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युवाओं के सक्रिय योगदान से होगा स्वावलंबी भारत: सतीश कुमार

:- स्वदेशी जागरण मंच हकेवि इकाई द्वारा तरंग श्रृंखला के अंतर्गत व्याख्यान आयोजित

 

हरियाणा: भारत के विकास के लिए आज के समय में बेहद आवश्यक है कि देश की युवा शक्ति किसी न किसी क्षेत्र में अपनी क्षमताओं के अनुरूप योगदान दें। आत्मनिर्भर व स्वावलंबी भारत की परिकल्पना को साकार करने की शुरूआत अपने घर, आसपास, जिले से ही करनी होगी। जहां तक बात महेंद्रगढ़ की है तो यदि महेंद्रगढ़ व हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के 40 से 50 युवा स्वावलंबी जिले के अभियान की जिम्मेदारी उठा लें तो यह कार्य मुश्किल नहीं है। यह विचार स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह-संगठक श्री सतीश कुमार ने स्वदेशी जागरण मंच हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय इकाई व विश्वविद्यालय के व्यावसायिक अध्ययन एवं कौशल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान में व्यक्त किए।

आयोजन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विशेष रूप से स्वावलंबी व आत्मनिर्भर भारत निर्माण की दिशा में जारी विभिन्न उल्लेखनीय प्रयासों की जानकारी दी।

स्वावलंबी भारत अभियान और युवा शक्ति विषय पर आयोजित इस व्याख्यान की शुरूआत गायत्री मंत्र के साथ हुई। इसके पश्चात स्वदेशी जागरण मंच हकेवि इकाई की संयोजिका प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण के साथ तरंग कार्यक्रम की जानकारी दी। प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा उद्देश्य युवाओं को रोजगार की ओर देखने वाला नहीं बल्कि रोजगार विकसित करने वाला बनाना है। उन्होंने इसके लिए विश्वविद्यालय में आइडिया जनरेशन के लिए जारी विभिन्न प्रयासों को महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि इसके माध्यम से स्वावलंबी व आत्मनिर्भर भारत के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास जारी है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने आयोजन में सम्मिलित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय निरंतर युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाओं को विकसित करने में जुटा है। इसके लिए अर्न व्हाईल लर्न जैसी योजनाएं जारी है। हाल ही में इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को उनकी क्षमताओं व रुचि के अनुरूप विश्वविद्यालय में उपलब्ध कार्यों से जुड़ने का अवसर प्रदान किया गया। कुलपति ने इस अवसर पर भरोसा दिलाया कि इस दिशा में प्रयासों को अनवरत जारी रखेगा और इस तरह के कार्यों में विश्वविद्यालय स्थानीय स्तर पर भी हर संभव सहयोग के लिए तत्पर है।

कार्यक्रम मे विशेषज्ञ वक्ता माननीय श्री सतीश कुमार ने कहा कि स्वावलंबी भारत का सपना साकार तभी हो सकता है जबकि भारत शून्य गरीबी रेखा वाला देश बने। उन्होंने इसके लिए विशेष प्रयास करने पर जोर दिया और कहा कि इस काम में 18 साल या उससे अधिक उम्र के युवाओं की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। युवा पीढ़ी यदि मेरा गांव मेरा देश की तर्ज पर मेरा जिला मेरा देश की सोच बना ले तो 40 से 50 युवाओं की सक्रिय भागीदारी से जिले को स्वावलंबी बनाया जा सकता है।

श्री सतीश कुमार ने अपने संबोधन में स्वावलंबी भारत अभियान और उसके लिए जमीनी स्तर पर जारी कार्यक्रमों, योजनाओं पर भी व्याख्यान में सम्मिलित शिक्षकों, विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। उन्होंने इस दिशा में युवाओं के मन में आ रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं व उससे संबंधित चुनौतियों पर भी उनका मार्गदर्शन किया। इससे पूर्व में स्वदेशी जागरण मंच से जुड़ीं डॉ. सुनीता भरतवाल ने तरंग कार्यक्रम की योजना व उद्देश्य पर प्रकाश डाला और हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय इकाई में इस श्रृंखला के अंतर्गत कार्यक्रम की शुरूआत होने पर आयोजकों को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम के अंत में स्वदेशी जागरण मंच हरियाणा के प्रांत सह-संयोजक डॉ. रणबीर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। ऑनलाइन आयोजन के दौरान मंच का संचालन श्री सुनील अग्रवाल द्वारा किया गया।

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