Institutional Activities

स्वदेशी प्रेम से होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार : प्रो टंकेश्वर कुमार

केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा में प्रदर्शनी का अयोजन

स्वदेशी प्रेम से होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार- प्रो. टंकेश्वर कुमार

महेंद्रगढ़ । हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में वीरवार से जिला महेंद्रगढ़ खादी ग्रामोद्योग कार्यकर्त्ता संघ, नारनौल के सहयोग से दो दिवसीय स्वदेशी वस्तुओं की प्रदर्शनी की शुरूआत हो गई। प्रदर्शनी का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने किया। विश्वविद्यालय के इनोवेशन एण्ड एन्क्यूबेशन प्रकोष्ठ के प्रयासों से आयोजित इस प्रदर्शनी के संबंध में कुलपति ने कहा कि अवश्य ही इसके माध्यम से विद्यार्थियों, शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों में स्वदेशी प्रेम का भाव विकसित होगा। कुलपति ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए जमीनी स्तर पर समय-समय पर इस तरह के आयोजन आवश्यक हैं।
कुलपति ने विश्वविद्यालय के इनोवेशन एण्ड एन्क्यूबेशन प्रकोष्ठ की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दिए गए वोकल फॉर लोकल के नारे व आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में उल्लेख प्रयास किए जा रहे हैं। इस मौके पर उपस्थित इनोवेशन एण्ड एन्क्यूबेशन प्रकोष्ठ की संयोजक प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने खादी ग्रामोद्योग द्वारा निर्मित उत्पादों के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि यह बेहद उपयोगी, इकोफ्रेंडली व स्वदेशी उत्पाद हैं। उन्होंने बताया कि प्रकोष्ठ के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु निरंतर प्रयास जारी हैं। जिसमें नए आइडिया के विकास से लेकर उनके क्रियान्वयन तक की दिशा में कोशिशें की जा रही हैं। विश्वविद्यालय में आयोजित इस दो दिवसीय प्रदर्शनी के संदर्भ में जानकारी देते हुए जिला महेन्द्रगढ खादी ग्रामोद्योग कार्यकर्त्ता संघ के सचिव बलवंत शर्मा ने कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व प्रकोष्ठ की संयोजक प्रो. सुनीता श्रीवास्तव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से खादी के उत्पादों को विश्वविद्यालय के विभिन्न सहभागियों तक पहुँचा पाना संभव हुआ है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. सारिका शर्मा सहित इनोवेशन एण्ड एन्क्यूबेशन प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. पवन कुमार मौर्य, डॉ. अनूप यादव, सुनील अग्रवाल भी उपस्थित रहे।

Click Here for More Institutional Activities