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अरबिंदो कॉलेज में संपन्न हुआ दीक्षान्त समारोह, 700 से अधिक छात्रों को डिग्री दी गई

:- इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. विपिन अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में सभी स्नातकों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि डिग्री प्राप्त करने का एक भिन्न आत्मविश्वास होता है। इससे विद्यार्थियों में गर्व की अनुभूति होती है

 

दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज ने शुक्रवार को सेमिनार हॉल में भव्य  दीक्षान्त समारोह का आयोजन किया जिसमें 700 से अधिक विज्ञान, वाणिज्य व मानविकी के छात्रों को  मुख्यअतिथि दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर धनजंय जोशी ने डिग्री प्रदान की। बता दें कि कॉलेज से विभिन्न विषयों विज्ञान, वाणिज्य तथा मानविकी आदि में सफलता पूर्वक स्नातक कर चुके विद्यार्थियों को (डिग्री) स्नातक उपाधि प्रदान किए जाने वाले इस "दीक्षान्त समारोह" को आयोजित करने की श्री अरबिंदो कॉलेज की अपनी विशिष्ट परंपरा रही है किन्तु कोविड समस्या के चलते विगत दो वर्षों से इस कार्यक्रम का आयोजन स्थगित करना पड़ा था।

कॉलेज के मीडिया संयोजक डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि श्री अरबिंदो कॉलेज अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण कर इसी वर्ष अपना गोल्डन जुबली भी मना रहा है। साथ ही देश की आजादी के अमृत महोत्सव की पृष्ठ भूमि में कॉलेज वर्ष भर से अनेक अकादमिक सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित कर रहा है।  ऐसे में आयोजित इस दीक्षान्त समारोह में पूर्व छात्रों के साथ ही अकादमिक जगत से जुड़े अनेक गणमान्य व्यक्तियों,शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

उन्होंने बताया है कि उपाधि वितरण कार्यक्रम के इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली सरकार द्वारा हाल ही में स्थापित दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर शिक्षाविद व पर्यावरणविद प्रोफेसर धनजंय जोशी, कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन श्री देवेंद्र तोमर, प्राचार्य प्रो. विपिन अग्रवाल के अलावा दीक्षान्त समारोह की कार्यक्रम संयोजक प्रो. वंदना भल्ला, डॉ.प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. आर.के. वर्मा, डॉ.मीता माथुर, डॉ.हंसराज सुमन, डॉ.सुमित मौर्य, डॉ. राजबीर यादव आदि शिक्षक उपस्थित रहे। मंच का संचालन डॉ. वंदना मुंजाल तथा डॉ. शिखा नारंग ने किया।

दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए प्रो. धनजंय जोशी ने कहा कि आज का समय उच्च शिक्षा प्रणाली में बड़े परिवर्तन का समय है, जिसमें शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि आज हम यदि समाज में श्री अरबिंदो, शहीद भगत सिंह व डॉ.  अम्बेडकर जैसे नेतृत्वकर्त्ता रोल मॉडल व्यक्तित्व नहीं पैदा कर पा रहे हैं तो इसका कारण है कि हमारी व्यवस्था में "लीडरशिप क्राइसिस" है। आज हम विजडम और ज्ञान परंपरा से हटकर सूचना परम्परा जीवी हो चुके हैं। हम अपने लिए अपना बेस्ट नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अमरीकी का बेस्ट ब्रेन अमेरिका के लिए बेस्ट कर रहा है, जापान का जापान के लिए सर्वोत्तम कर रहा है किन्तु भारत का सर्वोत्तम मस्तिष्क भारत देश के लिए सर्वोत्तम नहीं दे पा रहा है। इसका कारण है कि हम अपनी संस्कृति से जुडी मूल्यवत्ता पूर्ण शिक्षा पद्धति से कट गए हैं।

प्रोफेसर जोशी ने आगे कहा कि आज हम सूचना और डेटा के युग में अपनी संवेदना भुलाकर स्वयं डेटा मात्र होकर रह गए हैं। आज शिक्षक क़ी अस्मिता पर संकट खड़ा हो गया है, इसे बदलने क़ी आवश्यकता है। विश्व गुरु भारत पुनः विश्वगुरु क़ी राह पर अग्रसर हो सकता है यदि हम अपनी मूल्य आधारित शिक्षा व्यवस्था को पुनः हासिल करें। शिक्षक का बड़ा नैतिक दायित्व होता है। हमें एक्सीडेंटल टीचर नहीं चाहियें।उसके लिए उसकी अपनी पूर्ण इच्छा होनी चाहिए। शिक्षक बनने का लोगों में स्वयंमेव आदर्श भाव होना चाहिए। मज़बूरी में नहीं मजबूती से शिक्षक बनने का नैतिक भाव होना आवश्यक है।

इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. विपिन अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में सभी स्नातकों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि डिग्री प्राप्त करने का एक भिन्न आत्मविश्वास होता है। इससे विद्यार्थियों में गर्व की अनुभूति होती है। और भविष्य में आगे बढ़ने का उत्साह जगता है। उन्होने कहा कि हमारे कॉलेज से डिग्री प्राप्त करने वाले आज अनेक व्यक्ति समाज मे बड़ी भूमिकाओं में हैं। आज हमारे पूर्व छात्र अनेक अकादमिक संस्थानों के प्रमुख, प्रोफ़ेसर, अनेक व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पदों पर, पत्रकार, वकील यहाँ तक कि बॉलीवुड तक में श्री अरबिंदो कॉलेज की उपस्थिति दर्ज करा रहे है। उन्होंने डिग्री वितरण के दौरान सभी से आगे बढ़ते रहने और अपने संस्थान का नाम रोशन करने की अपनी  शुभकामना दी।

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