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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में हकेवि में कार्यक्रम आयोजित

आयोजन में डॉ. जैनेंद्र सिंह छिल्लर, एडीसी, चरखी दादरी मुख्य अतिथि तथा हरियाणा सरकार के ओएसडी प्रो. आर.के. अनायत व विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. सुनीता श्रीवास्तव विश्ष्टि अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की।

हरियाणा :- हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गाँवों की विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को आमंत्रित किया गया। आयोजन में डॉ. जैनेंद्र सिंह छिल्लर, एडीसी, चरखी दादरी मुख्य अतिथि तथा हरियाणा सरकार के ओएसडी प्रो. आर.के. अनायत व विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. सुनीता श्रीवास्तव विश्ष्टि अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की। 

आयोजन में विशिष्ट अतिथि प्रो. आर.के. अनायत ने कहा कि हर व्यक्ति की सफलता के पीछे किसी न किसी महिला का हाथ अवश्य होता है। उन्होंने हरियाणा राज्य में लड़कियों की बढ़ती साक्षरता पर हर्ष व्यक्त किया। प्रो. अनायत ने अपने जीवन के अनुभव भी प्रतिभागियों के साथ साझा किए। उन्होंने पिं्रटिंग, पैकेजिंग और इंजीनियरिंग जैसे पुरुष प्रधान क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से प्रतिभागियों को अवगत कराया और बताया कि कैसे इस क्षेत्र में कार्यरत महिलाएं हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. जैनेंद्र सिंह छिल्लर ने कहा कि सशक्तिकरण अंदर से कैसे आता है और यह सामाजिक परिप्रेक्ष्य को कैसे बदलता है। उन्होंने कहा कि हमारा अस्तित्व महिलाओं के कारण है। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने सभी को महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का गांवों के साथ जुड़ाव हमेशा से रहा है और अनुसंधान और समाज के लिए इसे हमेशा बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने जांट व पाली गाँवों के लिए एक-एक सीट दाखिले के लिए आरक्षित की हुई है, जो महिला सशक्तिकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कुलपति ने महिला सशक्तिकरण के लिए ओर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने महिला वैज्ञानिकों के जीवन व समाज में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि कैसे देश की विभिन्न महिला वैज्ञानिकों ने घर व जीवन की मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए सफलता पाई।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत में डॉ. सुमन रानी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. रेनु यादव ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए किए जाने वाले आयोजनों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यक्रम में मंच का संचालन सुश्री रेनु ने किया। आयोजन में डॉ. अनीता, डॉ. अमित, डॉ. पवित्रा, महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ के सदस्यों ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में सक्रिय योगदान दिया। महिला दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग द्वारा भी महिला स्वास्थ्य की चुनौतियां एवं समाधान विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय की चिकित्सा अधिकारी डॉ. हीना यादव ने महिला के स्वास्थ्य संबंधी विषय जैसे ‘विटामिन डी’ की कमी, लक्षण, कारण, एवं उपाय और साथ ही महिलाओं में तीव्रता से बढती ‘सर्वाइकल कैंसर’ के कारण लक्षण एवं उपायों पर विस्तार से जानकारी दी।    

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