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सावित्रीबाई फुल ने महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित किया जीवन प्रो. सुषमा यादव

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति सावित्रीबाई फुले द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।

हरियाणा :- सावित्रीबाई फुले के जन्मोत्सव के अवसर पर इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), नई दिल्ली में बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के आधुनिक भारतीय भाषा केंद्र मानविकी विद्यापीठ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव द्वारा की गई। प्रो. सुषमा यादव ने अपने संबोधन में कहा कि सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं की शिक्षा के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और उन्होंने स्वयं शिक्षित होकर अपने पति के साथ मिलकर देश का पहला कन्या विद्यालय शुरु किया। दहेज प्रथा पर लगाम लगाने के लिए उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर सत्यशोधक समाज की स्थापना भी की। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति सावित्रीबाई फुले द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।

इग्नू की मानविकी विद्यापीठ में आयोजित इस कार्यक्रम में मानविकी विद्यापीठ की निदेशक प्रो. कौशल पंवार ने स्वागत भाषण व अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सारस्वत वक्तव्य इग्नू के समकुलपति डॉ. मनरुप मीणा ने दिया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता व हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की समुकलपति प्रो. सुषमा यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि सावित्रीबाई फुले ने अपना जीवन महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समाज के लोगों के जीवन के उत्थान और महिला शिक्षा और समाज में सुधार के क्षेत्र में उनके योगदान ने भारतीय समाज में बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चर्चा करते हुए वर्तमान शिक्षा नीति और तत्कालीन सावित्रीबाई फुले द्वारा किए गए शैक्षिक कार्यों, सामाजिक सुधार और नारी सशक्तिकरण पर अपने विचार रखे। प्रो. यादव ने सावित्रीबाई फुले के योगदान को याद करते हुए बताया कि वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति सावित्रीबाई फुले द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। प्रो. यादव ने कहा कि सावित्रीबाई फुले ने न केवल महिला शिक्षा के लिए आवाज उठाई बल्कि समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ भी उन्होंने आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि हमें देश की पहली महिला शिक्षिका के जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेकर समाज के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए। कार्यक्रम में मंच का संचालन इग्नू में हिंदी विभाग के सह-आचार्य डॉ. सूरज कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग में सहायक आचार्य डॉ. अवधेश कुमार ने प्रस्तुत किया।

 

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