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हकेवि में विस्तार व्याख्यान का हुआ आयोजन

विश्वविद्यालय की सम-कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने अपने संदेश में कहा कि हम सभी ही नहीं अपितु वर्तमान समय में पूरा विश्व राम रूपी विचार-धारा से पोषित हो रहा है।

हरियाणा :- हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के संस्कृत विभाग द्वारा ‘तुलसी और वाल्मीकि साहित्य में राम’ विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति व कार्यक्रम के संरक्षक प्रो. टंकेश्वर कुमार ने संदेश के माध्यम से संस्कृत विभाग को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राम एक विचार है जो भारतीय संस्कृति व सभ्यता का संवाहक है। प्रत्येक नागरिकों को श्रीराम की तरह अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। विश्वविद्यालय की सम-कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने अपने संदेश में कहा कि हम सभी ही नहीं अपितु वर्तमान समय में पूरा विश्व राम रूपी विचार-धारा से पोषित हो रहा है।

कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार, अधिष्ठाता, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान पीठ ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए विभाग को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विभाग के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के ज्ञानवर्धन के लिए आवश्यक है। विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग की सह-आचार्य व कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. कमलेश कुमारी ने अपने वक्तव्य में बताया कि तुलसी दास ने राम को अवतार के रूप में स्वीकार किया है जबकि वाल्मीकि ने इन्हें एक श्रेष्ठ एवं सभ्य पुरुष के रूप में उकेरा है। रामायण के उपलब्ध विभिन्न संस्करणों में राम के चरित्र को लेकर विभिन्नताओं पर चर्चा करते हुए कहा कि राम एक शाश्वत् परम्परा है तथा पूरा विश्व इस परम्परा से गौरवान्वित हो रहा है। कार्यक्रम के अंत में संयोजक डॉ. सुमन रानी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए राम शब्द की सार्थकता व व्युत्पत्ति पर प्रकाश डालते हुए रामायण में राम की महता से अवगत कराया। कार्यक्रम में मंच संचालन विभाग में सहायक आचार्य डॉ. कृष्ण कुमार ने किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य डॉ. अर्चना कुमारी व विभाग के अन्य विद्यार्थी व शोधार्थी विशेष रूप से मनीषा, बृजेश, रीतु, रेखा, तन्नू, वर्षा, दीपक, चोखराज, कविता (शोधार्थी हिन्दी विभाग) के साथ अन्य विभागों के 50 से अधिक विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।

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