Institutional Activities

National Workshop on National Language

A workshop on the national language was organised at Daulat Ram College.

नई दिल्ली 27 अप्रैल, दौलत राम महाविद्यालय,दिल्ली विश्वविद्यालय, राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा राजभाषा : 'आवश्यकता और प्रावधान' विषय पर आज दिनांक 27 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का औपचारिक शुरुआत द्वीप प्रज्वलन से की गई। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. सविता राय ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि हिंदी में आज कामकाज करना गर्व का विषय है, राजभाषा हिन्दी में हम ज़्यादा से ज़्यादा काम करें। उन्होंने महाविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठ से आग्रह किया कि ऐसा कार्यक्रम का आयोजन होते रहे ताकि हमारे महाविद्यालय के छात्र एवं शिक्षक इसका लाभ उठा सकें। दौलत राम महाविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की संयोजक ने भाषा के महत्व पर अपनी बात रखी। आज के कार्यशाला के विशिष्ट वक्ता श्री कुमार राधारमन ( माननीय सहायक निदेशक, राजभाषा विभाग, भारी उद्योग मंत्रालय भारत सरकार) ने राजभाषा की आवश्यकता एवं प्रावधान पर विस्तृत चर्चा करते हुए राजभाषा क्रियान्वयन समिति के गठन, कार्यपद्धति की ओर हमारा ध्यान दिलाया। आगे उन्होंने केंद्रीय हिंदी समिति के बारे में हमें बताया।संविधान में राजभाषा को लेकर जो प्रावधान बनें है उसकी चर्चा की। आगे इन्होंने अपने वक्तव्य में प्रशासनिक शब्दों का उदाहरण देते हुए द्विभाषिक शब्दों के महत्व को बताया। राधारमन ने हमें बताया कि कैसे केंद्र सरकार ने भाषा की दृष्टि से राज्यों को क, ख एवम् ग  तीन वर्गों में बाँटा है। सरकार द्वारा राजभाषा हिन्दी में पत्राचार हो ऐसे नियमों की भी चर्चा की। इन्होंने महाविद्यालय से आग्रह किया कि हर तिमाही ऐसी कार्यशाला होनी चाहिए, इसके लिए महाविद्यालय की प्राचार्या ने सहमति दर्ज की। आज की कार्यशाला की मुख्य वक्ता श्रीमति मंजुला सक्सेना ( माननीय निदेशक, राजभाषा विभाग, औषध, उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय भारत सरकार) ने अपने कामकाज जीवन के कई अनुभव साझा करते हुए भाषा के लिए आत्मविश्वास की बात की। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ी की मानसिकता से अब बाहर निकलकर सारा सरकारी कामकाज हिंदी में होना चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि हमारी ये ज़िम्मेवारी होनी चाहिए कि हम अपनी भाषा में ही कामकाज करें और आगे लेकर आएँ। उन्होंने हिंदी को दुनिया की सबसे बोली जाने वाली भाषा बताया एवं भारत में 56 प्रतिशत भारतीय हिन्दी में बात करते है। हिंदी पूरे देश को जोड़ने वाली भाषा है। हिंदी स्वतंत्रता दिलाने वाली भाषा है। उन्होंने आगे कहा कि भाषा को लेकर आत्मविश्वास जगाना चाहिए तभी हम भारतीयों के मानसिकता से अंग्रेज़ी का डर ख़त्म होगा और हम गर्व से हिंदी में अपना कामकाज कर पायेंगे। कार्यक्रम का औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन डॉ कामना विमल ने दिया । राजभाषा प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ मनीष कुमार चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया। राजभाषा प्रकोष्ठ की सह-संयोजक डॉ शीतल कुमारी, प्रो. मीतू खोसला,  डॉ. शारदा गौतम , डॉ. कुसुमलता ,डॉ संतोष सेन , डॉ. पवन त्रिपाठी  कार्यक्रम में उपस्थित रहे । कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।

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