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हकेवि में विद्यार्थियों ने सीखी जनसंपर्क की बारीकियां

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में जनसंपर्क दिवस के उपलक्ष्य में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

-कुलपति बोले कौशल विकास के लिए यह आयोजन महत्त्वपूर्ण

-हकेवि में जनसंपर्क दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला का हुआ आयोजन

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में जनसंपर्क दिवस के उपलक्ष्य में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जनसंपर्क में लेखन कौशल विषय पर केंद्रित राष्ट्रीय कार्यशाला  के माध्यम से विद्यार्थियों को जनसंपर्क लेखन की बारीकियों से अवगत कराया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को व्यवहारिक पक्षों की जानकारी देते हुए जनसंपर्क के क्षेत्र में रोजगार व उसकी चुनौतियों से भी रूबरू कराया। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने संदेश के माध्यम से कहा कि आज के समय में किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक पक्षों की जानकारी भी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है और जनसंपर्क ऐसा ही एक क्षेत्र है जिसमें कौशल विकास के स्तर पर इस तरह  के आयोजन महत्त्वपूर्ण साबित होते हैं। अवश्य ही विद्यार्थी इस आयोजन से भी लाभांवित होंगे।

कार्यक्रम की शुरूआत विशेषज्ञ वक्ताओं के स्वागत के साथ हुई। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने सभी वक्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान दौर में जनसंपर्क के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए आपार संभावनाएं हैं। लेखन जनसंपर्क कर्मी की सबसे बड़ी ताकत है। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों को जनसंपर्क लेखन में कुशल बने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में हरियाणा सरकार में सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी धर्मेन्द्र, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अभिसार कौशिक, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी संदीप कुमार, जनसंपर्क पदाधिकारी सुखबीर फोगाट, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी शैलेंद्र सिंह व हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीरपाल सिंह यादव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। 

मुख्य वक्ता प्रो. बीरपाल सिंह यादव ने अपने संबोधन में लेखन में भाषा के महत्त्व से प्रतिभागियों को अवगत कराते हुए कहा कि जनसंपर्क लेखन के लिए विद्यार्थियों में विभिन्न भाषाओं व बोलियों में अपनी बात को रखने की कला होनी चाहिए। भाषा के माध्यम से ही एक जनसंपर्क अधिकारी लोगों को खुद से व सरकार की विभिन्न योजनाओं के साथ जोड़ सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील कि वे भाषा का व्यवहारिक ज्ञान बढ़ाएं। लेखन में नए नए प्रयोग करें। जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी संदीप कुमार ने प्रतिभागियों को जनसंपर्क से जुड़ी जिम्मेदारियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क अधिकारी के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति  के प्रारूप के विभिन्न पहलुओं से भी प्रतिभागियों को अवगत कराया। इसी क्रम में जिला सूचना एवं जनसंपर्क सहायक अधिकारी धर्मेंद्र ने कहा कि एक पत्रकार किसी खबर को नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरीके से लिखता है। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क अधिकारी का काम भी सूचना देना होता है। मगर वे सूचनाएं नकारात्मक नहीं होती। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने विद्यार्थियों को पत्रकार और पीआर प्रोफेशनल के बीच के अंतर को समझाया। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में जनसंपर्क अधिकारी के कार्यों, उनकी जिम्मेदारियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक संस्थानों में पीआर का काम केवल सकारात्मक पहलुओं को सबके सामने लाना है। उन्होंने जनसंपर्क लेखन की तकनीकी बारीकियों से अवगत कराते हुए कहा कि लेखन के साथ ही तस्वीरों का चयन भी ब्रांड इमेज बनाने के लिए बेहद जरुरी है।

सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी अभिसार कौशिक ने छात्र-छात्राओं के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि सरकार के लिए लिखना जिम्मेवारी का काम है क्योंकि आप जनसंपर्क लेखक के तौर पर सरकार की तरफ से बोल रहे होते हैं। ऐसे में लेखन के वक्त सही-सही शब्दों का चयन, सही आंकड़े, सही शीर्षक और पूरे लेख का सत्यापन करना नितांत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अच्छा लेखक बनने के लिए अच्छा पाठक होना जरुरी है। सहायक सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सुखबीर फोगाट ने विद्यार्थियों को न्यू मीडिया के दौर में जनसंपर्क के महत्त्व को समझाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के लिए बेहतर पीआर लेखन की बारीकियों को समझाया। कार्यशाला में सवाल जवाब सत्र के दौरान विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के जवाब भी दिए। कार्यशाला में मंच का संचालन विभाग की सहायक आचार्य डॉ. भारती बत्रा ने किया जबकि विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सुरेंद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ. पंकज कुमार, डॉ. नीरज, आलेख एस नायक सहित विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।

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