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भारतीय ज्ञान परंपरा और इसकी चिकित्सा पद्धतियां विशेष हैं प्रो. टंकेश्वर कुमार

कार्यक्रम का प्रारम्भ विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुआ। वेबीनार के मुख्य वक्ता प्रो. अनिल कुमार का परिचय योग विभाग के शोधार्थी प्रदीप कुमार ने प्रस्तुत किया। प्रो. अनिल कुमार ने एक्यूप्रेशर की उत्पत्ति और उसके प्राण से संबंध पर विस्तार से बताया।

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ का योग विभाग विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए योग और वैकल्पिक चिकित्सा से संबंधित विषय विशेषज्ञों को पाठ्यक्रम के अनुरूप, समय के अनुकूल, विभिन्न विषयों पर भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित विशिष्ठ ज्ञान को साझा करने के लिए आमंत्रित करता रहता है। इसी क्रम में गुरुवार को एक्यूप्रेशर के चिकित्सीय प्रयोग विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें देश के प्रतिष्ठित वैकल्पिक चिकित्सा संस्थान प्रयागराज से प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने योग विभाग को राष्ट्रीय वेबीनार आयोजित करने की शुभकामनाएं दीं और कहा कि प्राचीन समय से ही हमारे समाज में किसी न किसी रूप से एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रही हैं। ये पद्धतियां भारतीय ज्ञान परंपरा का अंग रही हैं। हम लोग न केवल अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए योग का प्रयोग करते हैं। 

कार्यक्रम का प्रारम्भ विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुआ। वेबीनार के मुख्य वक्ता प्रो. अनिल कुमार का परिचय योग विभाग के शोधार्थी प्रदीप कुमार ने प्रस्तुत किया। प्रो. अनिल कुमार ने एक्यूप्रेशर की उत्पत्ति और उसके  प्राण से संबंध पर विस्तार से बताया। उन्होंने अपने संस्थान की प्राचीनता के साथ-साथ देश की किस प्रकार उन्होंने एक्यूप्रेशर के माध्यम से सेवा की है, पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने शरीर में कुछ ऐसे बिंदुओं के बारे में प्रतिभागियों को बताया जिनको नियमित रूप से दबाने से हम नित्य जीवन में होने वाले कई परेशानियों से बच सकते हैं। साथ ही प्रो. अनिल कुमार ने एक्यूप्रेशर चिकित्सा के प्रायोगिक पक्षों से भी प्रतिभागियों को अवगत कराया। इससे पूर्व में विश्वविद्यालय के अंतर्विषयी एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान पीठ की अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान ने स्वागत भाषण देते हुए योग विभाग की उपलब्धियां एवं कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की। कुलपति महोदय का परिचय योग विभाग के सहायक आचार्य डॉ. नवीन ने किया। कार्यक्रम का संचालन योग विभाग की शोधार्थी छात्रा रिद्धि अग्रवाल ने किया और धन्यवाद ज्ञापन योग विभाग के शिक्षक प्रभारी डॉ. अजय पाल ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न शिक्षण संस्थनों के विद्यार्थियों के अतिरिक्त डॉ. सुमन, डॉ. देवेंद्र, डॉ. खेराज, डॉ. किरण, डॉ. अमित, डॉ. नीरज, योग विभाग के शोधार्थी मोहित और अनुज कुमारी सहित विश्वविद्यालय विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों ने प्रतिभागिता की। इस अवसर पर प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

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