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गेस्ट टीचर्स को आरक्षण ना दिये जाने पर एससी एसटी कमीशन में याचिका

गेस्ट टीचर्स में है आरक्षण--डॉ. सुमन ने आयोग में दायर याचिका में कहा है कि डीयू के विभागों व कॉलेजों में भारत सरकार के नियमों को लागू करते हुए रोस्टर और आरक्षण के नियमों को लागू किया गया है कुछ कॉलेज है जो एक-एक पदों को निकालकर उन्हें सामान्य वर्गो से भरना चाहते हैं ।

* दिल्ली सरकार के विवेकानंद कॉलेज द्वारा गेस्ट टीचर्स के पदों में आरक्षण ना दिए जाने पर  फोरम ने एससी/एसटी कमीशन व ओबीसी कमीशन में  विशेष याचिका दायर की ।

* विवेकानंद कॉलेज गेस्ट टीचर्स के पदों पर नहीं दे रहा है एससी/एसटी/ओबीसी , पीडब्ल्यूडी व ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को आरक्षण ।

नई दिल्ली। :- फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन  ने दिल्ली सरकार से संबद्ध विवेकानंद कॉलेज ने विभिन्न विभागों में निकाले गए अतिथि शिक्षकों ( गेस्ट टीचर्स ) के पदों पर एससी/एसटी/ओबीसी ,विक्लांग व ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को आरक्षण ना दिए जाने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग , एससी/एसटी के कल्याणार्थ संसदीय समिति व राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में एक विशेष याचिका दायर की है। उन्होंने बताया है कि कॉलेज ने अपने यहाँ गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन 2 अगस्त 2023 को दिया है । कॉलेज द्वारा विश्वविद्यालय के विभागों के एडहॉक पैनल में दर्ज उम्मीदवारों से 8 अगस्त तक आवेदन व उनसे बायोडाटा मांगा गया है । साक्षात्कार की तिथि व अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए कॉलेज की वेबसाइट पर --www.vivekanandacollege.edu.in पर अपडेट देखें ।

                       डॉ. सुमन ने आयोग में दायर याचिका में लिखा है कि विवेकानंद कॉलेज द्वारा अतिथि शिक्षकों के पदों पर आरक्षण न देकर यूजीसी व डीओपीटी के नियमों की सरेआम अवहेलना की है । कॉलेज आरक्षित पदों को सामान्य वर्गों से भरना चाहता है जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य कॉलेज आरक्षण नीति के तहत सभी भर्तियों में चाहे परमानेंट , टेम्परेरी , कंट्रक्चुयल व गेस्ट फैकल्टी में आरक्षण के हिसाब से पदों को भर रहे हैं । उन्होंने विवेकानंद कॉलेज के पदों के विज्ञापन पर तुरंत रोक लगाने व उसे समन जारी करने की मांग की है।
   
             डॉ. सुमन ने विशेष याचिका दायर करते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को बताया है कि दिल्ली सरकार से संबद्ध विवेकानंद कॉलेज ने अपने यहां विभिन्न विभागों में गेस्ट टीचर्स के पद निकाले है लेकिन निकाले गए पदों में किसी तरह का आरक्षण नहीं दिया गया। उनके अनुसार इन विभागों में -- बायोकेमिस्ट्री , फिजिकल साइंस , फिजिक्स , केमेस्ट्री , लाइफ साइंस , बॉटनी , ज्योलॉजी ,डेवलपमेंटएंड कोमनिकेशन एक्सटेंशन , ह्यूमन डेवलपमेंट , फूड एंड न्यूट्रिशन , फूड एंड अपारिल स्टरडीज , फिजियोलॉजी आदि पदों के विज्ञापन निकाले है । उन्होंने बताया है कि विवेकानंद कॉलेज ने भारत सरकार , यूजीसी व डीओपीटी की आरक्षण नीति  की सरेआम अवेहलना करते हुए इन पदों को सामान्य वर्गो से भरना चाहते है । कॉलेज द्वारा इन पदों पर किसी तरह का कोई आरक्षण नहीं दिया गया । उनका कहना है कि वे इन पदों पर बिना आरक्षण के इंटरव्यू नहीं होने देंगे। उन्होंने एससी, एसटी आयोग को कहा है कि वे कॉलेज को सम्मन जारी करे और फिर से आरक्षण दिलाते हुए पदों को विज्ञापित कराए।

          डॉ.सुमन ने बताया है कि डीयू के अधिकांश कॉलेज  अपने यहां एडहॉक पदों के स्थान पर गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति कर रहे हैं। कॉलेज जब भी गेस्ट टीचर्स के पदों को निकालते है तो उसमें टीचिंग रोस्टर के हिसाब से जिस भी श्रेणी के पद बनते हैं उसे निकालकर आरक्षण के हिसाब से पदों को भर रहे हैं लेकिन विवेकानंद कॉलेज ने अपने यहाँ विभिन्न विभागों में निकाले गए पदों पर किसी तरह का आरक्षण नहीं दिया । कॉलेज द्वारा आरक्षित पदों पर आरक्षण न देना यूजीसी व डीओपीटी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है । उन्होंने बताया है कि पिछले दिनों बहुत से कॉलेजों में गेस्ट टीचर्स के पदों के विज्ञापन निकाले गए जिनमें -- राजधानी कॉलेज , सत्यवती कॉलेज , हंसराज कॉलेज , श्यामलाल कॉलेज , श्री अरबिंदो कॉलेज , मोतीलाल नेहरू कॉलेज आदि इन कॉलेजों ने आरक्षण के हिसाब से पदों को विज्ञापित कर सभी श्रेणी के उम्मीदवारों से पदों को भरा है । उन्होंने यह भी बताया है कि गेस्ट टीचर्स के इंटरव्यू में सभी श्रेणियों के उम्मीदवारों को नहीं बुलाया जाता। पैनल में दर्ज एक से चार तक की श्रेणी के उम्मीदवारों को ही बुलाते हैं जबकि एससी/एसटी/ओबीसी , पीडब्ल्यूडी व ईडब्ल्यूएस कोटे के ज्यादातर उम्मीदवार पांच, छह व सातवीं श्रेणी में आते हैं।

 गेस्ट टीचर्स में है आरक्षण--डॉ. सुमन ने आयोग में दायर याचिका में कहा है कि डीयू के विभागों व कॉलेजों में भारत सरकार के नियमों को लागू करते हुए रोस्टर और आरक्षण के नियमों को लागू किया गया है कुछ कॉलेज है जो एक-एक पदों को निकालकर उन्हें सामान्य वर्गो से भरना चाहते हैं । उन्होंने इस संदर्भ में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह से मांग की है कि वह जल्द ही पुनः आरक्षण और रोस्टर को सही से लागू कराने के लिए कॉलेजों को एक सर्कुलर जारी करें  जिसमें यह सख्त निर्देश दिए गए हो कि जब भी गेस्ट टीचर्स के पदों पर नियुक्ति हो उसमें रोस्टर और आरक्षण का केंद्र सरकार के नियमानुसार एससी, एसटी ,ओबीसी ,ईडब्ल्यूएस  और पीडब्ल्यूडी के उम्मीदवारों को आरक्षण दिया जाये ताकि इन वर्गों के साथ  सामाजिक न्याय हो और सभी वर्गों को उनका हक मिल सकें।

 
 

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