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डीयू भर्ती :यूजीसी की नई गाइडलाइन से अभ्यर्थियों में खलबली

  • डीयू: शिक्षकों की नियुक्तियों के लिए स्क्रीनिंग व शॉर्टलिस्टिंग का कार्य जोरों पर
  • एक पोस्ट पर 30 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाया जाने से एडहॉक शिक्षकों में रोष ।
  • एमएचआरडी के 5 दिसंबर के पत्र को लागू करते हुए सभी एडहॉक टीचर्स को इंटरव्यू में बुलाने की मांग
  • फोरम ने वाइस चांसलर से की मांग

 

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों व  कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए विश्ववविद्यालय प्रशासन की ओर से कॉलेज प्रिंसिपलों को अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग व शॉर्टलिस्टिंग संबंधी गाइडलाइंस भेजी गई है ,गाइडलाइंस का पालन करते हुए आवेदन पत्रों की जांच चल रही है ।

   
         पिछले दिनों विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसरों  की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन निकाला गया था । आजकल विभागों में शिक्षकों के आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग का कार्य जोरों पर चल रहा है । स्क्रीनिंग के तहत विश्वविद्यालय के नियमानुसार विभागों की नियुक्ति में उन्हीं अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाया जाएगा जिनका एपीआई स्कोर सामान्य वर्गों व ओबीसी के लिए--65 है वहीं  एससी ,एसटी--60 एपीआई स्कोर होगा । विभाग के कई प्रोफेसरों ने बताया है कि उनके यहाँ एम.ए. एम.कॉम , एल.एल.एम ,एम.एड नेट /जेआरएफ के आधार पर बहुत से एडहॉक टीचर्स लंबे समय से लगे हुए हैं । ऐसी स्थिति में यदि स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया के अंतर्गत एससी/एसटी--60 और सामान्य व ओबीसी के अभ्यर्थियों को --65 एपीआई स्कोर पर बुलाया जाएगा तो वे इंटरव्यू प्रॉसेस से बाहर हो जाएंगे । जबकि पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय ने कहा था कि शिक्षकों की नियुक्तियों में पीएचडी की अनिवार्यता नहीं है । यदि पीएचडी की अनिवार्यता नहीं है तो जो एडहॉक टीचर्स वर्षो से लगे हुए है और जो एम.ए./एम कॉम नेट ,जेआरएफ के आधार पर विभागों में  असिस्टेंट प्रोफेसर लगे हुए है उन सभी को इंटरव्यू में बुलाने की मांग फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से की है ।

             फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन का कहना है कि उन्हें  बहुत से कॉलेजों के एडहॉक टीचर्स ने बताया है कि विश्वविद्यालय द्वारा भेजी गई गाइडलाइंस के अनुसार 10 से 20  फीसदी वे एडहॉक टीचर्स जो पिछले कई  वर्षों से कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं और जो एमए, एमकॉम, एमएससी ,नेट ,  जेआरएफ करके लगे हुए हैं वे सिस्टम से बाहर हो जाएंगे। इसको लेकर एडहॉक शिक्षकों में खलबली मची हुई है । उनका कहना है कि इस गाइडलाइंस के अनुसार बिना पीएचडी एससी/एसटी ,ओबीसी व विक्लांग अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए कॉल नहीं आएगा जबकि यूजीसी /शिक्षा मंत्रालय ने सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में पीएचडी से छूट मिली है फोरम  ने सभी एलिजिबल केंडिडेटस को इंटरव्यू में बुलाने की मांग की है ।

          फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों के लगभग 850 पदों पर व  कॉलेजों में 5000 से अधिक स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए डीयू के विभिन्न विभागों और संबद्ध कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए  स्क्रीनिंग का कार्य जोर शोर से  चल रहा है । उन्होंने बताया है कि यह स्क्रीनिंग  सब पुराने विज्ञापनों के आधार पर पदों को निकाला गया था  ,उनकी हो रही है जबकि उन विज्ञापनों की समय सीमा समाप्त हो चुकी है यदि कॉलेज / विश्वविद्यालय इन पदों को भरने के लिए कोरिजेंडम ( शुद्धिपत्र ) देता है तभी  मान्य है । डॉ . सुमन ने बताया है कि शिक्षा मंत्रालय व यूजीसी ने अपने सर्कुलर में  एससी/एसटी /ओबीसी के बैकलॉग पदों को भरने के लिए निर्देश दिए थे लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से इन पदों का बैकलॉग संबंधी कोई सर्कुलर नहीं भेजा । उनका कहना है कि बहुत से एडहॉक शिक्षक विश्वविद्यालय के इस नए क्राइटेरिया में सिस्टम से बाहर हो रहे हैं। साथ ही स्क्रीनिंग करते समय आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों का कॉलेजों में एपीआई स्कोर-- 45 से कम होने पर उन्हें इंटरव्यू में नहीं बुलाया जाएगा । अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन और कॉलेज आरक्षित श्रेणी के सभी उम्मीदवारों को इंटरव्यू में बुलाते रहे हैं। पूर्व वाइस चांसलर के समय आरक्षित श्रेणी के सभी उम्मीदवारों को इंटरव्यू में बुलाया गया और नियुक्ति भी की गई । 

               डॉ.  सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कॉलेजों को भेजी गई गाइडलाइंस के अनुसार कॉलेजों द्वारा तय किया गया शॉर्ट लिस्टिंग क्राइटेरिया के अंतर्गत सहायक प्रोफेसर पद के उम्मीदवारों को इंटरव्यू पर बुलाने के लिए --- एपीआई स्कोर इस तरह तय किया गया है--
ग्रेजुएशन--80 फीसदी से अधिक--21 अंक , 60 से 80 के बीच --19 अंक, 55 से 60 --16 अंक ,45 से 55 के बीच --10 अंक का प्रावधान है। इसी तरह पोस्ट ग्रेजुएशन --80 से अधिक --25 अंक है वहीं 60 से 80 के बीच--23 अंक ,50 से 60 के बीच (एससी, एसटी, ओबीसी, पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को 20 अंक दिए गए हैं । एमफिल--60 से अधिक--7 अंक यदि इससे कम है तो 5 अंक दिए हैं ।  पीएचडी को --25 अंक दिए गए है । वहीं  नेट/जेआरएफ--10 अंक , नेट --07 अंक है। इसके अतिरिक्त रिसर्च पब्लिकेशन--06 अंक  ,टीचिंग एक्सपीरियंस (शिक्षण अनुभव ) --10 दिए गए हैं । उन्होंने बताया है कि जो अभ्यर्थी अभी सिस्टम  में नहीं आए है और वे एम.ए ,एम .कॉम ,एमएससी  नेट/ जेआरएफ है तथा एनुअल मॉड से पढ़ाई की है वे एलिजिबल नहीं होंगे । उनका कहना है कि एपीआई स्कोर  कम होने पर उसे इंटरव्यू में नहीं बुलाना एमएचआरडी के 5 दिसम्बर 2019  के सर्कुलर की अवहेलना करना है। साथ ही पिछले दिनों यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियों में पीएचडी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है तो ऐसी स्थिति में उन्होंने इंटरव्यू में आरक्षित श्रेणी के सभी अभ्यर्थियों को बुलाने की मांग वाइस चांसलर से की है । साथ ही केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार सभी एससी/एसटी के उम्मीदवारों को इंटरव्यू में अभी तक बुलाया जाता रहा है ।

           उन्होंने बताया है कि एडहॉक शिक्षकों ने गत वर्ष वाइस चांसलर के ऑफिस पर धरना / प्रदर्शन किया था तब एमएचआरडी ने 5 दिसम्बर 2019  को सर्कुलर जारी कर उसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि जब तक एडहॉक टीचर्स की परमानेंट नियुक्ति नहीं हो जाती है उन्हें निकाला नहीं जाएगा। साथ ही जब भी परमानेंट पदों पर इंटरव्यू होंगे उन्हें इंटरव्यू में वेटेज देते हुए प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन  विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन एडहॉक शिक्षकों के लिए गाइडलाइंस तैयार कर कॉलेजों को भेजनी चाहिए स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा एपीआई स्कोर के नाम पर उन्हें बाहर न करे । डॉ. सुमन ने बताया है कि इन एडहॉक शिक्षकों में ज्यादातर इंग्लिश, इकनॉमिक्स, कॉमर्स और साइंस सब्जेक्ट्स के एडहॉक टीचर्स है जो एम ए, एम. कॉम, एमएससी ,नेट, जेआरएफ के आधार पर एडहॉक टीचर्स लगे हुए हैं। डॉ. सुमन ने चिंता जताई है कि केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के तहत एससी/एसटी/ओबीसी कोटे के उम्मीदवारों को अंकों, आयुसीमा, अनुभव आदि में छूट दी जाती  है । साथ ही इंटरव्यू के समय सभी उम्मीदवारों को बुलाए जाने का प्रावधान है लेकिन यूजीसी की नई गाइडलाइंस में एपीआई स्कोर रखने से वे एलिजिबल नहीं होंगे । उन्होंने वाइस चांसलर से मांग की है कि विभागों में कार्यरत्त एडहॉक टीचर्स को इंटरव्यू में बुलाया जाए , साथ ही जिन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन किया है उन्हें इंटरव्यू में शामिल किया जाए ।

                 डॉ.  सुमन  ने यह भी बताया है कि स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी नई गाइडलाइंस के अनुसार एक पोस्ट ( पद ) पर नियुक्ति के लिए 30 अभ्यर्थियों को बुलाने को कहा है ,साथ ही वे यूजीसी गाइडलाइंस के अनुसार एपीआई स्कोर पूरा करते है उनके  नाम वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा ,उन्हीं अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाया जायेगा । उन्होंने यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर से मांग की है कि एमएचआरडी के 5 दिसम्बर 2019 के सर्कुलर को लागू करते हुए एडहॉक टीचर्स को परमानेंट अपॉइंटमेंट्स के  इंटरव्यू के समय सभी को  बुलाया जाए साथ ही उन्हें प्राथमिकता देते हुए स्थायी किया जाए जैसा कि उस पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है । ऐसा करने से वे सिस्टम में बने रह सकते हैं।

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