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हकेवि में मानसिक संतुलन पर केंद्रित कार्याशाला आयोजित

कार्यशाला में विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव कहा कि विद्यार्थियों के लिए स्मृति सम्बन्धित दक्षता चमत्कार साबित हो सकती है।

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में मानसिक संतुलन एवं मानसिक शक्तियों के विकास पर केंद्रित कार्यशाला का
आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में मस्तिषक विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र कुमार
जांगड़ा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संदेश में कहा कि स्वास्थ्य का तात्पर्य
केवल शारीरिक स्वास्थ्य से नहीं है बल्कि इसमें मानसिक स्वास्थ्य भी सम्मिलित है। एक स्वस्थ व्यक्ति वही है जो तन व मन दोनों
प्रकार से स्वस्थ हो। उन्होंने युवाओं को मानसिक अवसाद से बाहर निकालने में परिवार के साथ-साथ शिक्षकों की भूमिका को भी
महत्त्वपूर्ण बताया।
कार्यशाला में विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव कहा कि विद्यार्थियों के लिए स्मृति सम्बन्धित दक्षता चमत्कार साबित
हो सकती है। उन्होंने उनके जीवन में स्मृति को बढ़ाने वाली तकनीकों को जानने पर बल दिया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.
सुनील कुमार ने अपने सम्बोधन में स्मृति की उपयोगिता पर विस्तृत चर्चा की और इसकी दक्षता को हासिल करने हेतु विभिन्न
विधियों पर जोर दिया। मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. पायल कंवर चंदेल ने कार्यशाला को विद्यार्थियों के लिए बेहद
उपयोगी बताया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. जितेंद्र कुमार जांगड़ा ने कहा कि अपने शोध व उनके परिणामों पर विस्तृत चर्चा करते
की। उन्होंने मानसिक संतुलन, एकाग्रता, आत्मविश्वास बढ़ाने, ब्रेन वेव्स स्कैनिंग, याद रखने की कला, दिमाग को तेज करने की
विधियां आदि को बढ़ाने के लिए व्यवहारिक विधियों से भी प्रतिभागियों को अवगत कराया।
डॉ. जांगड़ा ने बताया कि कैसे हम मानसिक शक्तियों को जागृत करके जिससे मुश्किल कामों को भी आसानी से कर सकते है। उन्होंने
बताया कि कैसे हम मानसिक शक्तियों को जागृत करके मुश्किल कामों को भी काफी आसानी से कर सकते हैं। आज के समय में युवाओं
में करियर के प्रति जागरूकता व बढ़ती हुई बेचैनी को देखते हुए उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों कैसे व्यवसायिक जीवन चुनकर,
अध्ययन का आसान एवं प्रभावी तरीका अपनाकर एवं एकाग्रता बढ़ाकर जीवन में सफलता की राह पर अग्रसर हो सकते हैं। उन्होंने
बाएं और दाएं दिमाग के संतुलन की कुछ विधियों पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों से एकाग्रचित्त होकर कार्य करने की व्यावहारिक
विधियों का प्रशिक्षण भी दिया। कार्यशाला में प्रो. वी.एन. यादव, डॉ. विष्णु कुचेरिया, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. मोना शर्मा सहित
शिक्षक, विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

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