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हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित

प्रो. ए.के. जमखेडकर ने किया संबोधित

 

हरियाणा: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आदर्श राजाः कौटिल्य और भगवद गीता में राजर्षु की अवधारणा विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डी.ई.सी.सी.ए.एन., पुणे के कुलाधिपति प्रो. ए.के. जमखेडकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की। अध्यक्षीय संबोधन प्रो. टंकेश्वर कुमार  ने कौटिल्य और भगवद गीता के बारे में विद्यार्थियों जानकारी प्रदान की ।

विशेषज्ञ व्याख्यान की शुरूआत में विश्वविद्यालय में आजादी का अमृत महोत्सव अभियान की नोडल ऑफिसर प्रो. सारिका शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. गौरव सिंह ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए व्याख्यान की रूपरेखा प्रस्तुत की। इसी क्रम में मुख्य अतिथि का परिचय प्रो. दिनेश ने प्रस्तुत किया। व्याख्यान के मुख्य अतिथि प्रो. ए. के. जमखेडकर अपने व्याख्यान में आदर्श राजाः कौटिल्य और भगवद गीता में राजर्षु की अवधारणा, अस्वमेद, वज्पेया एवं रजस्या के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया। उन्होंने बौद्ध दर्शन पर चर्चा करते हुए चक्रवर्ती की धारणा एवं महासम्मत के बारे में विस्तार से व्याख्या की। प्रो. जमखेडकर ने जैन धर्म के अंतर्गत आसी, मासी, कशी अर्थात् तकनीकी लेखन एवं कृषि पर चर्चा के साथ कौटिल्य के अर्थशास्त्र की अवधारणा एवं एक राजा किन-किन गुणों के अधिकारी होने चाहिए पर भी प्रकाश डाला। 

कार्यक्रम के अंत में प्रो. प्रमोद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के माध्यम से आजादी के बाद विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों का स्मरण करना चहिए। उन्होंने आजादी के महत्व और आजाद भारत में विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास और भविष्य की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञ व्याख्यान में प्रो. नन्द किशोर, डॉ. मंजु, डॉ. सरन प्रसाद, डॉ. अमित, डॉ. रेनु, डॉ. आरती, दिलीप, डॉ. चाँद वीर सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोद्यार्थी, विद्यार्थियों सहित शिक्षणेत्तर कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित रहे

 

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