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गौधन विकास, आत्मनिर्भर किसान अभियान की हुई शुरुआत

:- जिला उपायुक्त श्याम लाल पुनिया व एसडीएम दिनेश कुमार विशिष्ठ अतिथि के रूप में हुए शामिल :- कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार बोले मिलकर करें प्रयास तो आत्मनिर्भर होगा गांव, जिला, राज्य व देश

 

हरियाणा: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में शुक्रवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला व गौधन आधारित उत्पादों की प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। नवाचार एवं उद्भवन केंद्र द्वारा उन्नत भारत अभियान के तहत विश्वविद्यालय के गोद लिए गाँवों के किसानों हेतु आयोजित इस कार्यशाला में विशिष्ठ अतिथि के रूप में जिला उपायुक्त श्याम लाल पुनिया व एसडीएम दिनेश कुमार शामिल हुए। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि गौधन पुरातन काल से ही जीवन में संतुलन का परिचायक रहा है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु इस तरह के आयोजनों को महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि अवश्य ही इसके माध्यम से गौधन विकास और कृषि के क्षेत्र में किसानों के लिए आवश्यक जागरूकता को बढ़ा पाना संभव होगा जो कि आत्मनिर्भर गांव, जिले, राज्य व देश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

इस मौके पर विशिष्ठ अतिथि जिला उपायुक्त श्याम लाल पुनिया ने कहा कि अवश्य ही इस तरह के प्रयासों से गौधन के विकास व किसानों के प्रशिक्षण में मदद मिलेगी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य की मूल प्रवृत्ति प्रकृति से जुड़ाव की रही है और वह प्रकृति से प्रेम करता है। जिसके परिणाम स्वरूप जरूरत है कि आपसी समन्वय स्थापित कर मिलकर प्रकृति के विकास के लिए कार्य किया जाए। उन्होंने गौधन विकास को नैतिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि हमारे समक्ष लाडवा गौशाला का उदाहरण उपस्थित है, जिससे सीखकर हम भी गौशालाओं को समृद्ध बना सकते हैं।

जिला उपायुक्त ने अपने संबोधन में गौधन विकास व कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिणामों के लिए कृषि व गौवंश वैज्ञानिक तथा किसान के बीच समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल फ्यूचर की परिकल्पना को साकार करने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। अपने संबोधन में जिला उपायुक्त ने आयोजन में सम्मिलित कृषि विज्ञान केंद्र, महेंद्रगढ़ के वरिष्ठ समन्यवयक रमेश यादव, नाबार्ड के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विशेषज्ञों का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अवश्य ही उनके ज्ञान का लाभ प्रतिभागियों को प्राप्त होगा। इसी क्रम में एसडीएम दिनेश कुमार ने कहा कि धरातल पर जनमानस से जुड़े किसी भी विषय में विश्वविद्यालय के प्रयास को जिला प्रशासन अंजाम तक पहुँचाने के लिए सदैव तत्पर है।

कार्यशाला का मुख्य आकर्षण लाडवा गौशाला है जो कि अपने कुशल प्रबंधन के लिए न सिर्फ भारत बल्कि एशिया के स्तर पर अपनी एक अलग पहचान रखती है। कार्यक्रम में गौधन आधारित वस्तुओं की प्रदर्शनी भी आयोजन स्थल पर लगाई गई है।

आयेाजन में विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठात, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारियों सहित जांट, पाली, भुरजट, धोली और खुडाना गांवों के प्रतिनिधि भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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