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हकेवि में धूमधाम से मनाया गया उगादि पर्व

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व उनकी पत्नी प्रो. सुनीता श्रीवास्तव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे

 

महेन्द्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में शनिवार को हिंदू नववर्ष व उगादि पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय के सहयोग से विश्वविद्यालय में अध्ययनरत आंध्र प्रदेश तेलंगाना राज्यों के विद्यार्थियों ने यह पर्व पारम्परिक रीति-रिवाज के साथ मनाया।

             कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व उनकी पत्नी प्रो. सुनीता श्रीवास्तव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। 
विश्वविद्यालय के प्रो. मूल चंद शर्मा सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरूआत कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व प्रो. सुनीता श्रीवास्तव द्वारा पूजा-अर्चना के साथ हुई। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि हिंदू नववर्ष व उगादि पर्व के महत्त्व से अवगत कराते हुए कहा कि चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को वर्ष प्रतिपदा या युगादि भी कहा जाता है। इस दिन हिन्दू नववर्ष का आरम्भ होता है। विजय के प्रतीक रूप में शालिवाहन शक का प्रारंभ इसी दिन से होता है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना सहित तेलुगु  भाषी प्रदेशों में ‘उगादि‘ और महाराष्ट्र में यह पर्व ‘ग़ुड़ी पड़वा’ के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था, तो इसी दिन से नवसंवत्सर भी शुरू होता है। प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों द्वारा अयोजित इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में मिनी इंडिया की झलक देखने को मिलती है और इस प्रकार के आयोजनों से हमें एक-दूसरे की संस्कृति व परम्पराओं से रुबरु होने का अवसर मिलता है। 


कार्यक्रम में मंच का संचालन छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. आनंद शर्मा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सहायक आचार्य डॉ. मुलाका मारुति ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. मुरलीधर, महेंद्र के सहित विद्यार्थी साई गणेश, अजय, विष्णु, पुनीत, फ्रांसिस, मेघना रेड्डी तथा अनिररूद्ध आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. सारिका शर्मा, शोध अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान सहित विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।

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