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एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण में सरदार पटेल का योगदान अविस्मरणीय

-एकता दिवस के अवसर पर हकेवि में रन फॉर यूनिटी का हुआ आयोजन
-स्वतंत्र भारत एट 75: अखंडता के साथ आत्मनिर्भरता विषय पर हुआ राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में एकता दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय में इस अवसर रन फॉर यूनिटी (एकता दौड़) का आयोजन किया गया, जिसे विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एक भारत श्रेष्ठ भारत,  प्रकोष्ठ और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) यूनिट के प्रयासों से आयोजित इस एकता दौड़ में भारी संख्या में विद्यार्थियों, शोधार्थियों, शिक्षकों व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। एक मौके पर प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने सभी प्रतिभागियों को राष्ट्रीय एकता व अखण्डता की शपथ भी दिलाई। 

 

लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में एकता दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय में इस अवसर रन फॉर यूनिटी (एकता दौड़) का आयोजन किया गया, जिसे विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एक भारत श्रेष्ठ भारत,  प्रकोष्ठ और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) यूनिट के प्रयासों से आयोजित इस एकता दौड़ में भारी संख्या में विद्यार्थियों, शोधार्थियों, शिक्षकों व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। एक मौके पर प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने सभी प्रतिभागियों को राष्ट्रीय एकता व अखण्डता की शपथ भी दिलाई। एकता दौड़ के साथ- साथ विश्वविद्यालय में एकता दिवस के अवसर पर मुख्य सर्तकता अधिकारी कार्यालय के द्वारा स्वतंत्र भारत एट 75: अखंडता के साथ आत्मनिर्भरता विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में 19वें लॉ कमीशन के सदस्य व गुरू गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रो. एम अफजल वाणी, विशिष्ट अतिथि के रूप में नेफेड के निदेशक श्री अशोक ठाकुर व रिसोर्स पर्सन के रूप में इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ पॉलिक एडमिनिस्ट्रेशन, नई दिल्ली के प्रो.सुरेश मिश्रा उपस्थित रहे। 

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने आजाद भारत की एकता व अखंडता में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण में सरदार पटेल की भूमिका अवस्मिणीय है। कुलपति ने इस मौके पर विश्वविद्यालय के मुख्य सर्तकता अधिकारी कार्यालय के द्वारा आयोजित सर्तकता जागरूकता सप्ताह का उल्लेख करते हुए कहा कि अवश्य ही सप्ताह में आयोजित गतिविधियों के आयोजन का लाभ सहभागियों को प्राप्त होगा। स्वतंत्र भारत एट 75: अखंडता के साथ आत्मनिर्भरता विषय पर आयोजित कार्यशाला के संबंध में कुलपति ने कहा कि अवश्य ही इससे प्राप्त ज्ञान का लाभ भारत के विकास में जुटे प्रतिभागी शिक्षकों, विधार्थियों को मिलेगा। उन्होंने देश के विकास में शिक्षा के योगदान को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इसके लिए व्यवस्था के स्तर पर विशेष प्रयास करने की जरूरत है। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में कौशल विकास को महत्वपूर्ण बताया और इसके लक्ष्यों को पाने के लिए विशेष प्रयास करने पर जोर दिया।

कुलपति ने अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना पर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करते हुए इस दिशा में शोध की आवश्यकता बताई इसमें विशेष योगदान देने के लिए प्रतिभागियों को प्रेरित किया। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के मुख्य सर्तकता अधिकारी प्रो. राजेश मलिक ने कार्यशाला के विषय पर प्रकाश डाला और इसके महत्व से अवगत कराया। उन्होंने अपने सम्बोधन में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान आयोजित विभिन्न आयोजन के विषय में भी प्रतिभागियों को जानकारी दी और कहा कि इन आयोजनों के माध्यम से अवश्य ही हम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता की स्थापना के निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त कर पायेंगे। प्रो. सुरेश मिश्रा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कोराना महामारी के चलते विश्व स्तर पर बदली परिस्थितियों और उसके बाद सुधार की दिशा में उठाये गए आत्मनिर्भर भारत अभियान की परिकल्पना और उसके लिए जारी विभिन्न प्रयासों विशेषकर गुड गर्वेनेंस पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि श्री अशोक ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी देश व संस्था के विकास के लिए पहली शर्त है भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन।

उन्होंने नेफेड के स्तर पर उठाये गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी और बताया कि सुधार के लिए किस तरह से आगे बढ़ा जा सकता है। कार्यशाला में मुख्य वक्ता प्रो. एम अफजल वाणी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन देश की एकता के दिवस के रूप में महत्वपूर्ण है जिसे देशभर में महाउत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने अपने संबोधन में अखंडता के साथ आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना पर भी विस्तार से प्रकाश डाला और इस दिशा में जारी प्रयासों व चुनौतियों से अवगत कराया। उन्होंने अपने संबोधन में भारतीय संविधान का उल्लेख करते हुए उसमें किए प्रावधानों का भी देश के विकास में योगदान पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन में कार्यशाला के संयोजक प्रो. राजबीर दलाल, डॉ. मोनिका मलिक सहित प्रोग्राम संयोजक डॉ. कुलवंत मलिक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एक भारत श्रेष्ठ भारत के नोडल ऑफिसर डॉ. रमेश कुमार ने एकता दौड़ के अवसर पर अपने वक्तव्य में प्रतिभागियों को एकता दिवस के विषय में बताया कि राष्ट्रीय एकता के प्रतीक सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मना रहा है । लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपने पुरुषार्थ के चलते पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधा। मुख्य रूप से उन्होंने हैदराबाद व जूनागढ़ की रियासतों को भारत में शामिल करने का एक सफलतापूर्वक कार्य किया। 550 से ज्यादा रियासतों को मिला करके भारत को एक अखंड रूप सरदार वल्लभ भाई पटेल ने प्रदान किया। एकता दौड़ में विधि विभाग के अधिष्ठाता प्रो. राजेश कुमार मलिक, डॉ.धर्मपाल पुनिया, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. सुनील कुमार, एनएसएस संयोजक डॉ. दिनेश चहल,  डॉ. पायल चंदेल, डॉ. जयप्रकाश, डॉ. शरण व एक भारत श्रेष्ठ भारत और एनएसएस यूनिट के प्रतिभागी मौजूद रहे।

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