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गणतन्त्र दिवस परेड में पहली बार राजपथ के दोनों तरफ लगी देश के नामी गरामी कलाकारों की कलाकृतियाँ

गणतन्त्र दिवस परेड में पहली बार राजपथ के दोनों तरफ लगी देश के नामी गरामी कलाकारों की कलाकृतियाँ में राजस्थान के नाथद्वारा की विश्व प्रसिद्ध पिछवाइयों,माँड़ना के साथ ही मेवाड़ की फड़ शैली मे बनी पेन्टिंग्स भी शामिल

 

-गोपेंद्र नाथ भट्ट -

नई दिल्ली।गणतन्त्र दिवस पर दिल्ली में आयोजित होने वाली भव्य परेड में इस बार पहली बार राजपथ के दोनों तरफ देश के नामी गरामी कलाकारों की चयनित कलाकृतियाँ एक विशाल और लम्बे केनवास पर प्रदर्शित होंगी। इस कला कुंभ में देश के विभिन्न राज्यों से करीब 300 चित्रकार, कई विश्वविद्यालयों के कलाकारों आदि ने एक साथ मिलकर 1450 मीटर लम्बे केनवास पर अपनी कला उकेरी हैं।

             इसमें राजस्थान के नाथद्वारा की विश्व प्रसिद्ध पिछवाइयों ,माँड़ना आदि के साथ ही मेवाड़ की फड़ शैली मे बनी पेन्टिंग्स भी शामिल होंगी। भीलवाड़ा के प्रसिद्ध फड़ चित्रकार कल्याण जोशी ने बताया कि इन पेटिंग्स का राष्ट्रपति रामनाथ कोविद और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी अवलोकन करेंगे।तत्पश्चात यह विशाल पेन्टिंग आम जनता  के अवलोकनार्थ राजपथ पर उपलब्ध रहेगी। गणतन्त्र दिवस पर इतनी लम्बी पेन्टिंग संभवत विश्व रिकार्ड बनायेंगी और इसे देश विदेश के कई कला प्रेमी भी देखेंगे। देश भर में चल रहे अमृत महोत्सव के तहत यह प्रदर्शन अनूठा होगा। आधुनिक चित्रकला के साथ पारम्परिक कला मिश्रण एक नवीन प्रयोग पहली बार एक साथ देखने को मिलेगा। जो विश्व भर के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा।

इस कला कुम्भ में भीलवाड़ा के प्रसिद्ध फड़ चित्रकार कल्याण जोशी के नेतृत्व में कलाकारों ने 120 फीट लम्बे केनवास पर फड़ कला के चित्र उकेरें हैं जिसमें भीलवाड़ा (शाहपुरा) के महान स्वतन्त्रता सेनानी ठाकुर केसरी सिंह, एव उनके भाई ठाकुर जोरावर सिंह के साथ क्रान्तिकारी विजय सिंह पथिक (बिजौलियां) की जीवनी को
चित्रात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है चित्र में ठाकुर केसरी सिंह द्वाारा लिखे गये "चेतावनी रा चूंगटिया" और ठाकुर जोरदार सिंह द्वारा अंग्रेजो पर बम फैंकने के दृश्य को प्रमुखता से चित्रित किया गया है। 
              उन्होंने  बताया कि विश्वप्रसिद्ध फड़ शैली की इन पेन्टिंग्स में भीलवाड़ा के चित्रकार ओम प्रकाश सालवी, छीतर जोशी, राहुल पाठक, महेश विश्नोई , राहुल सिंह, और राम प्रसाद स्वामी का भी योगदान रहा हैं।

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के साथ राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय तथा चंडीगढ़ के चित्कारा विश्वविद्यालय द्वारा भारत की सभी चित्रकला शैलियां जिसमे आधुनिक चित्रकला और समसामयिक कला पारम्परिक कलाओं में फड, कलमकारी, मांडना, पिछवाई, वरली, कांगडा शैली के ख्यातनाम चित्रकारों द्वारा भारतीय चित्रकला के माध्यम से स्वतन्त्रता सेनानियों को अनूठे ढंग से श्रृद्धांजलि दी जायेंगी।

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