
दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव (कॉलेजिज) ने विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों के प्राचार्यों , संस्थानों के निदेशकों को सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि कुलपति, दक्षिणी परिसर के निदेशक तथा कुलसचिव के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि आने वाले शैक्षिक सत्र --2022--23 के अनुसार छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए शैक्षिक तथा गैर -शैक्षिक स्तर पर अतिरिक्त कार्यभार के कारण 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों व कर्मचारियों के पदों के बारे में उसकी आवश्यकता के विषय में जानकारी मांगी है । विश्वविद्यालय द्वारा जारी सर्कुलर में यह भी जानकारी मांगी है कि कितने शिक्षक व कर्मचारी अतिरिक्त चाहिए क्योंकि विश्वविद्यालय द्वारा ईडब्ल्यूएस (EWS ) का 10 फीसदी आरक्षण लागू हो जाने के कारण छात्रों , शिक्षकों और कर्मचारियों की अतिरिक्त भर्ती की आवश्यकता है।
आम आदमी पार्टी से संबद्ध शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षिक व गैर- शैक्षिक पदों पर ईडब्ल्यूएस (EWS) अभ्यर्थियों को 10 फीसदी अतिरिक्त सीटें देने संबंधी सर्कुलर जारी किए जाने का स्वागत किया है और कहा है कि विश्वविद्यालय के विभागों /कॉलेजों व संस्थानों में ईडब्ल्यूएस की सीटें बढ़ने से सामान्य वर्गों के उन एडहॉक शिक्षकों को राहत मिलेगी जो लंबे समय से पढ़ा रहे थे। उन्होंने बताया है कि विश्वविद्यालय यदि 10 फीसदी अतिरिक्त सीटें न बढ़ाता तो विभिन्न कॉलेजों से लगभग 500 एडहॉक टीचर्स वे इस सिस्टम से बाहर हो जाते जो सामान्य वर्गों की सीटों पर पढ़ा रहे थे और उनकी सीट ईडब्ल्यूएस या आरक्षण रोस्टर में एससी/एसटी /ओबीसी की सीट आ गई थीं, अब आरक्षित श्रेणी को नहीं जाएगी। इससे उनको बहुत बड़ी राहत मिली है। बता दे कि डीयू से संबद्ध कॉलेजों में 5000 से अधिक एडहॉक टीचर्स पिछले एक दशक से पढ़ा रहे हैं, इसी तरह विभागों में 600 पदों पर स्थायी नियुक्ति की जानी है। उन्होंने इन पदों पर जल्द से जल्द स्थायी नियुक्ति करने की मांग वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह से की है।
डीटीए के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि जिस समय ओबीसी आरक्षण आया था और जिस तरह से ओबीसी एक्सपेंशन के पदों को जोड़ा गया था उसी प्रकार ईडब्ल्यूएस (EWS) के आरक्षण से उत्पन्न रिक्तियों की भी गणना करें। साथ ही इसके अलावा कॉलेजों / संस्थानों से यह भी मांगा गया है कि संस्थान/कॉलेज में छात्रों और शिक्षकों का अनुपात क्या है , उसके आंकड़े सभी विभागों द्वारा प्रस्तुत किए जाने के बाद संस्थान/ कॉलेज इस कमेटी को भेजेगा। डॉ. सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इससे पहले भी ईडब्ल्यूएस के कारण बढ़ी शिक्षकों व कर्मचारियों की 10 फीसदी अतिरिक्त सीटों का ब्यौरा मांगा गया था। हालांकि दिशा निर्देश जारी किए जाने के बाद भी इस संबंध में अभी तक कोई आंकड़ा प्रस्तुत नहीं किया गया है।
डॉ.सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए सर्कुलर में कॉलेजों के प्राचार्यो , संस्थानों के प्रमुखों से अतिरिक्त पदों की मांग हेतु जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजने की मांग की है ताकि इस संदर्भ में 7 सितम्बर 2022 को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जा सकें। उन्होंने यह भी बताया है कि इस सर्कुलर के साथ विश्वविद्यालय द्वारा फॉर्मेट भेजा गया है जिसमें कॉलेजों / संस्थानों से अतिरिक्त शिक्षकों और कर्मचारियों के पदों की आवश्यकताओं की संख्या के विषय में सम्पूर्ण जानकारी मांगी गई है।
सामान्य वर्गों के एडहॉक टीचर्स को मिलेगी राहत --- डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा संस्थानों/ कॉलेजों के प्राचार्यो , निदेशकों से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण से अतिरिक्त 10 फीसदी आरक्षण लागू कर उसके आंकड़े मांग रहे है , रोस्टर रजिस्टर बनकर , विश्वविद्यालय से पास कराकर , पदों के विज्ञापित होने पर सामान्य वर्गों के एडहॉक टीचर्स को इससे राहत मिलेगी। वे अब अपने पदों पर बने रहेंगे। इससे पहले रोस्टर के बदलने से उनकी सीटें समाप्त हो रही थीं, विश्वविद्यालय के कुलपति व निदेशक का यह सराहनीय कदम है, जो उन्होंने 10 फीसदी अतिरिक्त सीटों पर आरक्षण लागू किया।
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