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हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में कंठस्थ टूल पर हिन्दी कार्यशाला आयोजित

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में राजभाषा अनुभाग व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की ओर से कंठस्थ टूल पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया।

 
हरियाणा: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में राजभाषा अनुभाग व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की ओर से कंठस्थ टूल पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहायक निदेशक (राजभाषा) डॉ. मोहन चंद्र बहुगुणा विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार को लेकर गंभीरता के साथ प्रयास कर रहा है। राजभाषा हिन्दी के कार्यालयीन प्रयोग के लिए हिन्दी का प्रशिक्षण आवश्यक है।  कुलपति ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से अवश्य ही प्रतिभागियों को हिंदी अनुवाद करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कार्यशाला के विशेषज्ञ का भी आभार व्यक्त किया।  
प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यशाला के संबंध में कहा कि इसका उद्देश्य कार्यालयीन कार्य में हिंदी के प्रयोग में आ रही कठिनाई को दूर करना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में हिंदी का प्रयोग शैक्षणिक व शिक्षणेतर कर्मचारियों द्वारा कार्यालय प्रयोग में लगातार बढ़ रहा है। कुलपति ने इस अवसर पर कहा कि आज के समय में अनुवाद का महत्व बढ़ा है और नई शिक्षा नीति भी मातृभाषा में शिक्षा को उपलब्ध कराने की बात करती है ऐसे में इस तरह की कार्यशाला अवश्य ही विद्यार्थियों, शोधार्थियों, शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित होगी। कुलपति ने कहा कि अनुवाद के महत्व को समझते हुए ही विश्वविद्यालय ने अपने यहाँ एम.ए. (हिंदी अनुवाद) का पाठ्यक्रम शुरू किया है जिसके अंतर्गत दाखिले की प्रक्रिया जारी है।
इस ऑनलाइन कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित मोहन चंद्र बहुगुणा ने कंठस्थ टूल के विषय में बताते हुए कहा कि ट्रांसलेशन मेमोरी पर आधारित यह सिस्टम भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राजभाषा विभाग के लिए विकसित किया गया है। इस सिस्टम के माध्यम से अंग्रेजी से हिंदी तथा हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद संभव है। उन्होंने बताया कि ट्रांसलेशन मेमोरी पर आधारित इस सिस्टम की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें अनुवादक पूर्व में किए गए अनुवाद को किसी नई फाइल के अनुवाद के लिए पुनःप्रयोग कर सकता है। डॉ. बहुगुणा ने कंठस्थ टूल में अनुवाद करने की प्रक्रिया, अनुवाद कार्य को व्यवस्थित रखने की प्रक्रिया व भविष्य में उसके फिर से प्रयोग करने की प्रक्रिया के बारे में प्रतिभागियों को व्यावहारिक जानकारी विस्तार से उपलब्ध कराई। कार्यशाला का आरम्भ विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुआ। तत्पश्चात विश्वविद्यालय के हिन्दी अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने विशेषज्ञ वक्ता का परिचय व धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्षों, प्रभारी, शिक्षकों व कर्मचारियों ने ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभागिता की।

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