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जो समुदाय अपनी मातृभाषा, विरासत और रीति रिवाजों से जुड़े रहते हैं वे हमेशा प्रगति करते हैं: हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह काहलों

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर ‘‘जीवित रहे मातृभाषा पंजाबी’’ कार्यक्रम आयोजित किया

नई दिल्ली,  फरवरी: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा कमेटी के पंजाबी भाषा प्रसार विभाग के अध्यक्ष हरदित्त सिंह व सह-अध्यक्ष राजिंदर सिंह विरासत के नेतृत्व में ‘‘जीवित रहे मातृभाषा पंजाबी’’ कार्यक्रम का सफल आयोजन माता सुंदरी कॉलेज में किया गया।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने पंजाबी भाषा प्रसार समिति को बधाई देते हुए कहा कि जो समुदाय मातृभाषा, विरासत और संस्कारों से जुड़े रहते हैं, वे हमेशा प्रगति करते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में किसी ने भी पंजाबी भाषा प्रसार कमेटी के गठन के बारे में नहीं सोचा लेकिन हमने यह समिति बनाई जिसने बेहतरीन प्रयास करते हुए बच्चों को मातृभाषा से जोड़ा। आज अंतरराष्ट्रीय पंजाबी भाषा दिवस मनाने का उद्देश्य दुनिया को यह संदेश देना है कि हम अपनी मातृभाषा, विरासत और पंजाबियत को जीवित रखने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे और हमारे बच्चों ने मंच पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
हमने अपनी भाषा को मातृभाषा के रूप में बोलना इसलिए शुरु किया क्योंकि जब तक भाषा रहेगी तब कि हमारे संस्कार व पृष्ठभूमि जीवित रहेगी।  जिस व्यक्ति के पास संस्कार और पृष्ठभूमि होती है, वह व्यक्ति जीवन में हमेशा सफल होता है।
सरदार कालका व सरदार काहलों ने कहा कि आधुनिक युग में लोग अपनी मातृभाषा से दूर होते जा रहे हैं। जिन घरों में हिंदी और अंग्रेजी में बातचीत होती है, वहां पंजाबी मातृभाषा कभी नहीं बचेगी। पंजाबी भाषा को गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त है। गुरु साहिब ने हमें गुरुमुखी लिपि का बेहतरीन उपहार दिया है।
गुरु अंगद देव जी ने 35 अक्षरों से शुरुआत की और फिर 6 अक्षर और जोड़कर इसे 41 अक्षर कर दिया। जो बच्चा अपनी मातृभाषा से जुड़ता है वह गुरसिक्खी से कभी दूर नहीं हो सकता। आज के युग में नशे और सिक्खी के निरादरता का जो रोग समुदाय में आया है उससे बचने का एकमात्र उपाय है कि हम पंजाबी भाषा से जुड़े रहें।
इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा संयुक्त सचिव स. जसमेन सिंह नोनी, सदस्य गुरप्रीत सिंह जस्सा, स. परमजीत सिंह खुराना, स. इंदरप्रीत सिंह मोंटी, स. गुरुमीत सिंह शंटी, स. जतिंदरपाल सिंह गोल्डी, स. सतनाम सिंह सत्ता, स. बलजिंदर सिंह, स. सतनाम सिंह मारवाह, स. कुलविन्दर सिंह, स. हरदित्त सिंह, स. राजिंदर सिंह विरासत, स. अजीतपाल सिंह, स. नरेंद्रजीत सिंह, स. सुरजीत सिंह अध्यक्ष के अलावा गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल, स्टाफ और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहेे।

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