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युवाओं के लिए अध्यात्मिक स्वास्थ्य भी महत्त्वपूर्ण प्रो. टंकेश्वर कुमार हकेवि में विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित

युवा पीढ़ी के लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ अध्यात्मिक स्वास्थ्य का भी महत्त्व है।

युवा पीढ़ी के लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ अध्यात्मिक स्वास्थ्य का भी महत्त्व है।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सफलता के लिए जरूरी है कि आप मानसिक रूप से भी
सुदृढ़ हों और इस लक्ष्य की प्राप्ति में अध्यात्म महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह कहना
है हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर का। उन्होंने
यह विचार विश्वविद्यालय में छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय द्वारा अध्यात्म,
अध्यात्मिक स्वास्थ्य और युवा विषय पर आयोजित विशेषज्ञ व्याख्यान को संबोधित
करते हुए व्यक्त किए। इस मौके पर विशेषज्ञ वक्ता के रूप में डॉ. राजिंद्र अरोड़ा उपस्थित
रहे।
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड एक स्थित लघु सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में
विशेषज्ञ वक्ता डॉ. राजिंद्र अरोड़ा ने अध्यात्म के विज्ञान से संबंधित विषय से
प्रतिभागियों को अवगत कराया गया और उन्होंने बताया कि किस तरह से वे अपने
आचार, विचार व व्यवहार से मानसिक शांति व सुख प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि
ऐसा कहा जाता है कि अध्यात्म की आवश्यकता एक उम्र बीतने के बाद पड़ती है जो कि
गलत धारणा है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए युवा पीढ़ी एकाग्रचित होकर
विकास के मार्ग पर आगे बढ़ सकती है। जिस तरह से सफल जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य
की भूमिका अहम होती है। ठीक उसी प्रकार स्वास्थ्य भी जरूरी है और इसके लिए
अध्यात्म एक उपयुक्त माध्यम है। इस मौके पर विशेषज्ञ वक्ता ने ध्यान लगाने का हुनर भी
प्रतिभागियों को सिखाया। विश्वविद्यालय के कुलपति ने विशेषज्ञ वक्ता का आभार व्यक्त
करते हुए कहा कि आज के समय में युवाओं के लिए अध्यात्म की समझ और उसका
अनुसरण उपयोगी साबित हो सकता है। यह लक्ष्य निर्धारण व उसकी प्राप्ति के लिए जारी
प्रयासों को बल प्रदान करता है। कार्यक्रम की शुरुआत में छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो.
आनंद शर्मा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए विशेषज्ञ वक्ता का परिचय कराया और
विषय की महत्ता पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में उप छात्र कल्याण अधिष्ठाता
डॉ. ए.पी. शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

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