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हकेवि में भारतीय पर्यटन एवं आतिथ्य उद्योग पर विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित

आज की अधिकांश बड़ी ट्रैवल एजेंसियां बहुत ही कम राशि के साथ बहुत युवा उद्यमियों द्वारा शुरू की गई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि आज के व्याख्यान से प्रतिभागी अवश्य ही लाभांवित होंगे। व्याख्यान में डॉ. अमित माथुर, डॉ. जितेन्द्र कुमार, डॉ. विकास सिवाच, डॉ. अनिल कुमार सहित शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

महेंद्रगढ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। भारतीय पर्यटन एवं आतिथ्य उद्योग पर केंद्रित इस ई-व्याख्यान में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. मोहिंद्र चंद विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने आयोजन के लिए विभाग को शुभकामनाएं दी और कहा कि भारतीय पर्यटन और आतिथ्य उद्योग देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में औपचारिकताएं कम होनी चाहिए। साथ ही शिक्षक को एक मित्र व मार्गदर्शक की भूमिका के रूप में कार्य करना चाहिए। 

विशेषज्ञ वक्ता प्रो. मोहिंदर चंद ने रोजगार सृजन में भारतीय पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के महत्त्व से अवगत कराते हुए कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में सबसे अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने वालों में से एक ट्रैवल एजेंसी व्यवसाय है। उन्होंने ट्रैवल एजेंसियों की अवधारणा, प्रकार और पर्यटन पेशेवरों के लिए उनकी उपयोगिता पर विस्तार से और व्यावहारिक उदाहरणों के साथ चर्चा की। उन्होंने इस व्यवसाय में उभरती प्रवृत्तियों और ट्रैवल एजेंसियों की बदलती भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने प्रतिभागी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए आवश्यक कौशल पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। सवाल जवाब सत्र के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत में विभाग के सहायक आचार्य व कार्यक्रम के आयोजक डॉ. विवेक बाल्यान ने विशेषज्ञ वक्ता का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत विश्वविद्यालय पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रणबीर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि पर्यटन व्यवसाय में ट्रेवल एजेंसी सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। आज की अधिकांश बड़ी ट्रैवल एजेंसियां बहुत ही कम राशि के साथ बहुत युवा उद्यमियों द्वारा शुरू की गई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि आज के व्याख्यान से प्रतिभागी अवश्य ही लाभांवित होंगे। व्याख्यान में डॉ. अमित माथुर, डॉ. जितेन्द्र कुमार, डॉ. विकास सिवाच, डॉ. अनिल कुमार सहित शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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