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निज भाषा प्रेम से ही होगी प्रगति प्रो. टंकेश्वर कुमार

विश्वविद्यालय में 14 से 27 सितम्बर के बीच आयोजित हिंदी पखवाड़ा-2023 के समापन की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। इसके पश्चात हिंदी पखवाडा आयोजन समिति के समन्वयक प्रो. सुरेंद्र सिंह ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए आयोजन में सम्मिलित गोद लिए गाँवों के विद्यालयों के विद्यार्थियों व शिक्षकों, विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों व विद्यार्थियों का विशेष रूप से इस आयोजन में सहभागिता हेतु आभार व्यक्त किया।

-हकेवि में हिंदी पखवाड़े का हुआ समापन

-प्रतियोगिता के विजेताओं को कुलपति ने किया सम्मानित

हरियाणा :- 

हिंदी हमारी राजभाषा है और हमें इस पर अभिमान है। हिंदी भारत के स्वाभिमान की परिचायक है। आज समूचे विश्व में हिंदी भाषा को एक प्रमुख भाषा के रूप में पहचाना जा रहा है। निज भाषा के प्रति प्रेम का यही भाव विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी मातृभाषा में शिक्षा की बात करती है। यह प्रमाणित हो चुका है कि हम जिस भाषा में सोचते हैं, उस भाषा में अध्ययन, अध्यापन व शोध सदैव प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है। इसलिए हिंदी भाषा से प्रेम भारत के विकास में सहयोगी है। यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विश्वविद्यालय में आयोजित हिंदी पखवाड़ा के समापन समारोह  में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।

विश्वविद्यालय में 14 से 27 सितम्बर के बीच आयोजित हिंदी पखवाड़ा-2023 के समापन की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। इसके पश्चात हिंदी पखवाडा  आयोजन समिति के समन्वयक प्रो. सुरेंद्र सिंह ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए आयोजन में सम्मिलित गोद लिए गाँवों के विद्यालयों के विद्यार्थियों व शिक्षकों, विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों व विद्यार्थियों का विशेष रूप से इस आयोजन में सहभागिता हेतु आभार व्यक्त किया। विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने उद्बोधन में रचनात्मकता को बढ़ाने, मौलिक अनुसंधान व भारत के विकास हेतु निज भाषा के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया और कहा कि आज के समय में तकनीक की मदद से अपनी ही भाषा में अध्ययन, अध्यापन व शोध सहज रूप से कर सकते हैं। उन्होंने इस आयोजन की सफलता के लिए सभी आयोजकों व प्रतिभागियों का बधाई दी और कहा कि अवश्य ही इस कार्यक्रम के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को गति मिलेगी। हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के समन्वयक प्रो. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कार्यक्रम के समापन सत्र में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं व प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र व नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

इनमें विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों के राजकीय स्कूल के विद्यार्थियों के लिए आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में छठीं से आठवी कक्षा वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, खुडाना की कीर्ति प्रथम; राजकीय माध्यमिक विद्यालय, धोली की प्रिया द्वितीय व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, जांट का निशांत तृतीय पुरस्कार दिया गया। नौवी से बारहवीं वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पाली का विनी प्रथम; राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मालड़ा बांस की सोमवती द्वितीय व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पाली की रचना तृतीय स्थान पर रही। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व शोधार्थियों के आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में एम.एड. की प्रिया सैनी ने प्रथम, एम.ए. हिंदी के सौरभ ने द्वितीय तथा पीएच.डी. हिंदी कर रितांजली ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विश्वविद्यालय के शिक्षकों के लिए आयोजित प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में योग विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अजय पाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षणेतर कर्मचारियों के लिए आयोजित प्रश्नोतरी व पत्र लेखन प्रतियोगिता में सहायक रामवीर गुर्जर ने प्रथम, निजी सचिव पवन कुमार ने द्वितीय तथा अवर श्रेणी लिपिक प्रीतम कुमार ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। समापन कार्यक्रम में हिंदी अधिकारी शैलेंद्र सिंह, निर्णायक मंडल के सदस्य प्रो. नंद किशोर, डॉ. नवीन, डॉ. अजयपाल सहित डॉ. देवेंद्र राजपूत, डॉ. अमित मनोज, अमित यादव, दिनेश चौहान, कुलदीप सिंह चौहान, अमित कुमार सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, अधिकारी, शिक्षणेतर कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन हिंदी विभाग के सहायक आचार्य सिद्धार्थ शंकर राय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा पीठ के प्रो. प्रमोद कुमार ने किया। 

 

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