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स्वभाषा पर स्वाभिमान से ही विकसित होगा राष्ट्र: प्रो. टंकेश्वर कुमार

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार, प्रो. सारिका शर्मा, डॉ. धर्मपाल पूनिया, डॉ. देवेंद्र सिंह राजपूत, डॉ. सुमन रानी सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों सहित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, महेंद्रगढ़ के सदस्य भी उपस्थित रहे।

-हकेवि में कार्यालयीन कार्यों में हिंदी कम्प्यूटिंग टूल्स का योगदान विषय पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

-आईआईटी खड़गपुर के वरिष्ठ हिंदी अधिकारी डॉ. राजीव रावत विशेषज्ञ के रूप में रहे उपस्थित

 

हरियाणा :- हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में सोमवार को कार्यालयीन कार्यों में हिंदी कम्प्यूटिंग टूल्स का योगदान विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञ वक्ता के रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर के वरिष्ठ हिन्दी अधिकारी डॉ. राजीव रावत उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की। कुलपति ने इस अवसर पर कहा कि स्वभाषा पर स्वाभिमान करना होगा। भारत विकसित राष्ट्र बनाने हेतु जरुरी है कि हम सभी अपनी भाषा से प्रेम करें और उसमें व्यावहारिक कामकाज, शोध, अनुसंधान को बढ़ावा देकर देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करें।

कुलपति ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए भाषाओं के बंधन से मुक्त शिक्षा व्यवस्था के विकास का भी उल्लेख किया और कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 हमें मातृभाषा में शिक्षा के अवसर प्रदान करती है। कौशल व विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु यह नीति बेहद महत्त्वपूर्ण है और इसके सफलतम क्रियान्वयन से भारत की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। कुलपति ने आयोजन में उपस्थित विशेषज्ञ वक्ता डॉ. राजीव रावत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अवश्य ही उनके द्वारा प्रस्तुत ज्ञान का लाभ प्रतिभागियों को मिलेगा। कार्यशाला की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने मुख्य वक्ता को स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित डॉ. राजीव रावत ने हिन्दी का उपयोग करने का प्रयास करने के स्थान पर संकल्प के साथ हिन्दी को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी भाषा है और हमें चीन, जर्मनी, रूस जैसे देशों से भाषा प्रेम को सीखने की जरूरत है। उन्होंने अपने संबोधन में हिन्दी की महत्ता के साथ-साथ उसके उपयोग और उसके लिए उपयोगी तकनीकी उपकरणों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। अपने प्रशिक्षण के दौरान डॉ. राजीव रावत ने हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए हिन्दी टाइपिंग के विभिन्न विकल्पों की भी जानकारी दी। कार्यशाला में मंच का संचालन शिक्षक शिक्षा विभाग में सहायक आचार्य डॉ. शंकर लाल ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के हिंदी अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने दिया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार, प्रो. सारिका शर्मा, डॉ. धर्मपाल पूनिया, डॉ. देवेंद्र सिंह राजपूत, डॉ. सुमन रानी सहित  विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों सहित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, महेंद्रगढ़ के सदस्य भी उपस्थित रहे।

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