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हकेवि में कोहा पर साप्ताहिकी कार्यशाला की हुई शुरुआत

पुस्तकालय को समृद्धि और सार्थकता प्रदान करने की दिशा में कोहा सॉफ्टवेयर का बहुत महत्व है।

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पुस्तकालय एवं सूचना विभाग द्वारा आयोजित साप्ताहिकी कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार और समकुलपति प्रो. सुषमा यादव के द्वारा किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के महत्व को बताते हुए कहा कि इस टेक्नोलॉजी ने विश्व में एक नया दौर तय किया है और पुस्तकालयों को भी इसमें शमिल होना चाहिए। पुस्तकालय को समृद्धि और सार्थकता प्रदान करने की दिशा में कोहा सॉफ्टवेयर का बहुत महत्व है।

विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने कार्यशाला को महत्त्वपूर्ण बताते कहा कि कोहा सॉफ्टवेयर के प्रयोग से पुस्तकालयों में अद्वितीय परिवर्तन होगा। 15 दिसंबर तक आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि व वक्ता प्रो. रमेश चंद्र गौर ने कहा कि ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी विश्वभर में क्रांति लेकर आई है और कोहा का पुस्तकालयों के संचालन में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला पुस्तकालय पेशेवरों को कोहा कार्यान्वित और उपयोग करने में सक्षम बनाएगी। कार्यशाला के संयोजक और पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीराम पांडेय  ने बताया कि सभी पुस्तकालय को कोहा सॉफ्टवेयर की संभावना चाहिए और इसके उपयोग को अपने कार्य क्षेत्र में बढ़ावा दें। कार्यशाला में विशेषज्ञों के रूप में उपस्थित डॉ. डी.पी. त्रिपाठी और डॉ. अमित ने कोहा सॉफ्टवेयर के उपयोग पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन सानंद त्रिपाठी ने किया और कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अमित के द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि अवश्य ही यह कार्यशाला ने ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी और कोहा सॉफ्टवेयर के विकास और अनुप्रयोग में एक नई मील का पत्थर साबित होगी और इससे पुस्तकालय से जुड़े लोग अवश्य ही लाभान्वित हांेगे।

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