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