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यूजीसी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज प्रिंसिपलों को नॉन टीचिंग पदों को भरने के लिए 31 मार्च 2023 तक का एक्सटेंशन दिया

* कॉलेज नहीं निकाल रहे हैं ओबीसी विस्तार योजना के पद । * कॉलेजों से गैर- शैक्षिक पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाले जाने की मांग की

 

    नई दिल्ली :  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) के अवर सचिव वी. तलरेजा ने  26 अप्रैल 2022 को दिल्ली विश्वविद्यालय के  कुलसचिव व कॉलेजों के प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी करते हुए ओबीसी विस्तार योजना के अंतर्गत स्वीकृत गैर - शैक्षिक पदों को भरे जाने की समय सीमा को आगे बढ़ाए जाने संबंधी दिशा निर्देश दिए थे और कहा था  कि इन सीटों को भरे जाने की एक निश्चित समय सीमा प्रदान की गई थीं  किंतु उस समय सीमा के अंतर्गत कॉलेजों ने इन स्वीकृत पदों को नहीं भरा । इसलिए यूजीसी ने इन स्वीकृत गैर-शैक्षिक पदों को ओबीसी विस्तार योजना के अंतर्गत एक साल के लिए अर्थात 31 मार्च 2023  तक विश्वविद्यालय तथा संबद्ध कॉलेजों को एक विशेष अभियान के तहत स्वीकृति दी है । यूजीसी द्वारा जारी सर्कुलर को 5 महीने बीत चुके है लेकिन कॉलेजों ने अपने यहाँ अभी तक गैर -शैक्षिक पदों का रोस्टर नहीं बनाया है और जिन कॉलेजों ने रोस्टर बनाकर विश्वविद्यालय प्रशासन से पास करा लिया उसका विज्ञापन नहीं निकाल रहे है । आम आदमी पार्टी से संबद्ध शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए ) ने ओबीसी विस्तार योजना के अंतर्गत गैर --शैक्षिक पदों को न निकाले जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है और डीयू कुलपति से जल्द से जल्द  इन पदों को भरने की मांग की है ।

                  डीटीए के अध्यक्ष डॉ.हंसराज सुमन ने बताया है कि यूजीसी के अवर सचिव ने डीयू के कुलसचिव व प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी करते हुए कहा था कि यूजीसी ने विश्वविद्यालय तथा इससे संबद्ध कॉलेजों से ओबीसी विस्तार योजना के तहत सीटों को भरने  के लिए दिए गए समय सीमा के अंतर्गत ना भरे जाने के संदर्भ में संज्ञान लेते हुए अफसोस जताया है  कि इन सीटों को भरे जाने की एक निश्चित  समय सीमा में विश्वविद्यालय / कॉलेजों के द्वारा समय सीमा के अंतर्गत इन स्वीकृत पदों को ना भरे जाने की अक्षमता को स्वीकार करते हुए अनेक पत्र प्राप्त हुए है जिनमें कहा गया है कि इन ओबीसी गैर -शैक्षिक पदों को एक निश्चित समय सीमा में नहीं भरा जा सका है और इन पत्रों में इन पदों को ना भरे जाने की अक्षमता के जो तर्क दिए गए है उनके आधार पर इन स्वीकृत गैर -शैक्षिक पदों को ओबीसी विस्तार योजना के तहत  एक साल के लिए अर्थात 31 मार्च 2023 तक एक निश्चित समय तक विश्वविद्यालय / कॉलेजों में एक विशेष अभियान के अंतर्गत स्वीकृति दी जाती है । 

                 उन्होंने बताया है कि यूजीसी द्वारा भेजे गए सर्कुलर में उन्होंने कॉलेजों को दिशा निर्देश दिए हैं कि ओबीसी विस्तार योजना के तहत स्वीकृत गैर-  शैक्षिक पदों को भरे जाने की समय सीमा 31मार्च 2023 तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया है । अब ओबीसी कोटे के इन पदों को भरने के लिए 31 मार्च 2023 तक एक्सटेंशन दे दिया गया है । कॉलेजों को जब से यूजीसी का सर्कुलर प्राप्त हुआ है तभी से प्रिंसिपल व लायजन ऑफिसर अपने -अपने कॉलेजों का रोस्टर खंगाल रहे है और पता लगा रहे है कि ओबीसी विस्तार योजना के तहत कितने पदों को भरा जाना है । कुछ कॉलेजों ने अपना रोस्टर तैयार कर विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजा हुआ है तो कुछ ने पास करा लिया है लेकिन कुछ कॉलेजों में स्थायी प्रिंसिपलों के न होने के कारण गैर- शैक्षिक पदों का विज्ञापन नहीं निकाल रहे हैं । 

                डॉ. हंसराज सुमन ने यूजीसी द्वारा ओबीसी विस्तार योजना के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में स्वीकृत गैर शैक्षिक पदों को भरे जाने की समय सीमा 31 मार्च 2023 तक तय तो कर दी गई मगर कॉलेजों के प्रिंसिपलों को इन पदों को भरने के लिए रोस्टर तैयार कर उसे पास कराकर जल्द से जल्द विज्ञापन निकालने चाहिए लेकिन अभी भी कुछ  प्रिंसिपल रोस्टर खंगाल रहे है तो कुछ दिलचस्पी नहीं ले रहे है ।   उन्होंने बताया है कि ओबीसी कोटे के गैर-- शैक्षिक पदों को भरने के लिए ओबीसी व एससी/एसटी के संगठनों ने यूजीसी को कई बार लिखा था साथ ही इन पदों के सेवा विस्तार योजना के अंतर्गत उनका विस्तार दो वर्ष तक बढ़ाने की बढ़ाने की मांग की थीं लेकिन कोविड-19 को देखते हुए ऐसा संभव नहीं हो सका ,इसलिए यूजीसी ने इन पदों को भरने के लिए 31 दिसंबर 2021 रखा । बाद में फिर तिथि बढ़ाई कुछ समय कॉलेजों को दिया था लेकिन वे इन पदों को  कोविड के कारण भर नहीं सके । उन्होंने बताया है कि यूजीसी ने विश्वविद्यालय व संबद्ध कॉलेजों से ओबीसी विस्तार योजना के अंतर्गत सीटों को दिए गए समय सीमा के अंतर्गत ना भरे जाने के संदर्भ में संज्ञान लेते हुए अफसोस जताया है कि इन सीटों को भरे जाने की एक निश्चित समय सीमा उन्हें दी थीं लेकिन वे इन पदों को नहीं भर सकें । इसी कारण कॉलेजों को गैर -शैक्षिक पदों को  31 मार्च 2023 तक भरने का समय दिया गया है । 

               डॉ.सुमन ने बताया है कि ओबीसी कर्मचारियों के गैर-- शैक्षिक पदों को कॉलेजों द्वारा 31 मार्च 2021 तक उन्हें भरा जाना था लेकिन अधिकांश कॉलेजों में इन पदों के विज्ञापन ही नहीं निकाले थे उसके बाद एससी, एसटी, ओबीसी कर्मचारियों के संगठनों ने यूजीसी को पत्र लिखा था उसके बाद यूजीसी ने इन पदों को भरने के लिए एक वर्ष का एक्सटेंशन देते हुए भरने का निर्देश दिया था। उसके बाद कोविड-19 के कारण इन पदों को नहीं निकाला गया तब जाकर यूजीसी ने 26 अप्रैल 2022 को पुनः  इन पदों को भरने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया है कि दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में सबसे ज्यादा ओबीसी कोटे के रिक्त पद पड़े हुए हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार के कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन से निवेदन किया है कि वे प्रिंसिपलों को रोस्टर रजिस्टर तैयार करने व उसे विश्वविद्यालय प्रशासन से पास कराकर जल्द से जल्द  विज्ञापन निकालने की मांग की है ।

                   डॉ. सुमन ने बताया है कि यूजीसी द्वारा कॉलेजों को भेजे गए दिशा निर्देश स्वीकृत गैर शैक्षिक पदों को भरे जाने की समय सीमा 31 मार्च  2023 तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया है । उनका कहना है कि यूजीसी के द्वारा इसके उपरांत किसी भी स्थिति में इन पदों को भरे जाने की समय सीमा संबंधी किसी भी आवेदन को अस्वीकृत कर दिया जाएगा । डॉ. सुमन ने कॉलेजों के प्रिंसिपलों से मांग की है कि वे यूजीसी द्वारा ओबीसी कोटे के स्वीकृत पदों को भरने संबंधी जो दिशा निर्देश यूजीसी ने 26 अप्रैल 2022 को जारी किए हैं वे कॉलेज अपने यहां ओबीसी पदों को भरने के लिए जल्द से जल्द गवर्निंग बॉडी से पास कराकर इन पदों के विज्ञापन निकाले । उनका यह भी कहना है कि जो कॉलेज ओबीसी विस्तार योजना के तहत इन पदों को ना भरे  ऐसी स्थिति में उन कॉलेजों की  ग्रांट रोक देनी चाहिए ।

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