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हकेवि में महिला लेखन की चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर व्याख्यान आयोजित

विश्वविद्यालय की समकुलपति एवं कार्यक्रम की संरक्षक प्रो. सुषमा यादव ने सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

हरियाणा :- हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के हिंदी विभाग द्वारा बुधवार को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर महिला लेखन की चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय कुलपति और कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संदेश में कहा कि स्त्री लेखन एक सामाजिक सच्चाई और अस्मिता के संघर्ष की चुनौती के रूप में सामने आता है। यह स्त्री के अपने नजरिए से स्त्री लेखन का नया पाठ है। विश्वविद्यालय की समकुलपति एवं कार्यक्रम की संरक्षक प्रो. सुषमा यादव ने सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. अनीता कपूर ने कहा कि औरत के साथ शुरू से ही यह त्रासदी रही कि इस पुरुष प्रधान समाज ने उसके लिए बहुत सी लक्ष्मण रेखाएँ खींच डाली। पिछले कुछ दशक में हिंदी साहित्य में स्त्री लेखन का व्यापक प्रस्फुटन एक अनूठी और ऐतिहासिक घटना है। सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व्यवस्था और मूल्यों, मर्यादाओं, आदर्शों और संस्कारों के विभिन्न रूपों के जरिए बड़े बारीक ढंग से इसे समाज की संरचना में बुना गया है। इसके माध्यम से पुरुष को स्त्री की तुलना में श्रेष्ठ स्थापित करने का जो षड्यंत्र रचा गया, उसमें स्त्री शोषण को सहज और स्वाभाविक मान्यता के रूप में समाज के मन-मस्तिष्क में बैठाने की निरंतर कोशिश की गई। महिला-लेखन के केंद्र में स्त्री अस्मिता का संघर्ष, अदम्य जिजीविषा, स्त्री स्वातंत्र्य, देह और यौन उत्पीड़न के प्रति विद्रोह और स्वयं की पहचान के प्रति जागरूकता के साथ सामाजिक पहलुओं से जुड़े यथार्थ को भी देखा गया। इससे पूर्व में कार्यक्रम के संयोजक डॉ. कामराज सिंधु ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज हिंदी में स्त्री लेखन का साहित्य समृद्ध और पहले की अपेक्षा कहीं अधिक विस्तृत है। हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष व कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. बीर पाल सिंह यादव ने कहा कि सभी रूढ़िवादी व्यवस्थाओं और सदियों से चल रहे सुनियोजित शोषण-उत्पीड़न के विरुद्ध विश्व भर के वैचारिक चिंतन में नारीवादी विमर्श ने एक नया आयाम और परिप्रेक्ष्य निर्मित किया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के शोधार्थी पुनीत ने किया तथा शोधार्थी भारती सरोहा ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अनीता कपूर का संक्षिप्त परिचय दिया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. बीरपाल सिंह यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। आयोजन में डॉ. कमलेश कुमारी, डॉ. अरविंद सिंह तेजावत, डॉ. सिद्धार्थ शंकर राय, डॉ. अमित कुमार, डॉ. रीना स्वामी व विभाग के विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे। 

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